कलेक्टरों को आदेश देकर बुरा फंसे योगी बाबा, सपा ने लगा दी क्लास

सपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. राम गोपाल यादव ने बीजेपी को घेरते हुए... बड़ा बयान देते हुए कहा कि वक्फ बिल असंवैधानिक है... कोर्ट में जाना चाहिए...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने हाल ही में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर भारतीय जनता पार्टी… और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोला है… इस विधेयक के संसद में पारित होने के बाद प्रो. राम गोपाल यादव ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि इसे अदालत में चुनौती दी जानी चाहिए… उनके इस बयान ने न केवल बीजेपी की नीतियों पर सवाल उठाए हैं… बल्कि योगी सरकार की कार्यशैली को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है… प्रो. राम गोपाल यादव ने यह भी दावा किया कि विपक्ष ने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाई है… और आगे भी एक साथ रहेगा… तो आइए हम इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं… और देखते हैं कि यह बयान बीजेपी और योगी सरकार के लिए कितना बड़ा सियासी तूफान खड़ा कर सकता है…

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर देश भर में लंबे समय से बहस चल रही थी…… यह विधेयक 2 अप्रैल 2025 को लोकसभा में पेश किया गया… और तीखी बहस के बाद दोनों सदनों से पारित हो गया…. लोकसभा में 12 घंटे की चर्चा के बाद 288 सांसदों ने इसके पक्ष में… और 232 ने विरोध में वोट दिया, जबकि राज्यसभा में 128 सांसदों ने समर्थन…. और 95 ने विरोध किया…. बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने इस बिल को वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन…. और पारदर्शिता के लिए जरूरी बताया…. लेकिन विपक्ष ने इसे संविधान के खिलाफ और एक खास समुदाय को निशाना बनाने वाला करार दिया…. इस बिल के तहत वक्फ संपत्तियों की जांच और अवैध रूप से घोषित संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया को मजबूत करने का प्रावधान है….

वहीं वक्फ बिल के पारित होने के तुरंत बाद प्रो. राम गोपाल यादव ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कोर्ट में जाना चाहिए, बिल असंवैधानिक है…. हमने जो आशंका व्यक्त की थी कि ये लोगों की संपत्ति लेंगे….. वैसा ही देखा गया कि राष्ट्रपति के बिना हस्ताक्षर के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को आदेश कर दिया कि अवैध संपत्ति को जब्त कर लो…… पूरा विपक्ष एक साथ रहा और आगे भी साथ रहेगा….. वहीं इस बयान में कई गंभीर आरोप हैं…… जो बीजेपी और योगी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हैं…… प्रो. राम गोपाल यादव ने न केवल बिल की वैधानिकता को चुनौती दी है…. बल्कि यह भी संकेत दिया कि योगी सरकार ने विधायी प्रक्रिया का पालन किए बिना जल्दबाजी में कार्रवाई शुरू कर दी……

आपको बता दें कि प्रो. राम गोपाल यादव ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि 2014 से 2024 तक इस पार्टी ने देश की सारी संपत्ति बेच दी…… और अब उसकी नजर वक्फ बोर्ड की जमीनों पर है…… प्रो. राम गोपाल यादव के मुताबिक बीजेपी की यह नीति देश में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की साजिश का हिस्सा है…. और उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी बहुमत के दम पर तानाशाही रवैया अपना रही है….. और इस बिल को पारित करवाने में उसने विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की….. प्रो. राम गोपाल यादव का यह बयान बीजेपी की उस छवि को निशाना बनाता है……. जिसमें वह खुद को हिंदू हितों की रक्षक….. और विकासवादी पार्टी के रूप में पेश करती है…… सपा नेता का कहना है कि यह बिल न तो विकास से जुड़ा है….. और न ही किसी समुदाय के हित में है….. बल्कि यह संपत्ति हड़पने की एक सुनियोजित रणनीति है….

बता दें कि राम गोपाल यादव ने योगी आदित्यनाथ पर सबसे तीखा हमला बोलते हुए….. दावा किया कि बिल पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने से पहले ही….. योगी सरकार ने जिलाधिकारियों को अवैध वक्फ संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दे दिया….. यह आरोप बेहद गंभीर है…… क्योंकि यह संवैधानिक प्रक्रिया के उल्लंघन की ओर इशारा करता है….. भारत के संविधान के अनुसार……. कोई भी विधेयक तब तक कानून नहीं बन सकता…… जब तक कि उस पर राष्ट्रपति की सहमति न मिल जाए….. अगर राम गोपाल यादव का दावा सही है…… तो यह योगी सरकार की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है…… सपा नेता ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले से ही अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कई घटनाएं हो रही हैं…… और यह बिल उस आग में घी डालने का काम करेगा……

वहीं सपा नेता ने अपने बयान में विपक्ष की एकजुटता पर जोर दिया….. और उन्होंने कहा कि इस बिल के खिलाफ पूरा विपक्ष एक साथ खड़ा रहा…… और आगे भी ऐसा ही करेगा….. वक्फ बिल को लेकर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राजद……. और अन्य विपक्षी दलों ने भी इसका पुरजोर विरोध किया था……. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी लोकसभा में इस बिल को बीजेपी की साजिश करार दिया था…… वहीं विपक्ष का मानना है कि यह बिल संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करता है…… जो धार्मिक समुदायों को अपनी संपत्ति के प्रबंधन का अधिकार देता है……. प्रो. यादव का यह बयान विपक्ष को एक मजबूत नैरेटिव देने की कोशिश है…… जिसके जरिए वह बीजेपी को घेर सके……

आपको बता दें कि वक्फ बिल के पारित होने के बाद उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने तेजी से कदम उठाए……. खबरों के मुताबिक, सरकार ने जिलाधिकारियों को 1,32,140 वक्फ संपत्तियों की जांच करने…… और अवैध रूप से घोषित संपत्तियों को जब्त करने के निर्देश दिए हैं….. इनमें बाराबंकी, सीतापुर, बरेली, जौनपुर, सहारनपुर जैसे जिले शामिल हैं…… सरकार का दावा है कि प्रदेश में 98% वक्फ संपत्तियों का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है…… और कई सरकारी जमीनों को गलत तरीके से वक्फ घोषित किया गया है…… लेकिन राम गोपाल यादव का कहना है कि यह कार्रवाई जल्दबाजी में और गैरकानूनी तरीके से की जा रही है….. और यह कदम अल्पसंख्यक समुदाय में डर पैदा करने के लिए उठाया गया है…..

वहीं सपा नेता का यह बयान उत्तर प्रदेश की सियासत में बड़ा असर डाल सकता है…… 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा इस मुद्दे को अल्पसंख्यक वोट बैंक के बीच भुनाने की कोशिश कर सकती है…. योगी सरकार का बुलडोजर मॉडल और अब वक्फ संपत्तियों पर कार्रवाई विपक्ष के लिए एक बड़ा हथियार बन सकता है….. दूसरी ओर, बीजेपी इसे अपने हिंदुत्व एजेंडे के तहत पेश कर सकती है……. लेकिन अगर यह मामला कोर्ट में गया….. और बिल को असंवैधानिक करार दिया गया….. तो बीजेपी को बड़ा झटका लग सकता है….. बता दें कि प्रो. राम गोपाल यादव का बयान न केवल वक्फ बिल के खिलाफ एक सियासी जंग की शुरुआत है….. बल्कि यह बीजेपी और योगी सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल भी उठाता है…… यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या विपक्ष इस मुद्दे को कोर्ट तक ले जाता है….. और क्या योगी सरकार अपनी कार्रवाई को सही ठहरा पाती है…… फिलहाल, यह सियासी घमासान उत्तर प्रदेश….. और देश की राजनीति में नई हलचल पैदा करने के लिए तैयार है….

 

 

Related Articles

Back to top button