योगी सरकार की दूसरी पारी का पहला फैसला- तीन महीने और मिलेगा मुफ्त राशन

  • कैबिनेट ने लगायी मुहर इसी माह खत्म होने वाली थी मुफ्त राशन योजना
  • सीएम योगी बोले, नवगठित सरकार का पहला निर्णय जनता को समर्पित

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया। उन्होंने कोरोना काल के दौरान शुरू की गई मुफ्त राशन योजना को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया है। सीएम ने कहा कि नवगठित सरकार का पहला निर्णय 15 करोड़ गरीब जनता-जनार्दन को समर्पित है। योजना इसी माह खत्म होने वाली थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के 80 करोड़ और प्रदेश के 15 करोड़ गरीबों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। हमारी पहली कैबिनेट बैठक में इस योजना को तीन महीने और आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इस योजना के तहत गरीबों को खाद्यान्न के साथ दाल, नमक, चीनी और तेल भी दिया जाएगा। इस योजना से राज्य के खजाने पर 3270 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। इस निर्णय के बाद राज्य के 15 करोड़ लोगों को अगले तीन महीने तक प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत लाभ मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर नागरिक को संबल प्रदान करने के उद्देश्य से अन्न योजना प्रारंभ की थी। अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक देश की 80 करोड़ जनता को इसका सीधा लाभ मिल रहा है।

वहीं राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के अतिरिक्त मुफ्त राशन वितरण की योजना संचालित की है। उन्होंने कहा कि मुफ्त टेस्ट, ट्रीटमेंट और टीका के प्रयास से कोरोना पर काबू पाया गया तो महामारी से उपजने वाली भुखमरी की समस्या के निदान में मुफ्त राशन की योजना बहुत उपयोगी रही है। अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्ड धारक 15 करोड़ प्रदेशवासी डबल इंजन की सरकार में मुफ्त राशन की डबल डोज प्राप्त कर रहे हैं। इस योजना की अवधि मार्च 2022 में समाप्त हो रही थी, जिस पर विचार करते हुए इसे अगले तीन माह तक बढ़ाये जाने का फैसला किया गया है। राशन वितरण की पारदर्शी व्यवस्था पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि 80 हजार उचित दर की दुकानों पर ई- पॉश मशीनें लगी हैं, इससे सही लाभार्थी तक राशन वितरण संभव हो रहा है।

अब सदन में प्रतिपक्ष की कमान संभालेंगे अखिलेश

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। अब विधान सभा में सपा प्रमुख अखिलेश यादव नेता प्रतिपक्ष की कमान संभालेंगे। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में विधायक दल की बैठक में आज उन्हें सर्वसम्मति से समाजवादी पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया। अखिलेश यादव अब विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में रहेंगे। वे सदन में भाजपा सरकार को घेरते नजर आएंगे। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बताया कि अखिलेश यादव को नेता विधानमंडल दल चुने जाने का प्रस्ताव वरिष्ठ नेता लालजी वर्मा ने किया। इसका समर्थन राजेन्द्र चौधरी ने किया। वहीं विधायक दल का नेता चुने जाने का प्रस्ताव वरिष्ठ समाजवादी नेता अवधेश प्रसाद ने रखा, जिसका समर्थन वरिष्ठ विधायक आलम बदी आजमी ने किया। बाद में अखिलेश यादव सर्वसम्मति से नेता चुन लिए गए। विधान सभा चुनाव के मैदान में पहली बार उतरे अखिलेश यादव ने मैनपुरी के करहल विधान सभा क्षेत्र से जीत दर्ज की।

आजमगढ़ से सांसद रहते विधान सभा का चुनाव लड़ने वाले अखिलेश यादव ने लोक सभा से इस्तीफा दे दिया है। अखिलेश ने कहा था कि वह विधान सभा में यूपी की जनता के मुद्दे उठाएंगे। अखिलेश से पहले बांसडीह से विधायक रहे राम गोविंद चौधरी नेता प्रतिपक्ष होते थे। इस बार वे चुनाव हार गए हैं। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी ने छोटे दलों के साथ गठबंधन किया था। सपा गठबंधन को 125 सीट मिली हैं। इनमें 111 विधायक समाजवादी पार्टी, आठ विधायक राष्ट्रीय लोकदल और छह विधायक ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के हैं।

शिवपाल के न बुलाए जाने पर बोले नरेश उत्तम, सहयोगी दलों की बैठक होगी 28 को
सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने शिवपाल यादव के सपा विधायक दल की बैठक में न बुलाए जाने के सवाल पर कहा कि वे हमारे सहयोगी दल के मुखिया हैं। सपा की सभी सहयोगी दलों के साथ 28 मार्च को बैठक होगी। गौरतलब है कि सपा विधानमंडल दल की बैठक में शिवपाल सिंह यादव को नहीं बुलाया गया, जिससे वह नाराज हो गए। शिवपाल यादव ने कहा कि सभी विधायकों को फोन कर बैठक में बुलाया गया लेकिन मुझे पार्टी कार्यालय से कोई सूचना नहीं दी गई। मैं अब लखनऊ से सीधे इटावा जा रहा हूं। जब मुझे कोई सूचना नहीं दी गई तो मैं बैठक में नहीं जाऊंगा। मैंने समाजवादी पार्टी का प्रचार किया। मुझे कुछ नहीं कहना है। अभी कोई फैसला नहीं ले रहा हूं। मैं सपा का विधायक हूं।

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