5 मिनट में ही संसद ठप : बयान पर घमासान : छठे दिन भी हंगामा
- सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी-अपनी मांग पर अड़े
- विपक्षी दलों ने की बैठक
- बिना काम के करोड़ों पानी में गए
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एक बार फिर छठे दिन संसद का सत्र 5 मिनट में ही स्थगित हो गया। विपक्ष और सत्ता पक्ष के सांसदों के हंगामे के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला नाराज हो गए। और कहा ऐसे सदन कैसे चलेगा और सत्र 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। राहुल गांधी की माफी और हिंडनबर्ग मामले पर शोर-शराबे के बाद सोमवार को सदन शुरू होते ही ठप हो गई। दोपहर में फिर से दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हुई पर हंगामें की वजह से एकबार फिर सदन को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले 13 मार्च को बजट के दूसरे चरण का सत्र शुरू हुआ था। सदन शुक्रवार तक लगभग स्थगित ही रहा। उसके बाद शनिवार और रविवार को दो दिन की छुट्टी थी। सोमवार को एक बार फिर सत्र शुरू हुआ लेकिन हंगामे के बाद फिर स्थगित कर दिया गया।
इधर, विपक्षी दलों ने सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक की। इसमें सभी नेताओं ने एक सुर में अडाणी मामले की जांच के लिए जेपीसी गठन की मांग को लेकर आवाज उठाने पर सहमति जताई। इसके अलावा राहुल गांधी के घर पुलिस भेजने का मुद्दा भी संसद में उठाने की बात हुई। वहीं लंदन वाले भाषण पर भी बोलने की मांग विपक्ष करेगा। आज की बैठक में भी तृणमूल कांग्रेस ने दूरी बनाए रखी। ममता का कोई भी सांसद या नेता विपक्ष दलों की बैठक में शामिल नहीं हुआ। बजट सत्र के दूसरेचरण का पहला हफ्ताह हंगामें की भेंट चढ़ गया। ये चरण तीन हफ्ते का होना था। जिस तरह से सत्ता व विपक्ष में नोक-झोंक हो रही उससे तो ऐसा लगता है कि यह सत्र पानी में मिल जाएगा। इसी के साथ सरकारी खजाने व आमजन के टैक्स का करोड़ो रुपया पानी में बह जाएगा। एक दिन के सत्र को चलाने में 1.5 करोड़ का खर्च आता है उस हिसाब अब तक 9 करोड़ पानी में चला गया ।
राहुल गांधी ने रूल 357 के तहत बोलने की इजाजत मांगी
राहुल गांधी ने रूल 357 के तहत एकबार फिर लोक सभा में बोलने की इजाजत मांगी है। इससे पहले उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर उनसें संसद में अपने लंदन वाले बयान पर बोलने की इजाजत मांगी थी। पर अध्यक्ष ने उनकी मांग को खारिज कर दिया था इसके लिए उन्होंने ने रुल्स का हवाला दिया था उन्होंने कहा था रूल 357 के तहत ही राहुल को बोलने की इजाजत दी जा सकती है।
सावरकर समझा क्या..ये राहुल गांधी है : कांग्रेस
राहुल गांधी ने दिल्ली पुलिस की नोटिस पर मेल के जरिए 10 पॉइंट में 4 पेज का जवाब दिया है। राहुल ने कहा कि क्या यह मेरी ओर से अडाणी पर दिए गए बयान की वजह से हो रहा है। मैंने बयान 45 दिन पहले दिया था, जिस पर अब अचानक नोटिस देने की क्या जरूरत पड़ गई? देश में अभी भी महिलाओं के साथ यौन उत्पीडऩ हो रहा है। राहुल ने इस नोटिस पर विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए 8-10 दिन का समय मांगा है। वहीं, कांग्रेस ने ट्विटर पर लिखा, सावरकर समझा क्या… नाम- राहुल गांधी है।
संसद की कार्यवाही को खुद रोक रही भाजपा : ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह ब्रिटेन में राहुल गांधी की हाल की टिप्पणियों को लेकर संसद की कार्यवाही को खुद रोक रही है। भाजपा जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हीरो बनाने की कोशिश कर रही है।
एक बार फिर मोदी सरकार के विरोध में किसान सडक़ पर
- महापंचायत में उठाएंगे वादे निभाने की मांग
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली के रामलीला मैदान से एकबार फिर किसानो ने मोदी सरक ार के खिलाफ महापंचायत किया। इस महापंचायत में सरकार से वादा निभाने की मांग की गई। इसमें देशभर से बड़ी तादाद में किसान आए। यह महापंचायत किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर तले हो रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग के साथ-साथ किसानों की समस्याओं को लेकर यह महापंचायत आयोजित की जा रही है। किसान मोर्चा ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर 2021 को हमें लिखित में दिए गए आश्वासनों को पूरा करना चाहिए और किसानों के सामने लगातार बढ़ते संकट को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाना चाहिए। एमएसपी पर समिति को भंग करने की भी अपील की है। किसानों की मांगों में पेंशन, कर्ज माफी, आंदोलन के दौरान मरने वालों को मुआवजा और बिजली बिल वापस लेना भी शामिल है।
केंद्र सरकार को ‘सुप्रीम’ आदेश
- सभी पेंशनरों को मिलेगी धनराशि
- वन रैंक वन पेंशन का बकाया फरवरी 2024 तक दिया जाए
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। वन रैंक वन पेंशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को एक अहम निर्देश दिया है। कोर्ट ने पेंशनरों का सभी बकाया फरवरी 2024 तक देने को कहा रहै। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत केंद्र को 30 अप्रैल 2023 तक वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत योग्य पारिवारिक पेंशनरों और सशस्त्र बलों के वीरता विजेताओं को बकाया राशि देने को कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ केंद्र को निर्देश दिया कि 30 जून 2023 तक 70 वर्ष से अधिक के योग्य पेंशनरों को बकाया दिया जाना चाहिए। शीर्ष न्यायालय ने शेष पात्र पेंशनरों को 30 अगस्त 2023, 30 नवंबर 2023 और 28 फरवरी 2024 समान किस्तों में या उससे पहले बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया।