कल गोरखपुर को 7476 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देंगे योगी
504.32 किमी लंबी 16 सडक़ों का लोकार्पण एवं शिलान्यास करेंगे
नितिन गडकरी कार्यक्रम में दिल्ली से ऑनलाइन जुड़ेंगे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल गोरखपुर रहेंगे। गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ सीएम योगी प्रदेश को 7476.57 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात देंगे। यह आयोजन भारतीय राष्टï्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा सर्किट हाउस गोरखपुर से होगा। इस दौरान सीएम योगी 504.32 किमी लंबी 16 सडक़ों के लोकार्पण एवं शिलान्यास करेंगे।
इस कार्यक्रम में उनके साथ केंद्रीय सडक़, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी दिल्ली से ऑनलाइन जुड़ेंगे। इन लोकार्पण शिलान्यास कार्यक्रम में गोरखपुर एवं बस्ती मंडल की करीब 1182 करोड़ रुपये की सडक़ परियोजनाएं शामिल हैं। हालांकि मुख्यमंत्री के आगमन का कार्यक्रम भी जारी नहीं हुआ है। लेकिन गोरखनाथ मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि मंदिर में उनके आगमन की सूचना मिली है।
धर्म बदलना है तो डीएम को दें जानकारी
कैबिनेट से पास इस महत्वपूर्ण अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के सभी पहलुओं पर प्राविधान तय किए गए हैं। अध्यादेश के प्राविधानों के अनुसार धर्म परिवर्तन का इच्छुक होने पर संबंधित पक्षों को तय प्रारूप पर जिला मजिस्ट्रेट को 02 माह पहले सूचना देनी होगी। इसका उल्लंघन करने पर छह माह से तीन वर्ष तक की सजा हो सकती है, जबकि इस अपराध में न्यूनतम जुर्माना 10,000 रुपए तय किया गया है। नए कानून के मुताबिक सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में 03 से 10 वर्ष तक जेल हो सकती है और कम से कम 50,000 रुपए का जुर्माना भरना होगा।
लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश, 10 साल तक की सजा
लव-जिहाद को लेकर जारी देशव्यापी बहस के बीच यूपी सरकार ने विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 पास कर दिया। इस नए कानून के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बलपूर्वक, झूठ बोलकर, लालच देकर या अन्य किसी कपटपूर्ण तरीके से अथवा विवाह के लिए धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध होगा। ऐसे में अब लव जिहाद करने वालों से योगी सरकार पूरी सख्ती से निपटेगी। महज शादी के लिए अगर लडक़ी का धर्म बदला गया तो न केवल ऐसी शादी अमान्य घोषित कर दी जाएगी, बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को दस साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है। नए कानून के मुताबिक एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन के लिए संबंधित पक्षों को विहित प्राधिकारी के समक्ष उद्घोषणा करनी होगी कि यह धर्म परिवर्तन पूरी तरह स्वेच्छा से है। संबंधित लोगों को यह बताना होगा कि उन पर कहीं भी, किसी भी तरह का कोई प्रलोभन या दबाव नहीं है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, लखनऊ सहित छह जिलों में मास्क पहनना जरूरी
भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की ड्रोन कैमरे से होगी निगरानी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में कोरोना वायरस संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित छह जिलों में फेस मास्क पहनने के नियम को अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए कड़ी निगरानी का निर्देश दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि इन जिलों में सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाए।
कोरोना संक्रमण से निपटने की सरकार की तैयारियों की निगरानी कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने कहा कि प्रयागराज और कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर व गौतमबुद्धनगर में भी इसी प्रकार का अभियान चलाया जाए। कोर्ट ने कम से कम अगले 30 दिनों तक मास्क पहनने की सघन निगरानी करने का निर्देश दिया है। खाने-पीने के सामान खुले में न बेचने का आदेश अगले छह सप्ताह तक लागू रहेगा। हाईकोर्ट में हाजिर हुए एसएसपी प्रयागराज सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया कि सतत निगरानी के लिए चार-चार कांस्टेबलों की टीम बनाई गई है। पुलिस हर चार घंटे में अपनी रिपोर्ट थाना प्रभारी को देगी। कोर्ट ने सभी एडवोकेट कमिश्नर से कहा कि कांस्टेबलों की जो सूची एसएसपी द्वारा दी गई उस पर लिखे मोबाइल नंबरों के जरिए वह उनकी निगरानी करें। अथवा किसी अन्य तरीके से भी निगरानी कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर सर्विलांस की रिपोर्ट पेश करने का अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल को निर्देश दिया है। एडवोकेट कमिश्नर ने जानकारी दी कि सडक़ के किनारे खाने-पीने की दुकान लगाने वाले खुले में सामान न बेचने के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि स्थानीय खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग यह सुनिश्चित करें कि खाने की चीजें सिर्फ पैकिंग में ही बेची जाएं। यह नियम अगले छह सप्ताह तक और जारी रहेगा। इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई तीन दिसंबर को रिपोर्ट मांगी है।