अमेरिका के सैन्य हमलों पर संयुक्त राष्ट्र की कड़ी निंदा, अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का आरोप
वोल्कर टुर्क ने कहा कि नशे की तस्करी से लड़ना जरूरी है, लेकिन घातक हमले इसका समाधान नहीं हैं. उन्होंने कहा, कानून के मुताबिक, घातक बल का इस्तेमाल सिर्फ तब किया जा सकता है जब किसी की जिंदगी को तुरंत खतरा हो.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने अमेरिका की ओर से हाल ही में किए गए सैन्य हमलों की कड़ी निंदा की है. इन हमलों में कथित तौर पर नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले जहाजों को निशाना बनाया गया था. टुर्क ने कहा कि अमेरिका के ये हमले अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिका को सख़्त चेतावनी दी है. दरअसल, अमेरिका ने पिछले दो महीनों में कैरिबियन और प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) में दर्जनों कथित नशा तस्करी करने वाली नौकाओं पर घातक हमले किए हैं. अमेरिकी सेना के इन हमलों में अब तक 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टुर्क ने इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है.उनका कहना है कि यह कार्रवाई किसी भी कानूनी प्रक्रिया के बिना की गई हत्याएं (extrajudicial killings) हैं और वॉशिंगटन को तुरंत ऐसे हमले रोकने चाहिए.
वोल्कर टुर्क ने कहा कि नशे की तस्करी से लड़ना जरूरी है, लेकिन घातक हमले इसका समाधान नहीं हैं. उन्होंने कहा, कानून के मुताबिक, घातक बल का इस्तेमाल सिर्फ तब किया जा सकता है जब किसी की जिंदगी को तुरंत खतरा हो. टुर्क ने आगे कहा कि अमेरिका ने अपने हमलों के बारे में बहुत कम जानकारी दी है, और ऐसा नहीं लगता कि नौकाओं पर मौजूद लोग किसी की जान के लिए तत्काल खतरा थे. उन्होंने वॉशिंगटन से मांग की कि वह घातक हमलों के बजाय कानूनन कार्रवाई करे. जैसे जहाजों को रोकना, संदिग्धों को हिरासत में लेना और मुकदमा चलाना.
दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों का बचाव करते हुए कहा कि यह कदम नशीली दवाओं की अवैध तस्करी रोकने के लिए जरूरी है. ट्रंप ने दावा किया कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में नौकाओं पर बमबारी का कानूनी अधिकार है. अमेरिका ने इन क्षेत्रों में सैन्य तैनाती बढ़ा दी है. नौसेना के जहाज़, लड़ाकू विमान और यहां तक कि दुनिया का सबसे बड़ा युद्धपोत यूएसएस जेराल्ड आर. फोर्ड भी तैनात किया गया है.
इन हमलों ने लैटिन अमेरिकी देशों में नाराजगी भड़का दी है. मैक्सिको, कोलंबिया और वेनेज़ुएला ने अमेरिका की कार्रवाई की निंदा की है. अमेरिका ने कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेत्रो पर ड्रग तस्करी रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगाए हैं. ट्रंप ने वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर ड्रग माफिया से मिलीभगत का आरोप लगाया जिसे मादुरो ने खारिज किया है.



