इन योगासनों से महसूस करेंगे हल्का और ऊर्जावान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
खराब जीवनशैली, खानपान में गड़बड़ी से पौष्टिकता में कमी और नींद पूरी न होने से कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से लोग ग्रसित हो जाते हैं। इस अवस्था में व्यक्ति पूरा दिन थकान महसूस करता है। भले ही आप आराम कर लें या कुछ काम न करें लेकिन अंदरूनी तौर पर आप कमजोर और थकावट महसूस करते रहते हैं। इस स्थिति को क्रोनिक फटीग सिंड्रोम कहा जाता है। थकान और कमजोरी को दूर करने के लिए आप दिन भर बिस्तर पर लेटे रहना चाहते हैं। हालांकि शरीर में ऊर्जा की इतनी कमी होती है कि शरीर में भारीपन महसूस होने लगता है। ऐसे में आप थकान और कमजोरी की इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए योगासन कर सकते हैं। योग आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही स्टेमिना का भी बढ़ाता है। आंतरिक तौर पर आपको शरीर हल्का और ऊर्जावान महसूस करता है।
शवासन
शारीरिक और मानसिक थकान को दूर करने के लिए शवासन लाभदायक है। इस आसन को करने के लिए जमीन पर लेटकर पैरों को ढीला छोड़ दें। दोनों हाथों को शरीर से थोड़ी दूरी पर रखते हुए पैर के अंगूठे से लेकर पूरे शरीर के अंगो पर धीरे-धीरे ध्यान केंद्रित करें। मन को शांत रखें और शरीर में ऊर्जा पैदा हो रही है। मानसिक और शारीरिक तनाव दूर होता है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, अवसाद, ह्रदय विकार, मनोविकार, अनिद्रा आदि बिमारिओं में उपयोगी हैं। एकाग्रशक्ति, याददाश्त और विचार प्रणाली को बढाता हैं। शवासन नियमित करने से आत्मविश्वास बढ़ता हैं। शरीर को नवचैतन्य प्राप्त होता हैं। मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढाता हैं।
बालासन
कमजोरी और थकान की शिकायत हो तो नियमित बालासन का अभ्यास करें। इस आसन से तनाव कम होता है, साथ ही ऊर्जा मिलती है। बालासन को करने के लिए जमीन पर घुटनों के बल बैठ जाएं। अब दोनों टखने और एडिय़ों को आपस में एक दूसरे से टच करें। गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर लाएं और आगे की ओर झुकें। फिर पेट को दोनों जांघों के बीच लाते हुए सांस छोड़ें। इस अवस्था में कुछ देर रूके। बाद में घुटनों को सीध में कर लें और वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।
ताड़ासन
इस आसन से पूरा शरीर स्ट्रेच होता है। ताड़ासन करने के लिए योगा मैट पर सीधे खड़े होकर पैरों के बीच कुछ दूरी रखें। गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और स्ट्रेच करके एड़ी उठाते हुए पैर की उंगलियों पर खड़े हो जाएं। इस अवस्था में शरीर के हर अंग में खिंचाव को महसूस करेंगे। अब कुछ देर इसी अवस्था में रूकने के बाद सामान्य स्थिति में लौट आएं। इस आसन को 10 से 15 बार दोहराएं। यह आसन शारीरिक और मानसिक संतुलन विकसित करता है। शरीर के पोस्चर में सुधार लाता है। जांघों, घुटनों और टखनों को मजबूत करता है। पेट और नितंबों को टोन करता है। रीढ़ की हड्डी में खिचाव लाकर उसके विकारों को मिटाता है। कटिस्नायुशूल (साइटिका) से राहत दिलाता है। फ्लैट पैर की परेशानी में मदद करता है।
धनुरासन
धनुरासन के अभ्यास से थायराइड में बहुत फायदा मिलता है। ऊर्जावान रहने के साथ ही मोटापे को कम करने के लिए भी धनुरासन कर सकते हैं। धनुरासन के अभ्यास के लिए मैट पर पेट के बल लेटकर घुटनों को कमर के पास ले जाएं। अब हाथ से दोनों टखनों पकडऩे का प्रयास करें। फिर सिर, छाती और जांघ को ऊपर की ओर उठाते हुए शरीर का भार पेट के निचले हिस्से पर रखें। कुछ देर इसी अवस्था में रूकें, बाद में सामान्य स्थिति में आ जाएं।