जम्मू-कश्मीर विधानसभा में दूसरे दिन भी वक्फ कानून पर हंगामा
नेकां और पीपुल्स कांफ्रेंस विधायकों के बीच झड़प, भाजपा विधायकों ने भी विरोध किया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को दूसरे दिन भी वक्फ कानून पर हंगामा जारी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रस्ताव के पर भाजपा विधायकों ने विरोध किया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक वक्फ कानून पर चर्चा की मांग पर अड़े हैं। दूसरे दिन हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान नेकां और पीपुल्स कांफ्रेंस के बीच नोकझोंक हुई। नेकां और पीडीपी विधायकों के बीच भी बहस हुई।
नेकां के विधायक वक्फ कानून पर विधानसभा में बहस की मांग पर अड़े हैं। विधानसभा के बजट सत्र का 13 दिनों बाद शुरू हुआ दूसरे चरण का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। सुबह प्रश्नकाल के शुरू होते ही सत्तापक्ष के तनवीर सादिक, कांग्रेस, पीडीपी व निर्दलीय विधायकों ने वक्फ कानून पर बहस के लिए स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग की। इसे स्पीकर एडवोकेट अब्दुल रहीम राथर ने खारिज कर दिया। उन्होंने विधानसभा के नियम 58 के उप नियम सात का हवाला दिया। कहा, न्यायालय में विचाराधीन मामलों पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती। इसका सत्तापक्ष के विधायकों व सहयोगियों ने विरोध जताया। वे वेल की तरफ आए और नारेबाजी करने लगे। वहीं भाजपा विधायकों ने कानून के समर्थन में नारेबाजी की। कहा, जिस कानून को देश के सदन ने पास किया है उस पर जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में चर्चा नहीं हो सकती है।
विधानसभा में कानून पर चर्चा होनी चाहिए : मुबारक गुल
नेकां विधायक मुबारक गुल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर मुस्लिम बहुल प्रदेश है। विधानसभा में वक्फ कानून पर चर्चा होनी चाहिए। प्रदेश के लोग इस कानून के खिलाफ हैं। कहा, क्या हम इस पर चर्चा न कर मुंह पर ताले लगा लें। भाजपा अगर सच में इस बिल को अच्छा बता रही है तो सदन में बताती कि मुसलमानों में इसके लिए क्या है। इस विधेयक का सदन में गैर-मुस्लिम सांसदों ने विरोध जताया है। हम भी विधानसभा में विधेयक पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन भाजपा विधायक हाथापाई पर उतर आए।
नेकां विधायक सिर्फ ड्रॉमे कर रहे : नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि नेकां विधायक जो उपमुख्यमंत्री भी रहे हैं, ने सदन में कहा कि विधानसभा की कार्यवाही नहीं चलने देंगे। ऐसा पहला बार हुआ है। यह ट्रेजरी बेंच के विधायकों और चेयर के बीच फिक्सड मैच जैसा था। यह सब मीडिया गैलरी को दिखाने के लिए था। यह कश्मीर के गरीब बच्चों की धार्मिक भावनाओं को भडक़ाकर पत्थर थमाने की कोशिश है। नेकां विधायक सिर्फ ड्रामे कर रहे हैं। जबकि, लोकसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान नेकां सांसद गायब रहे। मीडिया में बयान देने के लिए उन्हें कहा गया था। यह लोग कश्मीर में सिर्फ अपना विरोध वाला फोटो भेजना चाहते हैं। कहा, सीएम ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू का अच्छे से स्वागत किया, जबकि उन्होंने ही वक्फ संशोधन विधेयक को टेबल किया था। सीएम की यह अच्छी बात है।
सत्तापक्ष लोगों को गुमराह कर रहा
भाजपा व विपक्ष ने कहा सत्तापक्ष इस मामले में लोगों को गुमराह कर रहा है। तीखी नोक-झोंक के बीच नेकां विधायक सलाम सागर, सज्जाद शहीन, तनवीर सादिक सहित अन्य विधायक वेल की तरफ बढ़े और वक्फ कानून के विरोध में पर्चे लहराए। सलमान ने प्रश्नकाल के पर्चे फाड़े तो तनवीर सादिक ने अपनी काली बास्केट फाडक़र विरोध जताया। विधायकों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर मुस्लिम बहुल आबादी वाला प्रदेश है।
प्रश्नकाल की कार्यवाही नहीं हो पाई
आज सदन में हंगामे और विवाद के कारण प्रश्नकाल की कार्यवाही रोकनी पड़ी। पीडीपी विधायक वाहिद परा को स्पीकर के आदेश पर मार्शलों द्वारा बाहर निकाले जाने के बाद स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई। सदन में आम आदमी पार्टी के विधायक महाराज मलिक और भाजपा विधायक विक्रम रंधावा द्वारा मुफ्ती पर की गई टिप्पणी के बाद पीडीपी प्रवक्ता मोहित और आप विधायक महाराज मलिक के बीच तीखी बहस हुई। इस बहस ने सदन में हडक़ंप मचा दिया और दोनों पक्षों में बहस जारी रही। बाद में, स्पीकर ने सदन को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया ताकि सब कुछ शांत हो जाए। लेकिन इसके बावजूद प्रश्नकाल की कार्यवाही दूसरे दिन भी नहीं हुई। इस घटनाक्रम ने सदन की कार्यवाही को प्रभावित किया।
सत्तापक्ष व भाजपा विधायकों में धक्का-मुक्की
इससे पहले को वक्फ कानून पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष के विधायकों ने इसे मुस्लिम विरोधी करार दिया। भाजपा ने इसका विरोध किया। इससे मामला गरमा गया। दोनों पक्षों में तीखी नोक-झोंक हुई। कांग्रेस विधायक इरफान अहमद लोन और भाजपा विधायक सतीश शर्मा के बीच धक्का-मुक्की हो गई। विधेयक के विरोध में लिखे नारों के कागज फाड़ दिए गए।
प्रधानमंत्री मोदी को अर्थशास्त्र का ज्ञान नहीं: पी. चिदंबरम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर उनकी इस टिप्पणी के लिए निशाना साधा कि केंद्र ने तमिलनाडु के विकास के लिए 2014 से पहले की अवधि की तुलना में तीन गुना अधिक धनराशि आवंटित की है। पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थशास्त्र विषय का प्रथम वर्ष का छात्र भी यह बता सकेगा कि पिछले वर्षों की तुलना में ‘आर्थिक मेट्रिक’ (अर्थव्यवस्था का आकार) हमेशा अधिक रहेगा।
चिदंबरम ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ माननीय प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री लगातार कहते हैं कि उन्होंने 2014-24 में तमिलनाडु को 2004-14 की तुलना में अधिक धनराशि दी है। उदाहरण के लिए, माननीय प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने तमिलनाडु में रेलवे परियोजनाओं के लिए पहले की तुलना में सात गुना अधिक धनराशि दी है। कांग्रेस नेता ने कहा,‘‘ अर्थशास्त्र के प्रथम वर्ष के छात्र से पूछिए। वह आपको बताएगा कि आर्थिक ‘मेट्रिक हमेशा पिछले वर्षों की तुलना में अधिक होगा। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आकार पहले की तुलना में अब बड़ा है। केंद्रीय बजट का आकार हर साल पिछले वर्ष की तुलना में बड़ा होता है। सरकार का कुल व्यय हर साल पिछले वर्ष की तुलना में बड़ा होता है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने सवाल किया, ‘‘आप पिछले साल से एक साल बड़े हैं। संख्या के लिहाज से तो यह संख्या बड़ी होगी, लेकिन क्या यह जीडीपी के अनुपात के लिहाज से अधिक है या कुल व्यय के अनुपात के लिहाज से अधिक है? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भगवान श्रीराम का जीवन और उनके राज्य से मिलने वाली सुशासन की प्रेरणा राष्ट्र निर्माण का बड़ा आधार है। प्रधानमंत्री ने यहां रामेश्वरम द्वीप और मुख्य भूमि क्षेत्र के बीच रेल संपर्क की सुविधा प्रदान करने वाले पंबन समुद्री पुल के उद्घाटन और नयी रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर तमिलनाडु में 8300 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।
मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा: सांसद बर्क
सांसद बोले- जांच में पूरा सहयोग करूंगा
संभल हिंसा पर एसआईटी की पूछताछ
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
संभल। समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क से संभल हिंसा मामले में संभल कोतवाली में पूछताछ चल रही है। एसआईटी टीम के 3 अफसर बर्क से पूछताछ कर रहे हैं। बर्क से पूछताछ 11 बजकर 45 पर शुरू हुई थी, पूछताछ के लिए जाने से पहले बर्क ने कहा कि उनको न्यायालय पर पूरा भरोसा है। वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे।
संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। बीते साल 24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा के मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को आरोपी बनाया गया है। उन पर लोगों को भडक़ाने का आरोप है। इसी सिलसिले में हाल ही में एसआईटी ने जियाउर्रहमान बर्क को नोटिस भेजा था। आखिर पुलिस संभल के सांसद बर्क से क्यों पूछताछ कर रही है? पुलिस का ग्राउंड क्या है? बर्क से मंगलवार को क्या क्या सवाल पूछे गए हैं, आप इससे समझ सकते हैं.।
संभल की जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश के बाद 19 नवंबर को सर्वे का पहला चरण पूरा हुआ था। अंधेरा होने के कारण सर्वे अधूरा रह गया था, दूसरे चरण के सर्वे का काम 24 नवंबर को तय हुआ. इसे गुप्त रखा गया था, बकौल पुलिस इसकी जानकारी किसी को नहीं दी गई थी।
मीडिया को भी इस बारे में नहीं बताया गया था। जामा मस्जिद कमिटी के सदर जफर अली और सांसद जियाउर्रहमान बर्क को इसकी जानकारी दी गई थी।
मेरा नाम गलत तरीके से घसीटा गया
इससे पहले समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने बीते 26 मार्च को अपने खिलाफ जारी किए गए नोटिस पर कहा था कि मामले में उनका नाम गलत तरीके से घसीटा गया है. बर्क ने कहा था, जब मुकदमा दर्ज हुआ और मेरा नाम गलत तरीके से इसमें शामिल किया गया, तो मैंने अखिलेश यादव के नेतृत्व में स्पीकर साहब से मुलाकात की थी. मैंने अपने साथ हुए अन्याय के बारे में चिंता जताई थी, क्योंकि मुझे सुरक्षा का अधिकार है. इस कारण हमने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि हमें न्याय मिले।
अप्रैल में ही जलाने लगी गर्मी
दिल्ली-यूपी में लू की चेतावनी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर में मौसम विभाग ने लू की चेतावनी जारी कर दी है। अप्रैल के महीने में ही इस बार जून जैसे हालात हो गए हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि लोगों को लू के थपेड़ों का सामना करना पड़ सकता है।
मौसम विभाग ने मंगलवार के लिए दिल्ली से सटे लगभग 15 जिलों में लू के थपेड़े चलने की चेतावनी जारी की है। बीते सोमवार को इस सीजन में अधिकतम तापमान पहली बार 40 के पार चला गया। वहीं मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार दिन भर लू चलेगी। दिल्ली में सोमवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 5.1 डिग्री सेल्सियस अधिक 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.2 डिग्री अधिक 20.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
आज से बन रहा एक पश्चिमी विक्षोभ
वहीं आठ अप्रैल को एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में दस्तक दे रहा है, इसका असर 9 से 11 अप्रैल तक रहेगा। इस कारण से दस अप्रैल को आंशिक बादल छाने की संभावना है। जिससे हल्की बारिश होने की संभावना है। हालांकि इससे तापमान में एक से दो डिग्री की गिरावट ही होगी। पश्चिमी विक्षोभ का असर समाप्त होने के बाद तापमान में एक बार फिर से बढ़ोतरी होनी शुरू होगी।
ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत
अतिरिक्त शिक्षक पदों की सीबीआई जांच नहीं, शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के आदेश को खारिज किया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल कैबिनेट की ओर से अतिरिक्त पदों के सृजन के फैसले की सीबीआई जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के एक हिस्से को खारिज कर दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति के अन्य पहलुओं के संबंध में सीबीआई जांच जारी रहेगी।
दरअसल, कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले के उस हिस्से को खारिज किया गया है, जिसमें राज्य सरकार की ओर से संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में अतिरिक्त पदों के सृजन के पश्चिम बंगाल कैबिनेट के फैसले की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था। हालांकि, शीर्ष कोर्ट ने साफ किया कि 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति से जुड़े अन्य पहलुओं की सीबीआई जांच जारी रहेगी। अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा, आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कैबिनेट के खिलाफ सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट का निर्देश अनावश्यक था। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के उस हिस्से को रद्द कर दिया है। अब सीबीआई कैबिनेट के फैसले के लिए कैबिनेट सदस्यों के खिलाफ जांच नहीं कर सकती है। यह अन्य चीजों के लिए नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सीबीआई जांच के निर्देश को छोडक़र अन्य सभी अदालती आदेश लागू रहेंगे।
क्या है अतिरिक्त पद का मामला
अतिरिक्त पद से मतलब ऐसे अस्थायी पद से है, जो किसी ऐसे कर्मचारी को समायोजित करने के लिए सृजित किया गया हो, जो किसी ऐसे नियमित पद का हकदार हो, जिसका वर्तमान में कोई वजूद नहीं है।
25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की रद्द हुई थी नियुक्ति
इससे पहले मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने 3 अप्रैल को 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार देते हुए पूरी चयन प्रक्रिया को भ्रष्ट और दागदार करार दिया था।