गाजी-नेजा मेला विवाद पर संभल सपा सासंद बर्क बोले,सलार मसूद महान संत, आस्था से खिलवाड़ क्यों?

संभल। महमूद गजनवी के भांजे अब्दुल सलार गाजी (गाजी मियां) को लेकर मचा जुबानी घमासान तेज होता जा रहा है। अब संभल समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इतिहास को तोड़-मरोडक़र पेश करना और एक सूफी संत को गलत संदर्भों से जोडऩा नफरत फैलाने का प्रयास है।सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि मेले को रोकने का प्रयास अनैतिक है। सैयद सलार मसूद गाजी की याद में सैकड़ों वर्षों से जगह-जगह मेले लगते आ रहे हैं लेकिन अब कुछ अधिकारी इस परंपरा को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, जो संविधान के खिलाफ और आस्था का अपमान है। उन्होंने सवाल उठाया कि संविधान की शपथ लेने वाले लोग आस्था से खिलवाड़ क्यों कर रहे हैं? सांसद ने मांग की कि एक सूफी संत पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले अधिकारी को तुरंत पद से हटाया जाए। उन्होंने कहा कि यह बयान सिर्फ नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है और सरकार को ऐसे अधिकारियों पर लगाम लगानी चाहिए।
सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि सैयद सलार मसूद गाजी को सोमनाथ मंदिर पर हमले से जोडऩा ऐतिहासिक रूप से गलत है। जब सोमनाथ मंदिर पर हमला हुआ। उस समय मसूद गाजी की उम्र मात्र 11 वर्ष थी। इतिहासकारों के अनुसार, इस हमले में उनकी कोई भूमिका नहीं थी, लेकिन फिर भी एक अधिकारी बिना ऐतिहासिक तथ्यों को बिना जाने गलत बयानबाजी कर रहा है। सैयद सलार मसूद गाजी 12वीं शताब्दी के महान सूफी संत थे। उनका मजार उत्तर प्रदेश के बहराइच में स्थित है, जहां हर साल जेठ महीने में विशाल मेला लगता है। इस मेले में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदाय के लोग शामिल होते हैं। उनकी दरगाह को सांप्रदायिक सौहार्द और एकता का प्रतीक माना जाता है।

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