महिलाओं को संरक्षण नहीं भयमुक्त वातावरण चाहिए
महिला सुरक्षा पर खरगे ने दिखाया सरकार को आईना
- बोले- हमें बेटी बचाओ नहीं बेटी को बराबरी का हक सुनिश्चित करना चाहिए
- कहा- देश में हर घंटे महिलाओं के खिलाफ 43 अपराध हो रहे दर्ज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से देश के अंदर महिलाओं के साथ अपराध की घटनाएं आए दिन देखने को मिल रही हैं। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक मेडिकल कॉलेज में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले को लेकर अभी भी लोगों में आक्रोश बना हुआ है। तो वहीं इस मामले को लेकर सियासत भी गरमाई हुई है। इसके अलावा महाराष्ट्र के बदलापुर में और उत्तर प्रदेश के कन्नौज में भी महिला के साथ बलात्कार जैसी घटनाएं सामने आई हैं।
यही नहीं देश में जब तब महिलाओं के साथ अपराध या अपमान की घटनाएं सामने आती ही रहती हैं। इसको लेकर सियासत और हो हल्ला भी खूब होता है लेकिन इन पर अंकुश अभी तक नहीं लग पाया है। आए दिन महिलाओं के साथ हो रहीं इन घटनाओं को लेकर अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी दुख जताया है। साथ ही देश की मोदी सरकार से भी इस दिशा में सख्त कदम उठाने की अपील की है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय व अपराध को लेकर सोशल मीडिया पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखकर दुख जताया साथ ही केंद्र की एनडीए सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। मल्लिकार्जुन खरगे ने लिखा कि हमारी महिलाओं के साथ हुआ कोई भी अन्याय असहनीय है, पीड़ादायक है और घोर निंदनीय है। खरगे ने कहा कि हमें ‘बेटी बचाओ’ नहीं ‘बेटी को बराबरी का हक सुनिश्चित करो’ चाहिए। महिलाओं को संरक्षण नहीं, भयमुक्त वातावरण चाहिए।
अब वक्त आ गया है महिलाओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएं
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे लिखा कि संविधान ने महिलाओं को बराबरी का स्थान दिया है। महिलाओं के खिलाफ अपराध एक गंभीर मुद््दा है। इन अपराधों को रोकना देश के लिए एक बड़ी चुनौती है। हम सबको एकजुट होकर, समाज के हर तबके को साथ लेकर इसके उपाय तलाशने होंगे। खरगे ने कहा कि चाहें जेंडर संवेदीकरण की बात हो या जेंडर बजटिंग हो, वूमेन पॉवर लाइन हो या हमारे शहरों में स्ट्रीट लाइट्स और महिला शौचालय जैसी जैसी मूलभूत सुविधा, या फिर हमारे पुलिस रिपॉर्म हो या न्यायिक रिफॉर्म अब वक्त आ गया है कि हम हर वो कदम उठाएं जिससे महिलाओं के लिए भयमुक्त वातावरण सुनिश्चित हो सके।
पीएम की पार्टी ने कई बार किया पीडि़ता का चरित्र हनन
मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे लिखा कि देश में हर घंटे महिलाओं के खिलाफ 43 अपराध रिकॉर्ड होते हैं। हर दिन 22 अपराध ऐसे हैं, जो हमारे देश के सबसे कमजोर दलित-आदिवासी वर्ग की महिलाओं व बच्चों के खिलाफ दर्ज होते हैं। अनगिनत ऐसे अपराध हैं जो दर्ज ही नहीं होते – डर से, भय से, सामाजिक कारणों के चलते। पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी लाल किले के भाषणों में कई बार महिला सुरक्षा पर बात कर चुके हैं, पर उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में ऐसा कुछ ठोस नहीं किया जिससे महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कुछ रोकथाम हो। उल्टा, उनकी पार्टी ने कई बार पीडि़ता का चरित्र हनन भी किया है, जो शर्मनाक है।
खरगे ने पूछे तीखे सवाल
कांग्रेस नेता ने सवाल उठाते हुए पूछा कि हर दीवार पर ‘बेटी बचाओÓ पेंट करवा देने से क्या सामाजिक बदलाव आएगा या सरकारें व कानून व्यवस्था सक्षम बनेगी? क्या हम निवारक कदम उठा पा रहे हैं? क्या हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली में कोई सुधार आया है? क्या समाज के शोषित व वंचित अब एक सुरक्षित वातावरण में रह पा रहे हैं? क्या सरकार और प्रशासन ने वारदात को छिपाने का काम नहीं किया है? क्या पुलिस ने पीडि़ताओं का अंतिम संस्कार जबरन करना बंद कर दिया है, ताकि सच्चाई बाहर न आ पाएं? हमें ये सोचना है कि जब 2012 में दिल्ली में ‘निर्भया’ के साथ वारदात हुई तो जस्टिस वर्मा कमेटी की सिफारिशें लागू हुई थी, आज क्या उन सिफारिशों को हम पूर्णत: लागू कर पा रहे हैं? क्या 2013 में पारित कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडऩ (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के प्रावधानों का ठीक ढंग से पालन हो रहा है, जिससे कार्यस्थल पर हमारी महिलाओं के लिए भयमुक्त वातावरण तैयार हो सके?
बारिश ने खोली गुजरात मॉडल की पोल
- मुख्य शहरों में भरा पानी टूटने लगीं सड़कें
- राज्य की 916 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अहमदाबाद। गुजरात में आसमान से लगातार आफत बरस रही है। जी हां, क्योंकि प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश वहां के लोगों के लिए किसी आफत से कम नहीं है। इस बारिश के चलते राज्य में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। साथ ही लोगों को कई तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है।
क्योंकि पूरे के पूरे शहर पानी से भरे हुए हैं। आलम ये है कि कई जगहों पर लोगों के घरों तक में पानी भर रहा है। प्रदेश के वडोदरा और राजकोट जैसे शहरों में मेन सिटी के अंदर भी सड़क पर पानी कमर से ऊपर हो रखा है। सड़कें टूट रही हैं और पूरी की पूरी बिल्डिंग्स बहती दिख रही हैं। कहीं न कहीं बारिश ने भाजपा के गुजरात मॉडल की पोल खोलकर रख दी है। प्रदेश में बारिश की चेतावनी लगातार जारी है। मौसम विभाग ने आज के लिए भी राज्य के कई हिस्सों में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। बाढ़ और बारिश की वजह से पिछले तीन दिनों में प्रदेश में 28 लोगों की मौत हो चुकी है। भारी बारिश की वजह से राज्य में 916 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हैं। 2 राष्ट्रीय राजमार्ग और 66 राज्य राजमार्ग वाहन यातायात के लिए बंद हैं। 758 पंचायत वाली सड़कें बंद हो गईं, जबकि अन्य 88 सड़कें बंद हो गई हैं। पोरबंदर जिले में 90 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं।
वडोदरा से स्टैचू ऑफ यूनिटी को जोडऩे वाली सड़क टूटी
इतना ही नहीं, भारी बारिश की वजह से वडोदरा से स्टैचू ऑफ यूनिटी को जोडऩे वाली सड़क टूट गई। जिसके चलते एक तरफ की सड़क को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि मूसलाधार बारिश और डैम से छोड़े गए पानी की वजह से सड़क टूट गई। रोड इस तरह से टूटा है कि उसके बनने में कई महीने लग सकते हैं। बारिश रुकने पर ही रोड बनाने का काम शुरु किया जाएगा। भारी बारिश की वजह से जिस तरह से गुजरात में सड़कें टूट रही हैं और मुख्य शहरों में पानी भर रहा है, वो गुजरात मॉडल की पोल खोलता है और गुजरात में विकास के दावों पर सवाल उठाता है।