दीवाली 2024 कब है? 31 अक्टूबर या 1 नवंबर, जानिए ज्योतिषाचार्य की राय 

हर साल हिंदूओं को दिवाली का बेसब्री से इंतजार रहते हैं। ये साल का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन रात में मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं...

4PM न्यूज नेटवर्क: हर साल हिंदूओं को दिवाली का बेसब्री से इंतजार रहते हैं। ये साल का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन रात में मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं। दिवाली पांच दिन का त्योहार है जो धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है। लेकिन इस बार दिवाली कब है इसे लेकर लोगों के मन में संशय बना हुआ है।

हिन्दू धर्म के त्योहारों की तिथियों को लेकर अक्सर मतभेद रहता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग पंचांगों के अनुसार ज्योतिर्विद पर्वों की तिथियों का निर्धारण कर देते हैं। ऐसा ही कुछ इस बार दीपावली के पर्व पर भी हुआ है। काशी में जहां एक ओर दीपोत्सव का पर्व 31 अक्टूबर तय हो गया है तो वहीं अयोध्या सहित पश्चिम यूपी में 1 नवंबर को दिवाली के मनाने की बात सामने आ रही है।
वयोवृद्ध ज्योतिर्विदपं. आनंदशंकर व्यास का कहना है हमारा पंचांग सबसे पुराना है। वहीं इसके अलावा महाकालेश्वर मंदिर में ग्वालियर स्टेट का पंचांग लागू होता है। इन दोनों ही पंचांगों में 31 अक्टूबर को दीपावली मनाने का उल्लेख है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य का कहना है कि 31 तारीख को ही मां लक्ष्मी का पूजन करना उचित है, क्योंकि काल गणना और ज्योतिष विधि के अनुसार 31 को ही अमावस्या होना माना जा रहा है। 1 नवंबर को शाम होने से पहले ही अमावस्या खत्म हो जाएगी।
इसके साथ ही ज्योतिषाचार्य अजय शंकर व्यास का कहना है, हिंदू धर्म में 5 दिन दीपोत्सव मनाने की परंपरा है। इस अनुसार 31 को दीपावली मनाना श्रेष्ठकर होगा, क्योंकि 1 नवंबर को सुबह 7 बजे अमावस्या खत्म हो जाएगी।

 

जानिए कार्तिक अमावस्या को ही क्यों मनाई जाती है दीवाली?

दरअसल, माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने 14 वर्ष के वनवास के बाद लौटे थे। अयोध्यावासियों का हृदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। भगवान श्रीराम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। इस दिन कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की काली गहरी अंधेरी रात थी, जो हजारों दीयों की रोशनी से जगमगा उठी थी। उस समय से आज तक भारत में हर साल प्रकाश का महापर्व दीवाली कार्तिक अमावस्या के दिन ही मनाया जाता है। इस दिन घरों को रोशन कर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और सुख, समृद्धि, धन की कामना करते हैं।

 

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