तमाम विरोधों के बीच विक्टोरिया गौरी कोलकाता हाईकोर्ट की एडीशनल जज बनीं

नई दिल्ली। चेन्नई में वकीलों के विरोध के बीच मद्रास हाई कोर्ट में विक्टोरिया गौरी ने एडीशनल जज के तौर पर शपथ ले ली है। अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में गौरी की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जो खारिज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और कहा कि हम इस मामले पर कोई आदेश जारी नहीं कर सकते।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह असाधारण मामलों में से एक है, जहां अदालत को दखल देना चहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि पात्रता और उपयुक्तता के बीच अंतर है। पात्रता पर एक चुनौती हो सकती है, न्यायालयों को उपयुक्तता में नहीं जाना चाहिए, अन्यथा पूरी प्रक्रिया अस्त-व्यस्त हो जाएगी। इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा ऐसे कई मामले हैं, जब सुप्रीम कोर्ट में भी राजनीतिक बैकग्राउंड के लोगों ने जज के रूप में नियुक्त हुए हैं।
वहीं, जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि वह खुद पॉलिटिकल बैकग्राउंड से हैं। बीते कई सालों से जज हैं, लेकिन कभी पॉलिटिकल बैकग्राउंड का काम पर असर नहीं हुआ। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि उनके पॉलीटिकल बैकग्राउंड पर सवाल नहीं उठाया जा रहा है। सवाल हेट स्पीच को लेकर उठाया जा रहा है।
वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन ने कहा कि हमारे मुवक्किल की ओर से रिप्रेजेंटेशन दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप ये कह रहे हैं कि कॉलेजियम दोबारा से विचार करे तो यह संभव नहीं है। याचिकाकर्ताराजू ने कहा नहीं मैं सिर्फ ये कह रहा हूं कि रिप्रेजेंटेशन पर गौर किया जाए, फिर किसी दिन सुनवाई की जाए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस स्थिति में नहीं कि योग्यता पर सवाल उठा सकेंया कोलैजियम को दोबारा से विचार करने को कर सकें। मौजूदा स्थिति में हम कोई आदेश नहीं दे सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सिर्फ इस आधार पर हस्तक्षेप नहीं कर सकते कि आपने मान लिया कि कॉलेजियम ने इस फैक्ट पर गौर नहीं किया था।वकील ने कहा कि मैं ये नहीं कह रहा कि कॉलेजियम ने ठीक काम नहीं किया, बल्कि यह कह रहा हूं कि जिन्हें नियुक्त किया गया है, वो सीधे तौर पर मूल अधिकारों का उल्लंघन है। वकील ने कहा कि उसे कैसे जज बनाया जा सकता है जो हेट स्पीच दे चुका हो। यह नैतिक योग्यता और नैतिक नियमों के खिलाफ है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने पीठ से कहा कि विक्टोरिया गौरी के खिलाफ कभी भी कोई शिकायत बार संघ को नहीं मिली।

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