सीएम और डिप्टी सीएम के घर के बीच पीड़ित महिला ने लगायी आग

  • पुलिस सुन नहीं रही थी महिला की बात
  • जिले-जिले में पुलिस का यही हाल
  • कार्यकर्ता पहले ही कह चुके यूपी में नौकरशाही का बुरा हाल  

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी लखनऊ से आज एक गंभीर मामला सामने आया। जहां मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के आवास के बीच एक महिला ने अपनी सुनवाई न होने पर सड़क पर खुद पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़क कर आग लगा ली। महिला को बीच सड़क पर जलता देख वहां हड़कंप मच गया। ये घटना शहर के गौतमपल्ली में सुबह जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट के गेट के पास हुई। महिला के साथ उसका छोटा बच्चा भी था, जिसे किनारे बैठाकर महिला ने खुद को आग के हवाले कर दिया। आननफानन में पुलिसकर्मियों ने आग को बुझाया और महिला को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे जहां उसकी हालत गंभीर बताते हुए केजीएमयू के प्लास्टिक एंड बर्न डिपार्टमेंट में रेफर कर दिया गया है।
ऐसी जानकारी सामने आई है कि महिला लगातार सरकार के आला अधिकारियों से अपनी मदद की गुहार लगा रही थी। महिला इससे दो दिन पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से भी मिली थी और उसके बाद सीएम योगी के जनता दरबार में भी पहुंची थी। लेकिन कहीं कोई सुनवाई न होने के बाद महिला ने खुद को आग लगाने का कड़ा कदम उठाया। पीडि़त महिला का नाम अंजली जाटव बताया जा रहा है, जो उन्नाव के पुरवा में छत्ताखेड़ा गांव की रहने वाली है। महिला अपनी फरियाद को लेकर कई दिनों से लखनऊ में चक्कर काट रही थी। मामले को लेकर अब विपक्ष प्रदेश सरकार पर हमलावर है।

सीएम के जनता दरबार में पहुंची थी महिला

पीडि़त अंजली जाटव मंगलवार को बच्चे के साथ सीएम दरबार पहुंची थीं। वहां से निकलने के बाद वह जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट के गेट नंबर तीन के पास पहुंची और वहां बैठी रहीं। कुछ देर अपने बच्चे को सड़क किनारे बैठा दिया फिर उन्होंने अपने बैग से ज्वलनशील पदार्थ निकाला खुद छिड़क कर आग लगा ली। आग लगते ही महिला चीखने चिल्लाने लगी। यह देख वहां खड़े पुलिसकर्मियों ने आननफानन महिला पर कंबल फेंक आग बुझाई। इसके बाद उसे सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

भाजपा सरकार से नाउम्मीदगी का एक और उदाहरण : अखिलेश

इस मामले में प्रदेश की योगी सरकार को घेरते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भाजपा सरकार से जनता की नाउम्मीदगी का एक और दिल दहला देने वाला हादसा तब हुआ, जब लखनऊ में मुख्यमंत्री जी के ‘जनता दरबार’ में पहुंची पीडि़त महिला ने नासुनवाई से हताश होकर, अपने दुधमुंहे बच्चे को किनारे बैठाकर आत्मदाह किया। भाजपा के लिए जनता, सिर्फ मतदाता है। भाजपा के लिए चुनाव खत्म मतलब जनता से सरोकार खत्म। महिला के प्रति सहानुभूति का भाव रखा जाए व उसके जीवन को बचाने के लिए सर्वश्रेष्ठ इलाज कराया जाए। महिला के परिजन व जनता निगाह रखे, कहीं ऐसा न हो कि भाजपा सरकार की नाकामी के खिलाफ प्रदर्शन के रूप में आत्मदाह करने पर उस महिला के खिलाफ, भाजपा सरकार कोई गुपचुप कार्रवाई कर दे।

किसी को मुख्यमंत्री से अब न्याय की उम्मीद नहीं रही : कांग्रेस

मामले पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस की ओर से भी सरकार पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर लिखा गया कि उन्नाव की अंजलि जाटव अपने बच्चे के साथ मुख्यमंत्री के जनता दरबार में उनसे मिलने पहुंची। वहां से निकलते ही उन्होंने खुद को आग लगा लिया। मगर क्यों? मुख्यमंत्री के जनता दरबार में अपनी समस्या लेकर पहुंची महिला ने वहां से निकलकर खुश होने की बजाय आत्मदाह का प्रयास क्यों किया? क्या किसी को अब मुख्यमंत्री से भी न्याय की कोई उम्मीद नहीं? यह एक आम घटना नहीं बल्कि मुख्यमंत्री की नाकामी का जीता-जागता सबूत है। फिलहाल पीडि़ता की हालत नाजुक बताई जा रही है। हम पीडि़ता के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना करते हैं।

दहेज प्रताडऩा के मामले में जेल में है पति

इंस्पेक्टर गौतमपल्ली वेद प्रकाश राय के मुताबिक महिला का इलाज चल रहा है। महिला ने कुछ समय पहले दहेज प्रताडऩा का मुकदमा अपने पति व ससुरालीजनों पर दर्ज कराया था। मामले में पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था। मामले की जांच की जा रही है।

पारिवारिक विवाद का मामला आया सामने : डीसीपी

इस मामले में लखनऊ सेंट्रल डीसीपी रवीना त्यागी ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्नाव की रहने वाली महिला ने आज लखनऊ के गौतमपल्ली इलाके में आत्महत्या का प्रयास किया है। महिला के साथ एक बच्चा भी था, जिसे उसने पहले एक तरफ बिठा दिया और फिर खुद को आग के हवाले कर दिया। महिला का इलाज जारी है। डीसीपी त्यागी ने बताया कि इस मामले में पारिवारिक विवाद का होना सामने आ रहा है। पुलिस का आगे की कार्रवाई कर रही है।

बांग्लादेश मामले में सरकार के साथ खड़ा हुआ विपक्ष

  • सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने केंद्र के स्टैंड पर जताई सहमति
  • सरकार ने बताया बांग्लादेश में अभी भी हैं 12 से 13 हजार भारतीय
  • राहुल ने सरकार से तात्कालिक और दीर्घकालिक रणनीति के बारे में पूछा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। बांग्लादेश में राजनीतिक और वहां के हालातों को लेकर केंद्र सरकार की ओर से आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। संसद भवन परिसर में हुई इस बैठक में सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और जेपी नड््डा मौजूद रहे। वहीं विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत डीएमके, सपा, टीएमसी और बीजेडी सहित कई राजनीतिल दलों के नेता शामिल हुए। विपक्ष ने इस मामले पर सरकार के समर्थन की बात कही और सरकार के स्टैंड के साथ ही खड़े होने का दावा किया है।
बैठक में केंद्र सरकार ने बांग्लादेश और शेख हसीना पर भारत के मौजूदा स्टैंड के बारे में जानकारी दी। केंद्र सरकार के स्टैंड पर विपक्ष ने भी सहमति जताई। बैठक में मौजूद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से सवाल भी पूछे।

राहुल ने पूछे सवाल

राहुल गांधी ने सर्वदलीय बैठक में सरकार से तात्कालिक और दीर्घकालिक रणनीति के बारे में पूछा। राहुल गांधी ने ये भी जानना चाहा कि क्या बांग्लादेश में जो हुआ, उसके पीछे विदेशी हाथ है? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बैठक में सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने राहुल गांधी के सवाल के जवाब में कहा कि बांग्लादेश में बदलते घटनाक्रम पर सरकार नजर बनाए हुए है। यह भी बताया कि पाकिस्तान के एक राजनयिक ने सोशल मीडिया पर आंदोलन की तस्वीर वाली डीपी लगाई थी जिसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

बसपा ने किया केंद्र का समर्थन

इस मामले पर बसपा प्रमुख मायावती ने केंद्र का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश के तेजी से बदलते हुए राजनीतिक हालात के मद्देनज़र आज की सर्वदलीय बैठक अति महत्वपूर्ण रही। जिसमें सभी दलों द्वारा सरकार के फैसलों के साथ रहने का निर्णय उचित व जरूरी है। बीएसपी भी इस मामले में केन्द्र सरकार के फैसलों के साथ है।

सरकार ने दी जानकारी

भारत सरकार ने सर्वदलीय बैठक में बताया कि हम बांग्लादेश के हालात पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। सरकार ने बताया कि अभी बांग्लादेश में 12000 से 13000 भारतीय हैं। हालांकि, देश में स्थिति इतनी भयावह नहीं है कि अपने नागरिकों को वहां से निकालना पड़े। सरकार ने बताया कि कुल 20,000 लोग फंसे हुए थे। इनमें से 8000 छात्र वापस भारत आ गए हैं।

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