कल खुलेगा ईवीएम का पिटारा, कांग्रेस या भाजपा, पता चलेगा किसका चमकेगा सितारा
- एग्जिट पोल पर रार, विपक्ष ने नकारा
- विपक्ष बोला- ईमानदारी से हुई मतगणना तो बनेगी इंडिया गठबंधन की सरकार
- भाजपा बोली- एग्जिट पोल से ज्यादा मिलेंगी सीटें तीसरी बार मोदी बनेंगे प्रधानमंत्री
- यूपी में परिणाम तय करेगा कांग्रेस व सपा का भविष्य
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कल 4 जून को लोकतंत्र के सबसे बड़े परीक्षा के परिणाम आएंगे। इसी के साथ लगभग दो महीने से पूरे देश में चले चुनावी प्रक्रिया का समापन भी हो जाएगा। मंगलवार को जब ईवीएम का पिटारा खुलेगा तब पता चलेगा भाजपा व मोदी सरक ार की हैट्रिक बनती है या इंडिया गठबंधन को सत्ता का ताज मिलता है। हालांकि इससे पहले कई एग्जिट पोलों में भाजपा-एनडीए गठबंधन की सत्ता में वापसी दिखाई जा रही है। पर इन पोलों को विपक्ष ने पूरी तरह से नकार दिया है। कांग्रेस ने कहा है कि उसका गठबंधन 295 सीटें पा रहा है और उसी की सरकार बनेगी। कांग्रेस के साथ ही आप, सपा, टीमएसी, व अन्य सहयोगियों ने भी एग्जिट पोल को नकारते हुए कहा है कि अगर ईवीएम में बीजेपी ने बेइमानी नहीं कराई तो इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी। बता दें कि चुनावों की प्रक्रिया 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान से शुरू होते हुए सात द्वार को पार करते हुए 1 जून को खत्म हुई। इस पूरे चरण में देश के 543 लोक सभा सीटों के लिए चुनाव हुए। जिसमें करोड़ों लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया।
लोकसभा चुनाव परिणाम कांग्रेस की नई प्रयोगशाला का भी भविष्य तय करेगा। क्योंकि कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में दो अहम प्रयोग किए। एक तरफ अगड़ों की परवाह किए बिना पिछड़ा और दलित कार्ड खेला, तो दूसरी तरफ अयोध्या में राममंदिर नहीं जाकर अल्पसंख्यकों को भी भरोसा दिलाया। खास बात यह रही कि यूपी में सिर्फ 17 सीटों पर लड़ते हुए राहुल गांधी को विपक्षी नेता के तौर पर स्थापित करने का पूरा प्रयास किया गया। अब देखना यह होगा कि ये प्रयोग कितने सफल हुए हैं। लोकसभा चुनाव का शंखनाद होने से ठीक पहले कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खरगे को राष्टï्रीय अध्यक्ष बनाया। इसके जरिये पूरे देश में दलितों को जोडऩे का संदेश दिया गया। फिर राहुल गांधी ने न्याय यात्रा निकाली और जातीय जनगणना का मुद्दा जोरशोर से उठाया। उत्तर प्रदेश में अध्यक्ष भले अजय राय बनाए गए, लेकिन उनकी कार्यकारिणी में पिछड़ों और दलितों को भरपूर भागीदारी देने की कोशिश हुई। प्रदेश में संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ सम्मेलन, दलित संवाद जैसे कार्यक्रमों के जरिये जातीय जनगणना कराने की पुरजोर वकालत की गई। न्याय यात्रा के दौरान प्रदेश में राहुल गांधी पूरी तरह से जातीय जनगणना और पिछड़ों, दलितों पर ही केंद्रित रहे। चुनाव के दौरान भी जातीय जनगणना के बहाने उन्होंने न सिर्फ भागीदारी का मुद्दा उठाया, बल्कि मीडिया पर भी हमलावर रहे। यह भी एक तरह की सियासी रणनीति का हिस्सा था, तो पिछड़ों, दलितों को संदेश देने का प्रयास भी।
परिणाम एग्जिट पोल से बेहतर होंगे: भाजपा
मतदान के ठीक बाद आए एग्जिट पोल में पंजाब में भाजपा को बढ़त बताई गई। कांग्रेस और आप ने इन एग्जिट पोल को सिरे से नकार दिया है। वहीं भाजपा का कहना है कि पार्टी एग्जिट पोल से भी बेहतर प्रदर्शन करेगी। पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग ने कहा कि एग्जिट पोल हर जगह ही भाजपा की जीत दिखाता है, लेकिन ऐसा होता नहीं है। कई बार ऐसा भी हुआ है कि एग्जिट पोल के दावों के उलट कांग्रेस ने राज्यों में अपनी सरकार बनाई है। वडि़ंग ने कहा कि ये भाजपा को भी पंजाब में 2 से 4 सीटें लेने का दावा कर रहा है, जबकि सबको पता है कि ऐसा नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि 4 जून को कांग्रेस केंद्र के साथ ही प्रदेश में भी बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी। आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रवक्ता और आनंदपुर साहिब से प्रत्याशी मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि एग्जिट पोल भरोसे लायक नहीं है। 2022 विधानसभा चुनाव में भी हमें कोई 90 से ऊपर सीटें नहीं दे रहा था, लेकिन बावजूद इसके सभी ने रिजल्ट देखा। आप पंजाब में सभी 13 सीटें जीतेगी। इसी तरह देश में भी इस बार इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी। देश में महंगाई व बेरोजगारी इसका प्रमुख कारण है तो फिर भाजपा चुनाव में कैसे जीत सकती है। पंजाब भाजपा उपाध्यक्ष व आनंदपुर साहिब से पार्टी प्रत्याशी सुभाष शर्मा ने कहा कि एग्जिट पोल में जो दिखाया जा रहा है, भाजपा उससे भी बेहतर प्रदर्शन पंजाब में करेगी। उन्होंने कहा कि लोगों का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स उनको मिला है, इसलिए वह प्रदेश में इस बार अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेंगे।
देश के चुनाव ऐतिहासिक हमने महिलाओं की गरिमा का सम्मान रखा: राजीव कुमार
दौरान निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 में भाग लेने वाले सभी मतदाताओं का खड़े होकर अभिनंदन किया। मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हमने 642 मिलियन मतदाताओं का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यह सभी जी7 देशों के मतदाताओं का 1.5 गुना और यूरोपीय संघ के 27 देशों के मतदाताओं का 2.5 गुना है। भारत ने लोकसभा चुनाव में 31.2 करोड़ महिलाओं समेत 64.2 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी के साथ वैश्विक रिकॉर्ड बनाया। सीईसी राजीव कुमार ने सोशल मीडिया पर चुनाव आयुक्तों को लापता सज्जन कहे जाने वाले मीम्स पर कहा कि हम हमेशा से यहां थे, कभी गायब नहीं हुए। दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया में 68,000 से अधिक निगरानी दल, 1.5 करोड़ पोलिंग एवं सुरक्षाकर्मी शामिल थे। 2024 के लोकसभा चुनाव कराने में करीब चार लाख वाहन, 135 विशेष ट्रेनें और 1,692 हवाई उड़ानों का इस्तेमाल किया गया।2024 के आम चुनावों में केवल 39 पुनर्मतदान हुए, जबकि 2019 में 540 पुनर्मतदान हुए थे। जम्मू-कश्मीर में चार दशकों में सबसे अधिक मतदान हुआ, कुल मिलाकर 58.58 प्रतिशत और घाटी में 51.05 प्रतिशत मतदान हुआ।
देश नकारात्मक ताकतों से आजाद होने जा रहा है : अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव परिणाम घोषित होने से एक दिन पहले मीडिया को संबोधित करते हुए दावा किया कि 4 जून को देश नकारात्मक शक्तियों से आजाद होने जा रहा है। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल पर बयान दिया। मुद्दों के सहारे मोदी सरकार के कार्यकाल पर सवाल उठाए। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के झूठे राष्ट्रवाद ने देश को नुकसान पहुंचाया। सामाजिक रूप से देश का सौहार्द्र बिगाड़ा। भाईचारा खत्म किया। जाति के खिलाफ जाति और संप्रदाय के खिलाफ संप्रदायों को लड़वाया। संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण को साजिशन खत्म करने की कोशिश की गई। बेरोजगारों से छल किया। पेपर लीक कराए। देश के लिए आगे बढ़कर लडऩे वालों के लिए अपने मंत्रियों से जानबूझकर अपशब्द कहलवाए। मणिपुर, हाथरस, महिला पहलवान, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार और सबसे खराब व्यवहार किए जाने का रिकॉर्ड बनाया।
एग्जिट पोल का हाल 2004 की तरह हो इसी में है जनहित : गहलोत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने एग्जिट पोल (चुनाव बाद सर्वेक्षण) के अनुमानों पर कटाक्ष करते कहा कि जनहित इसी में कि एग्जिट पोल का हाल 2004 की तरह हो। एक्स पर लिखा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह धमकाने वाली का इस्तेमाल परसों की पब्लिक रैली में किया था उसी का असर आज एग्जिट पोल्स में दिख रहा है और चैनल उसी डर में भाजपा को एकतरफा जीतता हुआ दिखा रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा, जनहित इसी में है कि एग्जिट पोल्स का हाल 2004 की तरह हो। वहीं कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने रविवार को दोहराया कि एग्जिट पोल गलत साबित होंगे, जैसा कि पिछले साल कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान हुआ था।