ज्यादा स्ट्रेस से हो सकती है पाचन की समस्या

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
स्ट्रेस यानी तनाव होना मानसिक स्वास्थ्य की समस्या मानी जाती है। काम के दबाव और पारिवारिक-सामाजिक स्थितियों के कारण तनाव होना सामान्य है, पर अगर ये दिक्कत आपको लंबे समय तक बनी रहती है तो सावधान हो जाने की आवश्यकता है। स्ट्रेस की समस्या पर ध्यान न देना दीर्घकालिक तौर पर डिप्रेशन जैसी गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। स्ट्रेस की स्थिति में ब्लड प्रेशर बढऩे से लेकर, घबराहट, पसीना आने जैसी समस्या होना सामान्य है? यह आश्चर्यजनक हो सकता है पर स्ट्रेस लेने या मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण आपको पाचन से संबंधित लक्षण हो सकते हैं। इस तरह के लक्षण अक्सर पेट दर्द, कब्ज से संबंधित होते हैं जिनको लेकर आप कंफ्यूज हो सकते हैं।

दस्त और उल्टी होना

अगर आप भी अक्सर तनाव का शिकार रहते हैं तो ये पाचन विकारों जैसे दस्त और अपच के साथ कब्जियत का कारण बन सकती है। स्ट्रेस वाले हार्मोन बड़ी आंत में मोटर फंक्शन को तेज कर देते हैं जिससे इस तरह की दिक्कतों का जोखिम रहता है। इसके अलावा आपको मितली की भी दिक्कत बनी रहती है। आमतौर पर ये दिक्कतें पाचन के अन्य रोगों के कारण होती हैं, इसलिए आप इससे कंफ्यूज हो सकते हैं। दस्त को रोकने के लिए जामुन और आम की गुठली का चूर्ण को आधा छोटा चम्मच भूनी हुई हरड़ के साथ देने से दस्त में शीघ्र लाभ मिलता है। 1 गिलास पानी में 1 छोटा चम्मच चीनी, आधा छोटा चम्मच नमक, और 1 छोटा चम्मच नींबू का रस मिलाकर घोल बना लें। यह पतले दस्त रोकने का कारगर उपाय है। रामबाण रस-250 मि।ग्रा।, पियूषवल्लीरस- 125 मि।ग्रा।, संजीवनी वटी- 20 ग्राम और दाडिमाष्टक चूर्ण- 250 मि।ग्रा। को एक साथ अच्छी तरह मिलाएं। इसे आधा-आधा छोटा चम्मच रोज सुबह खाली पेट शहद के साथ दें। अगर रोगी डायबेटिक है तो यह चूर्ण गुनगुने पानी से भी दे सकते हैं।

पेट में ऐंठन और दर्द

पेट में ऐंठन और दर्द की दिक्कत होना भी सामान्य तनाव प्रतिक्रिया है। स्ट्रेस हार्मोन के कारण हार्मोन्स का संतुलन बिगडऩे लगता है जिसके कारण सूजन, दर्द और कब्ज होता है। स्ट्रेस की समस्या को कंट्रोल करना जरूरी माना जाता है, अगर इसपर ध्यान न दिया जाए तो इसके कारण आपकी शारीरिक स्वास्थ्य जटिलताओं के और भी बढऩे का खतरा हो सकता है। यदि आप पेट दर्द से पीडि़त हैं, तो आप ताजा अदरक के टुकड़े को चबा सकते हैं या अदरक की चाय पी सकते हैं। पेट दर्द में आराम के लिए पुदीने की चाय की चुस्की लें या पुदीने की पत्ती को चबाएं। अपने पेट पर गर्म सेक या हीटिंग पैड लगाने से मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिससे दर्द और परेशानी कम होती है। एक चम्मच सेब के सिरके को पानी में मिलाकर पीने से पेट दर्द कम होता है और पाचन में सुधार होता है। सौंफ पेट दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। 1 चम्मच लहसुन का रस 3 चम्मच पानी के साथ दिन में एक बार भोजन से पहले या बाद में एक सप्ताह तक लें। इसे पीने से पेट की परेशानी से तुरंत राहत मिलती है।

मूत्राशय का अतिसक्रिय होना

तनाव हार्मोन के स्राव के कारण आपको बार-बार पेशाब करने की इच्छा हो सकती है या रात में पेशाब के लिए अधिक बार जागना पड़ सकता है। पेशाब के इस तरह की दिक्कतें डायबिटीज की स्थिति में भी होती रहती हैं, ऐसे में इससे कंफ्यूज न हों। स्ट्रेस के कंट्रोल होते ही ये समस्याएं भी ठीक होने लग जाती हैं। यदि आप अतिसक्रिय मूत्राशय के लक्षण दिखा रहे हैं, तो पहले अपने प्राथमिक देखभाल चिकित्सक से बात करें। वह समस्या के कारण और प्रकृति की पुष्टि करने के लिए विस्तृत निदान के लिए आपको मूत्र रोग विशेषज्ञ के पास भेज सकता है।

प्रभावित होता है मानसिक स्वास्थ्य

स्ट्रेस सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य समस्या ही नहीं, शरीर में और भी कई प्रकार की दिक्कतों को बढ़ाने वाली हो सकती है। तनाव की स्थिति हमारी आंत में बैक्टीरिया के संतुलन को प्रभावित करने लगती है जिससे पेट खराब हो सकता है। लंबे समय से तनाव और चिंता का अनुभव करने वाले लोगों में पेट की खराबी, दर्द, कब्ज, आंतों से संबधित विकारों के बढऩे का भी खतरा रहता है। इसके लक्षणों पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। स्ट्रेस व अनिद्रा से बचाव करने के लिए मेडिटेशन का अभ्यास तनाव के स्तर को कम करने और बॉडी को रिलैक्स करने में मदद कर सकता है, जिससे पेट के हेल्थ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हल्के योग आसन और गहरी सांस लेने से नर्वस सिस्टम को शांत करने और तनाव की वजह से होनी वाली पाचन समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है। नींद के लिए एक पैटर्न तैयार करें। इससे नींद की क्वालिटी बेहतर होती है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आपकी पाचन क्रिया बेहतर होती है। साथ ही, उस पर पडऩे वाले प्रभाव कम होते हैं।

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