भ्रष्टाचार के आरोपी मंत्री क्यों नहीं होते बर्खास्त?

4पीएम की परिचर्चा में उठे कई सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। योगी मंत्रिमंडल के कई मंत्रियों पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के भ्रष्टाचार की कहानी हर जगह सुनायी पड़ रही है। खुद सीएम ने उनके ओएसडी के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दिए। एक मंत्री को अदालत ने सजा सुना दी। ऐसे मंत्रियों को बर्खास्त क्यों नहीं कर पा रहे योगी? इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार अशोक वानखेड़े, सैयद कासिम, नावेद शिकोह, अनिल जयहिंद और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
सैयद कासिम ने कहा कि योगी ने पीडब्ल्यूडी के ओएसडी को हटा दिया। वे नहीं चाहते थे कि जितिन प्रसाद मंत्री बने। वे दिल्ली के आशीर्वाद से मंत्री है। अब आका नहीं चाहते तो उनको हटा नहीं सकते।
नावेद शिकोह ने कहा कि जितिन के बारे में कहावत है कि कुछ जख्म ऐसे होते हैं, कुरेदते नहीं है इसलिए खबरें भी दब जाती है और सजा देनी भी है कैबिनेट में तो मुश्किल हो जाता है क्योंकि जब सजा दी जाती है तो साबित हो जाता है कि सरकार के अंदर भ्रष्टïाचार है। डॉ. अनिल जयहिंद ने कहा कि भाजपा का नेता कमाई करता है तो वह सारी कमाई घर नहीं ले जा सकता। बाहर से आए नेता को सबसे मलाईदार पद दे दिया तो वो पद बिना बातचीत के नहीं दिया जा सकता। अंदरूनी लड़ाईयां सामने आ रही है पर जितिन का होना कुछ नहीं है।
अशोक वानखेड़े ने कहा कि ओएसडी क्रेडिट कार्ड होते हैं। मतलब चाहे जहां आप रहो, वहां आप जरूरतभर का इस्तेमाल करो एटीएम की तरह। जब आप सत्ता में आते हो तो वह सरकारी खर्चे पे आपकी सेवा करता है बाहर रहकर भी करता है। जब भाजपा किसी को लाती है तो डील होती है।

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