नौकरशाही की कार्यशैली का मुद्दा उठाएंगे: आप
विधानसभा का दो दिवसीय सत्र का आगाज
- भाजपा व केंद्र की नीतियों पर हो चर्चा
- सत्ता पक्ष के निशाने पर होगी अधिकारियों की कार्यशैली, हंगामे के आसार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा का शुक्रवार से शुरू हो रहा दो दिवसीय शीतकालीन सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे को कठघरे में खड़े करने की सियासी रणनीति तैयार कर ली है। सत्ता पक्ष नौकरशाहों की कार्यशैली और उससे जनहित के कार्यों के प्रभावित होने की बात करते हुए उपराज्यपाल व भाजपा पर हमलावर रहेगा, जबकि विपक्ष दिल्ली की जनहित से जुड़ी समस्याओं पर सरकार से जवाब मांगेगा।
विपक्ष इस सत्र को दो की जगह 10 दिन तक चलाए जाने की मांग विधानसभा अध्यक्ष से करेगा। आगामी लोस चुनाव को देखते हुए आप विधायक केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर भी भाजपा को घेरेंगे। विधानसभा में एक बार फिर पक्ष और विपक्षी पार्टी के सदस्य आमने सामने होंगे। भाजपा और आम आदमी पार्टी के विधायक दल ने बैठक कर रणनीति तैयार कर ली है। भाजपा विधायकों ने ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस भेजा है। लिहाजा सत्र भी हंगामेदार रहने की उम्मीद है। सदन शुरू होने के साथ ही भाजपा विधायकों ने दिल्ली की जनता के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की मांग करेंगे। शीतकालीन सत्र को कम से कम 10 दिन तक चलाने की मांग भी रखेंगे। विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है। यही वजह से है कि सदन में चर्चा कराना नहीं चाहती। अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए ही सत्र बुलाया जाता है। सरकार को सवालों का जवाब देना ही होगा।
केजरीवाल को घेरेंगे भाजपा व अन्य विपक्ष
सदन में विपक्ष यह साबित करने की कोशिश करेगा कि आम आदमी पार्टी की सरकार भ्रष्ट है। मुख्यमंत्री के राजमहल के निर्माण के मुद्दे के साथ ही सतर्कता विभाग की फाइलों में हेरफेर, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर आप सरकार को कटघरे में खड़ा करेगा। उधर, आम आदमी पार्टी ने भी खास तैयारी की है। केंद्र सरकार पर हमला करने के साथ ही नौकरशाही व्यवस्था पर भी विधायक निशाना साधेंगे। यह भी आरोप मढ़ेंगे कि केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाले अधिकारी दिल्ली सरकार की योजनाओं में बाधा बन रहे है। रणनीति के तहत केंद्र सरकार की नीतियों को चुनौती देंगे। ‘मैं भी केजरीवाल’ कैंपेन के तहत बताएंगे कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईमानदारी पर दिल्ली वालों को भरोसा है। केजरीवाल तानाशाही के सामने नहीं झुकेंगे। दिल्ली वाले उनके साथ जेल तक जाने के लिए भी तैयार है। ईडी और सीबीआई एक रुपया भी आप नेताओं से बरामद नहीं कर पाई है। पूरी दिल्ली को केजरीवाल की ईमानदारी पर पूरा भरोसा है।