Cancer Risk : आखिर क्यों बढ़ रही भारत में कैंसर के मरीजों की तादात, किस वजह से महिलाएं नहीं करा रहीं जांच
देशभर में कैंसर की तदात बढ़ती जा रही हैं...खासकर हम महिलाओं की बात करें,तो महिलाएं स्तन कैंसर से जूझती नजर आ रही हैं...अगर हम बात करे शोधकर्ताओं की,तो मुंबई और वाराणसी के शोधकर्ताओं ने बताया-कि भारत में महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का जांच ही नहीं करा रही हैं..

Cancer Risk : देशभर में कैंसर की तदात बढ़ती जा रही हैं…खासकर हम महिलाओं की बात करें,तो महिलाएं स्तन कैंसर से जूझती नजर आ रही हैं…अगर हम बात करे शोधकर्ताओं की,तो मुंबई और वाराणसी के शोधकर्ताओं ने बताया-कि भारत में महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का जांच ही नहीं करा रही हैं, जिसके कारण बीमारी पकड़ में नहीं आती है और इसका पता भी तब चल पाता है जब कैंसर अपने गंभीर चरणों में पहुंच चुका होता है। यहां से रोग का इलाज करना और जान बचा पाना काफी कठिन हो जाता है। महिलाओं का स्तन जांच नहीं कराने की सबसे बड़ी वजह जो देखी जा रही हैं….वो ये हैं कि महिलाएं शर्म की वजह से जांच नहीं कराती हैं…
आपको बता दें,कि भारत में कैंसर के मामले साल-दर साल तेजी से बढ़ते दिखाई दे रहे हैं… बच्चे हों या बुजुर्ग, महिला हों या पुरुष सभी इसका शिकार पाए जा रहे हैं। हर साल कैंसर के कारण देश में लाखों लोगों की मौत हो जाती है। साल 2022 के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि इस साल भारत में कैंसर से 9 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई। इतना ही नहीं, हर साल कैंसर के करीब 14 लाख नए मामले भी सामने आ रहे हैं।
कई अध्ययन इस बात को लेकर चिंता जताते रहे हैं कि भारतीय महिलाओं में भी इसका जोखिम पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। साल 2022 में भारत में कैंसर के 14.1 लाख से अधिक नए मामले सामने आए, इसमें ब्रेस्ट कैंसर के मामले सबसे आम थे। स्तन कैंसर भारतीय महिलाओं में सबसे आम कैंसर है। डेटा 2020 के अनुसार ये भारत में सभी कैंसर के मामलों का लगभग 13.5% और सभी मौतों का 10.6% है। अनुमान है कि हर 28 में से 1 महिला को अपने जीवनकाल में यह बीमारी होने की आशंका रहती है।वहीं पहले माना जाता था कि कैंसर उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी है, पर जल्दी जारी किए गए डेटा से पता चलता है कि 20 की उम्र में भी लड़कियां इसका शिकार हो रही हैं। ब्रेस्ट कैंसर क्यों बढ़ रहा है, इसको समझने के लिए किए गए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों की टीम को गंभीर बातें पता चली हैं।
शर्माएं नहीं जांच कराएं
रिपोर्ट में शोधकर्ताओं की टीम ने भारतीय महिलाओं में बढ़ते इस गंभीर कैंसर के जोखिमों को लेकर अलर्ट किया है। शोधकर्ताओं ने बताया-कि देश में 45 साल से ज्यादा उम्र की केवल 1% महिलाएं ही ब्रेस्ट कैंसर जांच कराती हैं, जोकि बहुत चिंताजनक है। विशेषज्ञों की टीम ने बताया-कि देश में केवल एक फीसदी महिलाएं ही ऐसी हैं जो मैमोग्राफी करवाती हैं। यह दर दुनिया के अन्य देशों की तुलना में काफी कम है। राज्य स्तर पर देखें तो केरल में सबसे ज्यादा 4.5% और कर्नाटक में 2.9% महिलाएं मैमोग्राफी करवा रही हैं। आंध्र प्रदेश में यह दर क्रमशः 0.1% और उत्तराखंड में 0.27% ही है, जबकि नागालैंड में यह दर शून्य है। मैमोग्राम स्तन का एक प्रकार का एक्स-रे है जिसका उपयोग स्तन कैंसर और स्तन के ऊतकों में परिवर्तनों का पता लगाने के लिए किया जाता है। मैमोग्राम से स्तन कैंसर का प्रारंभिक अवस्था में भी पता लगाया जा सकता है, यहां से इसका उपचार करना आसान हो जाता है।
स्तन कैंसर के खतरे को जानिए
स्तन कैंसर के मामले जिस तरह से बढ़ते जा रहा हैं इसे ध्यान में रखते हुए सभी महिलाओं को बचाव के लिए अलर्ट रहना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, 20 से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को नियमित रूप से अपने स्तनों की खुद से जांच करते रहना चाहिए।
अगर आपके स्तन के आकार में कोई बदलाव नजर आता है या फिर छूने पर किसी तरह की गांठ महसूस होती है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। अधिकांश महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले में शुरुआत में इन दोनों लक्षणों का अनुभव होता है। स्तनों में दर्द रहना या निप्पल से किसी प्रकार का डिस्चार्ज होते रहना भी अलार्मिंग है, जिसको लेकर सभी लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिए।