भाजपा सरकार से युवा हताश और निराश: अखिलेश यादव
बोले- संसद में घुसपैठ भविष्य के लिए खतरे की घंटी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ । संसद में दो युवकों की घुसपैठ की घटना के बाद यूपी के राजनीतिक दलों व नेताओं ने बीजेपी व केंद्र सरकार को जमकर कोसा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने माइक्रो ब्लागिंग साइट ‘एक्स’ पर लिखा है कि लोकसभा में दो युवकों का विजिटर गैलरी से कूदना, संसद की सुरक्षा के साथ गंभीर खिलवाड़ है। ये एक गंभीर सुरक्षा चूक है। इसकी तत्काल जाँच की जाए।
भाजपा सांसद की सिफारिश पर बने प्रवेश पत्र पर उन्होंने कहा कि जिनकी वजह से ये अंदर प्रवेश कर सके, उन सबके खिलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई हो। साथ ही कहा कि ये घटना देशभर के अलग-अलग जगहों और प्रदेशों से इक_ा युवा मन की हताशा का परिणाम है। ये घटना स्वयं में निंदनीय होते हुए इन अर्थों में चिंतनीय भी है कि यदि इसी प्रकार युवाओं को वर्तमान से निराशा और भविष्य से नाउम्मीदगी हुई तो ये देश के लिए अच्छा नहीं होगा। ये घटना व्यवस्था के दरवाजे पर चेतावनी की दस्तक है। उधर, समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने संसद कांड के बहाने भाजपा पर हमला बोलते हुए ‘एक्स’ पर लिखा कि ये कांड देश के विभिन्न अंचलो से आए पढ़े-लिखे बेरोजगार नौजवानों ने पेट की भूख व बेरोजगारी की पीड़ा का नतीजा है। मौर्या ने तंज कसा कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रस्तुत की जाने वाली उनकी भावनाओं को जब भी कुचलेंगे तो दर्द, पीड़ा व भावना व्यक्त करने का इससे बेहतर कोई और माध्यम हो ही नहीं सकता।
घटना को राजनीति के चश्मे से न देखे : स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य के मुताबिक पीड़ा प्रकट करने के लिए संसद के अंदर और बाहर जो कुछ भी किया उसे केवल संसद की गरिमा व कानून के चश्मे से ही नहीं देखना चाहिए बल्कि उनकी बेरोजगारी व पेट की भूख की पीड़ा के दर्द से भी जोडक़र देखा जाना चाहिए। आगे लिखा कि बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेने वाले देश के युवा यदि सडक़ पर दर-दर ठोकरे खाएंगे, भूख से बिलबिलाएंगे, बेरोजगारी की पीड़ा झेलेंगे तो हम उनसे सदाचरण की उम्मीद नहीं कर सकते। उन्होंने ये भी लिखा कि हिन्दी जगत के महान साहित्यकार व लेखक, मुंशी प्रेमचंद जी ने भी कहा था कि ‘जिस बंदे को पेट भर रोटी नहीं मिलती उसके लिए मर्यादा और इज्जत ढोंग है’ यद्यपि कि कृत्य औचित्यपूर्ण नहीं है, फिर भी प्रकरण पर सहानुभूति व संवेदनशीलता के साथ विचार किया जाना चाहिए।