कोयल पर चढऩे लगा सियासी पारा, दिल्ली के सीएम ने लिखा पत्र तो कोयला मंत्री ने दिया यह बयान

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोयले की किल्लत से जारी बिजली संकट से देश की सियासत तेज हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। जिसके बाद केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कोयले की किल्लत को लेकर सफाई दी. उन्होंने कहा कि आयातित कोयले की कीमत में अचानक हुई बढ़ोतरी से बड़ा असर पड़ा है. भारी बारिश और घरेलू कोयला उत्पादन पर दबाव के चलते यह समस्या पैदा हुई है। इसके बावजूद सबसे ज्यादा कोयला उत्पादन अकेले अक्टूबर माह में किया गया है। अगले 3-4 दिनों में हालात सामान्य हो जाएंगे। मुझे पता चला है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पत्र लिखा है। इसका संचालन एनटीपीसी करती है। जानकारी मिलने के बाद मैं बयान दूंगा।
आपको बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मौजूदा कोयले की कमी की स्थिति से अवगत कराया है। कोयले की कमी ने राष्ट्रीय राजधानी को लगातार तीसरे महीने प्रभावित किया है, जिससे शहर में बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री ने लिखा, अगस्त के बाद से समस्या ने दिल्ली के एनसीटी को बिजली की आपूर्ति करने वाले प्रमुख केंद्रीय उत्पादन संयंत्रों से बिजली उत्पादन को प्रभावित किया है। पत्र में आगे उल्लेख किया गया है, सीईआरसी टैरिफ रेगुलेशन (रेगुलेशन 34) जनरेटिंग स्टेशन को पिथेड और नॉन-पिथेड स्टेशनों के लिए 10 दिनों और 20 दिनों के लिए कोयला स्टॉक बनाए रखने का आदेश देता है। सीईए की दैनिक कोयला रिपोर्ट के अनुसार, एनटीपीसी दादरी-द्वितीय, झझर, और डीवीसी (सीटीपीएस) और सिंगरौली के पास केवल एक दिन का स्टॉक बचा है, जबकि मेजिया में कोयले का स्टॉक खत्म हो गया है।
केजरीवाल ने लिखा, ऐसी स्थिति में दिल्ली को बिजली सप्लाई करने वाले गैस स्टेशनों पर निर्भरता बढ़ जाती है। हालांकि, दिल्ली को बिजली सप्लाई करने वाले गैस प्लांट में पूरी क्षमता से चलने के लिए पर्याप्त एपीएम गैस नहीं है।

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