बाराबंकी: डीएम और सीडीओ के उत्पीडऩ से तंग बीडीओ ने दिया इस्तीफा, नौकरशाही में हड़कंप
बाराबंकी के रामनगर ब्लाक के बीडीओ ने अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप
अपर मुख्य सचिव ने आयुक्त ग्राम्य विकास को सौंपी जांच, मांगी रिपोर्ट
पीडीएस संघ भी लामबंद, डीएम आदर्श सिंह ने इस्तीफे की सूचना मिलने से किया इंकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश में तीन आईएएस अधिकारियों के बाद अब एक खंड विकास अधिकारी के इस्तीफे ने एक बार फिर शासन सत्ता पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। बाराबंकी में रामनगर ब्लाक के बीडीओ अमित त्रिपाठी ने डीएम और सीडीओ पर उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है। इससे नौकरशाही में हड़कंप मच गया है। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आयुक्त ग्राम्य विकास को जांच के आदेश दिए हैं।
बीडीओ अमित त्रिपाठी ने अपना इस्तीफा आयुक्त ग्राम्य विकास को भेजा है। देर रात वायरल हुए इस्तीफे में पीडि़त बीडीओ ने जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह और सीडीओ एकता सिंह पर उत्पीडऩ का आरोप लगाया है जिसके बाद पीडीएस संघ भी लामबंद हो गया है। इसको लेकर जिलाधिकारी ने एक डेढ़ घंटे तक बीडीओ से बात की और समझाने की कोशिश भी की। सोशल मीडिया पर वायरल हुए पत्र में बीडीओ अमित त्रिपाठी ने सीधे जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह और सीडीओ एकता सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पिछले एक महीने से इन दोनों अधिकारियों द्वारा उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। वहीं डीएम डॉ. आदर्श सिंह ने कहा उन्हें ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है। बीडीओ के त्यागपत्र को लेकर अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आयुक्त ग्राम्य विकास को पूरे मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव ने ग्राम्य विकास आयुक्त को जांच के लिए दिए गए निर्देश में कहा है कि खंड विकास अधिकारी रामनगर अमित त्रिपाठी ने अपने पत्र में मुख्य विकास अधिकारी व जिलाधिकारी द्वारा मानसिक रूप से अत्यधिक प्रताडि़त करने व अपमानित करने से परेशान एवं मजबूर होकर त्याग पत्र दे दिया है। पत्र में अंकित तथ्यों की जांच कराकर स्पष्ट संस्तुति सहित आख्या शासन को तत्काल उपलब्ध कराएं।
आवास पर बुलाकर धमकाया था डीएम ने
इस्तीफे में जो मुख्य वजह बताई गई है उसमें बीडीओ ने बताया है कि डीएम द्वारा उसका तबादला पूरे डलई करने के बाद सांसद उपेंद्र सिंह रावत के अनुरोध पर तबादला निरस्त कर दिया था जबकि उन्होंने कोई सिफारिश नहीं कराई थी। बीडीओ का आरोप है कि डीएम आवास पर उसे बुलाकर डांटा गया और भविष्य में अंजाम भुगतने की धमकी तक दी गई। इतना ही नहीं पीडि़त ने 31 जून के निरीक्षण के दौरान उसे बुखार में मौके पर बुलाना और डीएम द्वारा फटकारने का भी आरोप लगाया है। अमित ने डीएम पर एसीआर खराब करने की बात भी पत्र में कही है। इन्हीं सब कारणों की वजहों को पीडि़त बीडीओ ने अपने पद से इस्तीफा देने का कारण बताया है।
सपा नेता आजम खां की तबीयत बिगड़ी मेदांता में भर्ती
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य तथा वरिष्ठ नेता आजम खां की तबीयत खराब हो गई है। रामपुर सदर से दसवीं बार विधायक आजम खां को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मेदांता अस्पताल में क्रिटिकल केयर विभाग की टीम उनके स्वास्थ्य की जांच में लगी है।
लखनऊ प्रवास के दौरान बुधवार रात से आजम खां की तबीयत कुछ खराब होने लगी थी। दिन में असहज महसूस करने के बाद उनका डाक्टर्स ने चेकअप किया। इसके बाद उनको किसी अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी। आजम खां को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आजम खां को निमोनिया और सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां मेदांता की क्रिटिकल केयर टीम आजम खां के इलाज में लगी है।
लखनऊ: पीडब्ल्यूडी मुख्यालय के कमरे में मिला क्लर्क का शव, सनसनी
पत्नी ने जताई हत्या की आशंका, पुलिस को मौके पर मिलीं शराब की बोतलें
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। हजरतगंज इलाके में पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में तैनात क्लर्क का शव संदिग्ध हालत में मिलने से सनसनी फैल गई। घटना के समय उसके साथ दो कर्मचारियों के मौजूद होने की बात भी सामने आ रही है। जिस कमरे में विपिन सिंह का शव मिला है, उसमें शराब की बोतलें भी मिली हैं। मृतक की पत्नी ने हत्या की आशंका जताई है। मुख्यालय पर सुरक्षा गार्ड भी तैनात हैं लेकिन किसी को भी विपिन सिंह की मौत की भनक तक नहीं लग सकी।
पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में तैनात क्लर्क विपिन सिंह बुधवार को कार्यालय आए थे। विपिन सिंह ने मुख्यालय में ही तैनात दो अन्य लोगों के साथ कार्यालय के कमरे में ही शराब पी थी। पुलिस को मौके पर शराब की बोतलें मिली हैं। जब देर रात तक वह घर नहीं लौटे तो पत्नी और अन्य लोगों ने खोजबीन प्रारंभ की। हजरतगंज इंस्पेक्टर अखिलेश मिश्र के मुताबिक क्लर्क विपिन सिंह का बुधवार की देर रात शव मिला। घटना की जानकारी पत्नी सपना को दी गई थी। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। सपना ने बताया देर रात तक विपिन के घर न आने पर फोन किया। बात नहीं होने पर उनके साथियों को फोन किया, तब घटना की जानकारी हुई। पत्नी ने आरोप लगाया है कि विपिन के साथ कल रात में इंचार्ज क्लर्क आकाश और मुकेश थे। इन लोगों ने हमको किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी।
मुख्य सचिव, डीजीपी समेत पांच को भारतीय प्रेस परिषद ने भेजा नोटिस
पत्रकार ज्ञानेंद्र तिवारी के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर उठाए सवाल, मांगा जवाब
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
सुल्तानपुर। प्रेस की स्वतंत्रता पर अतिक्रमण मामले को लेकर भारतीय प्रेस परिषद ने टिप्पणी करते हुए यूपी के मुख्य सचिव, डीजीपी समेत पांच को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर लिखित जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इससे शासन से लेकर पुलिस महकमे तक में हड़कंप मच गया है ।
सुल्तानपुर के एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार ज्ञानेंद्र तिवारी के खबर लिखने से खार खाए तत्कालीन थानाध्यक्ष गोसाईगंज इंस्पेक्टर मनबोध तिवारी ने गोसाईगंज थाने पर 23 सितंबर 2021 को लिखित तहरीर देते हुए कहा था कि पत्रकार ज्ञानेंद्र तिवारी द्वारा सोशल मीडिया व अन्य प्लेटफार्म पर शुभम शर्मा को आधार बनाते हुए असत्य व भ्रामक सूचना लगातार प्रसारित करते हुए पुलिस विभाग की छवि धूमिल की जा रही है जोकि लोकरिष्टि कारक अवांछनीय कृत्य है। जिसके बाद इंस्पेक्टर मनबोध तिवारी की तहरीर पर पत्रकार ज्ञानेंद्र तिवारी के खिलाफ धारा 505 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई। शुभम शर्मा के नाम से दर्ज की गई फेक एफआईआर पर सुप्रीम कोर्ट ने मोहर लगाते हुए पिछले महीने दर्ज एफआईआर को निरस्त कर दिया था । यह सुल्तानपुर पुलिस के लिए बड़ा झटका रहा। वहीं अब दूसरी तरफ शुभम शर्मा को आधार बनाकर पत्रकार ज्ञानेंद्र पर दर्ज एफआईआर पर भारतीय प्रेस परिषद की अध्यक्ष ने सख्त रूख अपनाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, सचिव गृह विभाग , पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश , तत्कालीन थानाध्यक्ष गोसाईगंज मनबोध तिवारी व तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर अपना लिखित जवाब देने का आदेश दिया है। भारतीय प्रेस परिषद के सचिव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि प्रारंभिक रूप में शिकायत पर विचारोपरांत प्रकरण प्रेस की स्वतंत्रता पर अतिक्रमण व कुठाराघात का प्रतीत होता है व प्रेस परिषद अधिनियम 1978 की धारा 13 ( 1 ) के साथ पठित अधिनियम की धारा 15 ( 4 ) के अंतर्गत इस मामले में आपके विरुद्ध परिषद द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की जाए?
न्यायाधीश यूयू ललित होंगे अगले चीफ जस्टिस
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। जस्टिस यूयू ललित देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। मौजूदा सीजेआई जस्टिस एनवी रमन ने केंद्र सरकार को जस्टिस ललित के नाम की सिफारिश भेजी है। परम्परा के मुताबिक रिटायर होने वाले सीजेआई नए सीजेआई के नाम की सिफारिश करते हैं। 26 अगस्त को सीजेआई रमन रिटायर हो रहे हैं।
जस्टिस यूयू ललित ‘तीन तलाकÓ की प्रथा को अवैध ठहराने समेत कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं। वह ऐसे दूसरे प्रधान न्यायाधीश होंगे, जिन्हें बार से सीधे शीर्ष अदालत की पीठ में पदोन्नत किया गया। उनसे पहले जस्टिस एसएम सीकरी मार्च 1964 में शीर्ष अदालत की पीठ में सीधे पदोन्नत होने वाले पहले वकील थे। वह 1971 में 13वें सीजेआई बने थे। जस्टिस ललित मौजूदा प्रधान न्यायाधीश एनवी रमन के सेवानिवृत्त होने के एक दिन बाद 27 अगस्त को भारत के 49वें सीजेआई बनने के लिए कतार में हैं। जस्टिस ललित को 2014 को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
निरीक्षण
राजधानी लखनऊ के लोहिया अस्पताल का आज उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने निरीक्षण किया और मरीजों से बातचीत की।