ये योगासन दफ्तर में दूर करेंगे थकान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
शारीरिक सक्रियता कम होने के कारण कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। भले ही लोग प्रतिदिन सुबह सैर पर जाते हैं और पैदल चलकर शरीर को सक्रिय बनाने की कोशिश करते हैं लेकिन दफ्तर में घंटों बैठकर काम करने से कमर, पीठ और गर्दन में दर्द होने लगती है। दफ्तर का कार्य 8 से 10 घंटे का होता है, इस दौरान कर्मचारी डेस्क पर लगातार एक ही मुद्रा में बैठकर कार्य करते हैं। कर्मचारी के मन और शरीर दोनों पर ही इसका प्रभाव पड़ता है। शरीर दर्द के साथ ही चर्बी बढऩे की भी शिकायत होने लगती है। कुर्सी पर बैठकर काम करने से मोटापा बढऩे लगता है और पेट निकलने लगता है। व्यायाम और योगाभ्यास से शारीरिक परेशानियों और मोटापे को कम किया जा सकता है। हालांकि दैनिक जीवन में अगर आपके पास व्यायाम या योग का वक्त नहीं होता है तो इसे दफ्तर में ही कर सकते हैं। ऐसे योगासन दफ्तर में कुर्सी पर बैठकर कर सकते हैं।
चेयर पोज
इस आसन को मार्जरी बितिलासन कहते हैं। चेयर पोज को उत्कटासन योग के नाम से भी जाना जाता है। इसके अभ्यास से तनाव, सिरदर्द, कमर दर्द से छुटकारा मिल सकता है। चेयर पोज रीढ़ की हड्डियों और पैरों को मजबूती देता है और शरीर के निचले हिस्से पर असर दिखता है। इसे करने के लिए चेयर पर बैठकर रीढ़ की हड्डी को सीधा करें और दोनों दोनों पैरों को फर्श पर रखें। दोनों हथेलियों को पैरों के घुटनों पर रखकर लंबी सांस को भीतर की ओर खींचते हुए सीने को बाहर की ओर निकालें। कंधे को पीछे की ओर ले जाएं और धीरे धीरे सांस छोड़ें। रीढ़ की हड्डी को पीठ की तरह ले जाकर मोड़ें। इस आसन को कम से कम पांच बार दोहराएं। उत्कटासन योग से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ का जिक्र मिलता है, हालांकि कुछ स्थितियों में इसे न करने की सलाह दी जाती है। जिन लोगों को घुटने का दर्द, गठिया या टखने में मोच की समस्या हो उन्हें इस योग मुद्रा का अभ्यास नहीं करना चाहिए। विशेष ध्यान रखें, मासिक धर्म या पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने पर इस योग मुद्रा का अभ्यास करने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें।
ऊर्ध्व हस्तासन
ऊर्ध्व का अर्थ होता है ऊपर और तान का अर्थ तानना अर्थात शरीर को ऊपर की और तानना ही ऊर्ध्व हस्तासन है। अनजाने में ही व्यक्ति कभी-कभी आलसवश दोनों हाथ ऊपर करके शरीर तान देता है। शरीर को ऊपर की ओर तानते हुए त्रिबंध की स्थिति में स्थिर रहना चाहिए।
दफ्तर में लगातार काम करने से तनाव हो सकता है, इस आसन के अभ्यास से तनाव कम होता है और रीढ़ की हड्डी सीधी होती है। गर्दन, कमर और पीठ का दर्द ऊर्ध्व हस्तासन से दूर हो सकता है। इस आसन का अभ्यास करने के लिए कुर्सी पर बिल्कुल सीधा बैठकर सांस को अंदर की ओर खींचे और दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं। कुछ देर इसी पोज में रहने के बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे ले आएं। इस योग को 10 से 15 बार दोहराएं।
दफ्तर में करें स्ट्रेचिंग
दफ्तर में कुर्सी पर बैठकर आसानी से स्ट्रेचिंग करके थकान और शरीर में होने वाले दर्द से राहत पा सकते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन और मांसपेशियों में हो रहे दर्द से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल कम होता है। इसे करने के लिए कुर्सी पर बैठकर बाहों को ऊपर उठाएं और दोनों हाथों को सिर के ऊपर लाएं। अब दोनों हाथों को सिर के ऊपर क्रॉस करके शरीर को कमर के ऊपर की ओर खींचे और हाथों पर जोर दें। सांस को अंदर खींचते हुए हाथों और शरीर के ऊपर भाग को स्ट्रेच करें। तीन से चार बार इस प्रक्रिया को दोहराएं। प्रतिदिन स्ट्रेचिंग का अभ्यास करने से शरीर में लचीलापन आने लगता है जिससे कि पांव आदि को खोलने, मोडऩे में न तो दर्द होता है और अपने आप ही यह ज्यादा मुडऩे- खुलने लगते हैं, ऐसा होने पर इंसान कठिन से कठिन आसन बड़ी आसानी से करने लगता है इसलिए पांव की स्ट्रेचिंग का अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए।