योगी के नाक की लड़ाई मिल्कीपुर पर आई, क्या लोकसभा का बदला ले पाएगी भाजपा?
उत्तर प्रदेश की सबसे चर्चित विधानसभा सीट मिल्कीपुर के उपचुनाव का बिगुल बज चुका है.... अयोध्या लोकसभा सीट हारने से खीझी हुई भाजपा मिल्कीपुर...
4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश की सबसे चर्चित विधानसभा सीट मिल्कीपुर के उपचुनाव का बिगुल बज चुका है…. अयोध्या लोकसभा सीट हारने से खीझी हुई भाजपा मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को जीतने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रही है…. और योगी आदित्यनाथ ने अकेले विधानसभा चुनाव में 6 मंत्रियों की टोली को लगा दिया है…. और चुनाव जीतने के लिए खुद योगी ने मोर्चा संभाल रखा है…. और अयोध्या का लगातार दौरा कर रहें है…. वहीं बूथ स्तर पर नेताओं और कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर जन संपर्क करने का आदेश जारी कर दिया गया… मिल्कीपुर विधानसभा चुनाव बीजेपी और योदी के लिए नाक की लड़ाई बन गई है….
अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है….. यहां 5 फरवरी को मतदान होगा…. और 8 फरवरी को वोटों की गिनती की जाएगी….. मिल्कीपुर से समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी का ऐलान काफी दिन पहले ही कर दिया था….. यहां से अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को सपा ने मैदान में उतारा है….. वहीं, भारतीय जनता पार्टी की ओर से कई दावेदार टिकट की चाहत में दिल्ली से लखनऊ की दौड़ लगा रहे हैं….. मिल्कीपुर सीट को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच नाक की लड़ाई चल रही है….. बता दें कि इस सीट की कमान खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभाली है…. और आधा दर्जन से अधिक बार मिल्कीपुर जा चुके हैं….. कुछ दिन पहले ही सीएम योगी ने छह मंत्रियों की ड्यूटी भी मिल्कीपुर में लगा दी है….. जिसमें सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, जेपीएस राठौर, दयाशंकर दयालु, मयंकेश्वर शरण सिंह और सतीश शर्मा शामिल हैं…..
आपको बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन मंत्रियों को बूथवार टोली बनाकर जनता से सीधा संवाद और जनसंपर्क करने का निर्देश दिया है….. मंत्रियों के अलावा बीजेपी संगठन के कई ताकतवर चेहरों की भी ड्यूटी लगाई गई है…… पिछले छह महीनों के अंदर यूपी सरकार की ओर से रोजगार मेला समेत कई कार्यक्रम भी करवाए गए हैं….. ताकि वोटरों के बीच पैठ बनाई जा सके….. बीजेपी की कोशिश है कि अयोध्या लोकसभा सीट की हार का बदला मिल्कीपुर में लिया जाए….. वहीं, अखिलेश यादव ने भी अपने नेताओं की टीम को मिल्कीपुर में उतार दिया है….. अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद को ही इस सीट का प्रभारी बनाया गया है….. सपा यहां भी संविधान और अपने सांसद के स्वाभिमान को मुद्दा बनाएगी….. सपा सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव खुद मिल्कीपुर सीट पर चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे….. और शिवपाल यादव, इंद्रजीत सरोज, माता प्रसाद पांडेय समेत सभी बड़े नेताओं की ड्यूटी लगाई जाएगी…..
वहीं अगर मिल्कीपुर का सियासी समीकरण देखें तो सपा की स्थिति मजबूत है….. यहां पर 65 हजार यादव, 60 हजार पासी और 35 हजार मुस्लिम वोटर हैं….. इसके अलावा 50 हजार ब्राह्मण, 25 हजार ठाकुर, 50 हजार गैर-पासी दलित, 8 हजार मौर्य, 15 हजार चौरासिया, 8 हजार पाल, 12 हजार वैश्य वोटर हैं…… 30 हजार अन्य जातियों के वोट हैं….. सपा को भरोसा है कि उसका PDA का नारा कामयाब होगा….. और यादव-पासी-मुस्लिम-दलित-अन्य पिछड़ा का समीकरण बनेगा….. वैसे तो यह सीट 1967 से ही वजूद में है….. लेकिन 1996 के बाद से हुए 8 चुनावों में से 6 बार सपा जीतने में कामयाब रही है….. 2008 में यह सीट आरक्षित हो गई थी….. उसके बाद 2012 में हुए चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद जीते थे….. लेकिन 2017 में वह बीजेपी के बाबा गोरखनाथ से हार गए थे…. 2022 में सपा के टिकट पर अवधेश प्रसाद फिर जीते….. 2024 में अवधेश प्रसाद, अयोध्या के सांसद बन गए…. इस वजह से यह सीट खाली हुई और अब उपचुनाव होने जा रहा है….
आपको बता दें कि अखिलेश ने कहा कि मैं मिल्कीपुर के चुनाव के लिए आप सभी पत्रकार साथियों से कहूंगा कि ये सबसे फेयर इलेक्शन होगा….. इससे फेयर इलेक्शन नहीं होगा…. आपके साथ-साथ मैं देश के पत्रकारों को बुलाना चाहता हूं…. मैं चाहता हूं कि अयोध्या सरीखी धार्मिक नगरी में जब चुनाव होगा तो अंतरराष्ट्रीय पत्रकार भी देखें…. वह रहेंगे तो देखेंगे कि भारत में, खास तौर से यूपी में कितना फेयर इलेक्शन होता है…. इसके अलावा अखिलेश ने अन्य मुद्दों पर भी सरकार को घेरा….. लखनऊ में बीजेपी नेता के गुर्गों द्वारा पत्रकार के परिवार को पीटने के मामले पर उन्होंने कहा कि इनके लोग इतने दबंग है…. कि थाने में रिवाल्वर लेकर पहुंच जा रहे हैं….