उत्तराखंड में UCC को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी

नई दिल्ली। उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता (UCC) बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही अब समान नागरिक संहिता पर कानून बन गया है। उत्तराखंड सरकार ने सामान नागरिक संहिता लागू करने के लिए नियमों/उपनियमों को बनाने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। नियमावली बनने के बाद उत्तराखंड सरकार द्वारा इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा। राम मंदिर निर्माण और सीएए कानून लागू होने के बाद समान नागरिक संहिता को लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा का बड़ा दांव माना जा रहा है। पार्टी को इसका लाभ मिल सकता है।

समान नागरिक संहिता का कानून लागू करने के लिए नियम बनाने वाली पांच सदस्यों वाली कमेटी में पूर्व आईएएस शत्रुघ्न सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौर, दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल, अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा और उत्तराखंड के स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा शामिल हैं। यह कमेटी जल्द ही एक मीटिंग कर यूसीसी कानून लागू करने के लिए आवश्यक नियम उप नियम बनाने का काम शुरू करेगी।

चूंकि, समान नागरिक संहिता समवर्ती सूची का विषय है, इस विषय पर राज्य और केंद्र दोनों ही कानून बना सकते हैं। लेकिन समान मुद्दे पर कानून होने पर केंद्र का कानून प्रभावी माना जाता है। इसीलिए इस बिल को उत्तराखंड विधानसभा से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा गया था। अब राष्ट्रपति से स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन गया है। हालांकि, नियम बनाने के बाद ही यह व्यावहारिक रूप से लागू किया जायेगा।

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