अब कौन से फंड बचाएंगे आपका ज्यादा टैक्स !

लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन, मार्जिनल टैक्स रेट और इंडेक्सेशन बेनिफिट मिलते थे. अब इन सभी को आसान बना दिया गया है. साथ ही इंडेक्सेशन को खत्म कर दिया गया है.

4PM न्यूज़ नेटवर्क : म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री पर बजट के असर को समझाने के लिए एडेलवाइज म्यूचुअल फंड की एमडी एवं सीईओ राधिका गुप्ता  ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट और वीडियो शेयर किया है. राधिका गुप्ता ने लिखा कि बजट से पहले म्यूचुअल फंड पर कई टैक्स लगते थे. इनमें लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन, मार्जिनल टैक्स रेट और इंडेक्सेशन बेनिफिट मिलते थे. अब इन सभी को आसान बना दिया गया है. साथ ही इंडेक्सेशन को खत्म कर दिया गया है.

तीन कैटेगरी के लग रहे हैं टैक्स

राधिका गुप्ता के अनुसार, अब म्यूचुअल फंड पर तीन कैटेगरी के टैक्स लग रहे हैं. पहली कैटेगरी में 65 फीसदी से ज्यादा होल्डिंग वाले इक्विटी म्यूचुअल फंड आएंगे. इन पर कैपिटल एसेट टैक्स लगेगा, जो कि शॉर्ट टर्म में 20 फीसदी और लॉन्ग टर्म में 12.5 फीसदी होगा. अब एक साल से ज्यादा अवधि तक के निवेश को लॉन्ग टर्म मान लिया जाएगा. दूसरी कैटेगरी में वो फंड आएंगे, जिनकी डेट सिक्योरिटीज में होल्डिंग 65 फीसदी से ज्यादा होगी. इन पर शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म के बजाय मार्जिनल रेट लागू होंगे. इसमें इस साल कोई बदलाव नहीं किया गया है.

लंबी अवधि के निवेशकों को होगा फायदा

उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया कि तीसरी कैटेगरी में वो म्यूचुअल फंड आएंगे, जो पहली दोनों कैटेगरी में नहीं आते हैं. इनमें गोल्ड इंडेक्स फंड, गोल्ड ईटीएफ, इक्विटी में निवेश करने वाले फंड्स ऑफ फंड्स, इंटरनेशनल फंड और कंजरवेटिव या हाइब्रिड फंड आएंगे. इन पर शॉर्ट टर्म में मार्जिनल रेट और लॉन्ग टर्म में 12.5 फीसदी टैक्स लगेगा. यहां लॉन्ग टर्म को 2 साल के तौर पर देखा जाएगा. ऐसे में अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं तो इसी कैटेगरी में आपको लाभ मिलेगा.

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