Uttrakhand : देवस्थानम बोर्ड कांग्रेस की तरफ से भंग : रावत
पीएम मोदी के दौरे से पहले पूर्व मुख्यमंत्री पहुंचे केदारनाथ
रुद्रप्रयाग। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने ऐसे समय में केदारनाथ धाम का रुख किया, जबकि एक तरफ उत्तराखंड में आपदा का प्रकोप है और दूसरी तरफ देवस्थानम बोर्ड एक्ट को लेकर हाई लेवल कमेटी ने अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। रावत ने केदारनाथ धाम पहुंचकर देवस्थानम बोर्ड का मुद्दा उठाया तो साथ ही, यहां विकास के मुद्ïदे पर भी राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार को घेरने की कोशिश की। आगामी 5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा प्रस्तावित है, उसके संदर्भ में रावत के दौरे को सियासी नजरिए से देखा जा रहा है। उत्तराखंड चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस के प्रचार अभियान के प्रमुख हरीश रावत जब केदारनाथ दौरे पर पहुंचे तो एक तीर से कई निशाने साधने जैसा नजारा दिखा। रावत ने बाबा केदार धाम में दर्शन करने के बाद स्थानीय पुजारियों, पुरोहितों के साथ ही अन्य लोगों से मुलाकात की। इसके बाद रावत ने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई तो देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा। हमारी तरफ से बोर्ड भंग हैÓ। रावत ने कहा हमारी परंपराओं में हक हुकूकधारियों, पुरोहितों, पंडों सबका विशिष्ट उल्लेख है। हम उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे और देवस्थानम बोर्ड को हमारी सरकार प्राथमिकता के साथ खत्म कर देगी। उन्होंने कहा 2013 में यहां आई जलप्रलय के बाद नये सिरे से निर्माण कार्य हो रहे हैं। केदारनाथ के पुनर्विकास में पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट भी शामिल है और कहा जा रहा है कि पीएम मोदी खुद इस बारे में जायजा लेते हैं। गौरतलब है कि 5 नवंबर को यहां पहुंच रहे मोदी इन विकास कार्यों के हवाले से उत्तराखंड चुनाव के लिहाज से बीजेपी का प्रचार करेंगे।