कांग्रेस के इस प्लान ने बढ़ाईं BJP के धड़कनें, कर्नाटक में मुश्किल हुई भाजपा की राह

बेंगलुरु। देश के अंदर लोकसभा चुनावों को लेकर सरगरमी काफी बढ़ गई है। हर ओर सिर्फ चुनावी आहट ही सुनाई दे रही है। चाय की दुकान से लेकर शाम को मोहल्ले में लगने वाली पंचायत तक, घरों से लेकर ऑफिसों तक हर ओर बस चुनाव की चर्चा ही हो रही है। हर कोई इसी पर बात कर रहा है कि किसकी कितनी सीटें आ रही हैं। भाजपा 400 पार जा रही है या फिर 10 के बाद देश में इस बार सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है। चुनावी चर्चाएं जोर हैं, सबके अपने-अपने कयास हैं। इस सबके बीच राजनीतिक दल भी अपनी-अपनी योजनाओं व रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। इस बीच राजनीतिक दल अपने-अपने प्रत्याशियों का ऐलान करने व सीट बंटवारों को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। तो वहीं राजनीतिक दलों द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार जारी है। और सियासतदारों द्वारा एक दल से दूसरे दल में जाने का खेल भी निरंतर खेला जा रहा है।

इस बीच कर्नाटक में भी सियासी हलचल काफी तेज है। एक ओर देश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा है जो प्रदेश में पार्टी की अंदरूनी कलह और बगावत से परेशान है। जिसके चलते कर्नाटक की राह उसके लिए मुश्किल होती जा रही है। तो वहीं दूसरी ओर है प्रदेश की सत्ताधारी दल कांग्रेस। जो प्रदेश में तो सत्ता में है लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा पिछले चुनाव में हावी रही थी। इसलिए इस बार कांग्रेस कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है। और प्रदेश में सत्ता में होने का और भाजपा की अंदरूनी कलह का फायदा उठाकर इस बार भाजपा को कड़ी पटखनी देने का विचार बना रही है। ताकि राज्य की अधिक से अधिक सीटों पर जीत हासिल की जा सके। वैसे कांग्रेस इस बार राज्य की 28 सीटों में से कम से कम 20 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है। हालांकि, अब अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए कांग्रेस ने कमर कसनी शुरू कर दी है। और प्रदेश इकाई के अपने नेताओं को जनता के बीच जाकर पार्टि हित के लिए कार्य करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं। इस बीच कांग्रेस ने कर्नाटक में अपने सभी 28 सीटों पर उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं। जिसमें आठ नामों की घोषणा पार्टी पहले ही कर चुकी थी। जबकि 17 नामों की घोषणा कांग्रेस ने अपनी तीसरी सूची में की है।यानी कांग्रेस ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है।

लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने 57 उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी कर दी है। इसमें कर्नाटक की 17 सीटों के भी प्रत्याशी तय कर दिए गए हैं। इस लिस्ट में कर्नाटक से कुछ ऐसे नाम हैं जो घोषित होने के बाद चर्चा में बने हुए हैं। इस लिस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दामाद राधाकृष्ण को कर्नाटक के गुलबर्गा से टिकट दिया गया है। बता दें कि यहां से खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी सांसद रह चुके हैं। जाहिर है कि कर्नाटक में लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं। कांग्रेस ने सभी सीटों के प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने आठ उम्मीदवारों के नाम पहले घोषित किए थे। जबकि 17 सीटों के लिए अपनी तीसरी सूची में उम्मीदवारों का ऐलान किया है। वहीं बता दें कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए अब तक कुल 138 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। उसने पहली सूची में 39 और दूसरी सूची में 43 उम्मीदवार घोषित किए थे। जबकि 57 उम्मीदवारों का ऐलान पार्टी ने अपनी तीसरी सूची में किया है। गौरतलब है कि देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होंगे। इसके बाद छह और चरणों में 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को मतदान होगा। कर्नाटक के लिए जारी उम्मीदवारों की सूची में कांग्रेस ने बीजेपी के युवा मोर्चा के प्रमुख तेजस्वी सूर्या के समाने सौम्या रेड्‌डी को उतारा है। उन्हें पार्टी ने बेंगलुरू दक्षिण से टिकट दिया है।.

इसके अलावा अपने 17 उम्मीदवारों की सूची में कांग्रेस ने चिक्कोडी से प्रियंका जारकीहोली, बेलगाम से एम रविंद्र हेब्बालकर, बागलकोट से संयुक्ता एस पाटिल, गुलबर्गा से राधाकृष्ण, रायचूर से जी कुमार नाइक, बीदर से सागर खांद्रे, कोप्पल से के राजशेखर बसवराज हितनाल, धारवाड़ से विनोद असूती, उत्तर कन्नड़ से डॉ. अंजली निंबालकर, दावणगेरे से प्रभा मल्लिकार्जुन, उडुपी चिकमगलूर से डॉ. जय प्रकाश हेगड़े, दक्षिण कन्नड़ से पदमराज, चित्रदुर्ग से बी एस चंन्द्रप्पा, मैसूर से एम लक्षमण, बेंगलुरु उत्तर से प्रो. एम वी राजीव गौड़ा, बेंगलुरु सेंट्रल से मंसूर अली खान और बेंगलुरु दक्षिण से सौम्या रेड्‌डी को अपना उम्मीदवार बनाया है।

कांग्रेस की तरफ से 17 उम्मीदवारों के ऐलान से पहले कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष व प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा था कि राज्य की शेष लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस ने सब कुछ तय कर लिया है। उन्होंने कहा कि मेरे 40 साल के राजनीतिक करियर में इस बार ज्यादातर युवाओं, महिलाओं, पढ़े लिखे और नए चेहरों को टिकट दिया गया है। वे चुनाव जीतेंगे और आने वाले दिनों में पार्टी के स्तंभ बनेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या केवल मंत्रियों के बेटे और बेटियां ही इस श्रेणी में आते हैं, शिवकुमार ने कहा कि टिकट उन्हें दिया जाता है जो मांग करते हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं को भी नामांकित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम उन लोगों को टिकट नहीं दे सकते, जिन्होंने मांगे ही नहीं। सबसे पहले, उनकी अपनी इच्छा होनी चाहिए और उनमें प्रतिबद्धता होनी चाहिए। जाहिर है कि प्रदेश में अच्छे प्रदर्शन की इकाई डीके शिवकुमार के कंधों पर काफी हद तक निर्भर है। क्योंकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की शानदार जीत में डीके शिवकुमार की एक बड़ी भूमिका रही है। इसलिए विधानसभा के बाद अब लोकसभा चुनावों में भी पार्टी की नैय्या पार कराने की जिम्मेदारी शिवकुमार के कंधों पर हैं।

वहीं चुनावी मौसम में भारतीय जनता पार्टी को घेरते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भाजपा पर जमकर हमला भी बोला। कांग्रेस कर्नाटक इकाई के मुखिया डीके शिवकुमार ने आरोप लगाया कि भाजपा विपक्ष का जबरन दमन कर रही है क्योंकि उसे आगामी आम चुनाव हारने का डर है। एक संवाददाता सम्मेलन में शिवकुमार ने कहा कि भाजपा मौजूदा मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार कर रही है। विपक्षी दलों के खाते जब्त कर रही है और राज्यपालों का दुरुपयोग कर रही है। उन्हें आगामी चुनाव में हार का डर है। शिवकुमार ने आगे कहा कि हम एक लोकतांत्रिक माहौल में काम कर रहे हैं। हमने 78 लाख लोगों को कांग्रेस पार्टी में शामिल किया। हमने पार्टी कार्यकर्ताओं से करीब 90 करोड़ रुपये एकत्र किए। हमने विधानसभा चुनाव के दौरान विधायक टिकट के दावेदारों में से प्रत्येक से 2 लाख रुपए एकत्र किए, जो 20 करोड़ रुपए थे। वह सारा पैसा भाजपा ने जब्त कर लिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा ने आयकर उल्लंघन के बहाने लगभग 290 करोड़ रुपए जब्त किए। हमारी पार्टी को चुनावी बांड का योगदान केवल 11 प्रतिशत है, जबकि भाजपा को 57 प्रतिशत है।

जब हम पार्टी के कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो भाजपा ने आइटी उल्लंघन के बहाने बैंक खातों में 290 करोड़ रुपये जब्त कर लिए। पार्टी चुनाव के लिए विज्ञापन नहीं दे पा रही है। कोर्ट से भी हमें राहत नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि मैंने पिछले 40 वर्षों में राजनीति को इस स्तर तक गिरते नहीं देखा। भाजपा सिर्फ खुद को हार से बचाने के लिए विपक्ष के खिलाफ छल-बल का प्रयोग कर रही है। शिवकुमार ने कहा कि पार्टी भाजपा के अत्याचार की निंदा करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2004 में इंडिया शाइनिंग अभियान चलाया था, लेकिन कांग्रेस चुनाव जीत गई। भाजपा को डर है कि वे इसी तरह यह चुनाव भी हार जाएंगे। कांग्रेस पार्टी भाजपा की मनमानी की निंदा करती है। प्रधानमंत्री मोदी हमारी गारंटी योजनाओं पर आरोप लगा रहे थे। अब उन्होंने हमारी गारंटी योजनाओं को चुरा लिया है और इसके बारे में विज्ञापन कर रहे हैं।. लोग हमारे काम से अवगत हैं और हमें विश्वास है कि वे हमारा समर्थन करेंगे।

जाहिर है कि कर्नाटक में इस बार मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है। एक ओर भाजपा है जो अपने 2019 के प्रदर्शन को बरकरार रखना चाह रही है। हालांकि, ये इसके लिए आसान नहीं है। क्योंकि इस बार हालात 2019 से काफी अलग हैं। और पार्टी के अंदर प्रदेश में अंदरूनी कलह व बगावत भी लगातार बनी हुई है। जो भाजपा की मुश्किलें बढ़ा रही है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इस बार भाजपा में मची कलह और बगवात व प्रदेश में अपने सत्ता में होने का लाभ लेना चाह रही है। कर्नाटक की 28 में से अधिक से अधिक सीटों पर जीत हासिल करना चाह रही है। फिलहाल क्या होता है ये तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा। लेकिन कांग्रेस ने अपने रणबांकुरों का ऐलान कर दिया है। जबकि भाजपा के अंदर मची अंतरकलह ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं और इसी वजह से प्रदेश में बीजेपी पिछड़ती दिखाई पड़ रही है।

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