कर्नाटक का मुख्यमंत्री कौन, पच्ची जारी
- सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दौड़ में
- कांग्रेस अध्यक्ष करेंगे नाम का फैसला
- कई विधायक सिद्धारमैया के पक्ष में
- विधायकों ने पर्ची में नाम लिख कर आलाकमान को सौंपा
- खरगे के सामने खोली जाएगी विधायकों की पर्ची
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कर्नाटक में प्रचंड जीत के बाद सीएम की कुर्सी के लिए कांग्रेस में माथापच्ची शुरू हो गई। मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच तगड़ा मुकाबला है। इसका फैसला आज होने की उम्मीद है। अध्यक्ष मल्लिकार्जुन सबका मन टटोल रहे हैं उनका फैसला ही अंतिम होगा।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस विधायकों में दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी, ओबीसी विधायक सिद्धरामैया के पक्ष में हैं। कई विधायकों ने अपनी पसंद बताने की बजाय आलाकमान के पक्ष में मत जाहिर किया है। सूत्रों के मुताबिक विधायकों की रायशुमारी में सिद्धरमैया को बढ़त है। विधायकों से अपनी पसंद पर्चे पर लिख कर देने को कहा गया, खरगे के सामने रिपोर्ट के साथ पर्चे भी खोले जाएंग। सीएम की पसंद जानने के लिए कल रात पर्यवेक्षकों के सामने विधायकों की गुप्त वोटिंग करवाई गई। विधायकों को पर्चे दिए गए, जिसमें अपनी राय लिखकर देने को कहा गया। इससे निष्पक्ष तरीके से पता चल पाएगा कि किसके पाले में कितने विधायक हैं। बता दें कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक बेंगलुरु के एक होटल में हुई और यह देर रात करीब डेढ़ बजे तक चली।
जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, उसके लिए तैयार- डीके शिवकुमार
पर्यवेक्षकों से मिलने पहुंचे डीके शिवकुमार ने कहा है कि वो दिल्ली नहीं जा रहे। कांग्रेस सूत्रों ने रविवार को बताया था कि डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया दिल्ली जाएंगे। डीके ने यह भी कहा कि मुझे जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसके लिए तैयार हूं। मेरी पार्टी हाईकमान इसका फैसला करेगी।
दिल्ली जाकर देंगे रिपोर्ट : भवर जितेंद्र सिंह
हमने सभी विधायकों से बात की है। बातचीत रात के करीब 2 बजे तक चली है। अब हम दिल्ली जा रहे हैं, वहां कांग्रेस के अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे। सभी विधायकों से राय ली गई है। हम अब दिल्ली जा रहे हैं, रिपोर्ट बनाकर कांग्रेस अध्यक्ष को पेश करेंगे।
विधायकों से मौखिक और लिखित दोनों राय ली गई: बीके हरिप्रसाद
कर्नाटक से कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने बताया कि गुप्त मतदान कराया गया और एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया गया। पर्यवेक्षकों ने प्रत्येक विधायक से भी बात की। मौखिक और लिखित दोनों तरह से उनकी राय ली गई। निर्णय दिल्ली भेजा गया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सोनिया गांधी, राहुल गांधी से बात करने के बाद निर्णय लेंगे।
सुशील कुमार शिंदे ने डीके शिवकुमार को दी जन्मदिन की बधाई
कांग्रेस महासचिव सुशील कुमार शिंदे और अन्य नेताओं ने कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार को उनके 62वें जन्मदिन पर बधाई दी।
जल्द होगा सीएम के नाम का एलान : सुरजेवाला
कांग्रेस नेता और कर्नाटक चुनाव के प्रभारी रहे रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि पार्टी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नए मुख्यमंत्री के चुनाव में ज्यादा समय नहीं लेंगे और जल्द ही इसका एलान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा खरगे हमारे वरिष्ठ हैं और वह इस धरती के बेटे हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि वह ज्यादा समय नहीं लेंगे। सुरजेवाला ने ये भी कहा कि पहली कैबिनेट बैठक में ही कांग्रेस के घोषणा पत्र में किए गए पांच गारंटी वादों को लागू किया जाएगा।
खरगे पर 100 करोड़ का मानहानि केस
- बजरंग दल पर गलत बयान देने का मामला
- संगरूर कोर्ट ने भेजा समन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बजरंग दल पर बयान देकर अब फंसते दिख रहे हैं। खरगे को बजरंग दल के मानहानि मामले में समन जारी हुआ है। संगरूर की जिला अदालत के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रमनदीप कौर ने सौ करोड़ रुपये के मानहानि केस में खरगे को समन जारी किया है।
हितेश भारद्वाज ने संगरूर कोर्ट में खरगे के खिलाफ सौ करोड़ रुपये मानहानि की याचिका दायर की है।
10 जुलाई को पेश होने को कहा
केस पर सीनियर डिवीजन जज रमनदीप कौर ने मल्लिकार्जुन खरगे को समन जारी करते हुए दस जुलाई 2023 को संगरूर अदालत में तलब किया है। यह जानकारी हितेश भारद्वाज द्वारा दी गई। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को माननीय अदालत ने समन जारी किया है।
धनखड़ और रिजिजू को सुप्रीम राहत
- न्यायपालिका पर टिप्पणी का मामला
- शीर्ष अदालत का याचिका पर विचार करने से इनकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए न्यायपालिका और कॉलेजियम प्रणाली पर उपराष्टï्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू की टिप्पणी पर राहत दी है। अदालत ने दोनों के खिलाफ जनहित याचिका खारिज करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ याचिका में कार्रवाई करने की मांग की गई थी। सुनवाई के दौरान स्ष्ट ने कहा कि याचिका विचार करने योग्य नहीं है। दरअसल, बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन नाम की संस्था ने कहा था कि दोनों ने सुप्रीम कोर्ट के सम्मान के खिलाफ बयान दिए हैं और वो संवैधानिक पद पर रहने के योग्य नहीं हैं। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी ये याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने याचिका को खारिज किया है। याचिका में दावा किया गया था कि रिजिजू और धनखड़ ने अपनी टिप्पणियों और आचरण से संविधान में आस्था का अभाव व्यक्त किया है।