क्या आप भी हैं वेतनभोगी कर्मचारी तो इन तरीकों से बचाएं टैक्स

नई दिल्ली। यदि आप वेतनभोगी हैं तो आप अपने वेतन को अच्छी तरह से प्रबंधित करके कुछ कर बचा सकते हैं । टैक्स छूट के लिए आप कुछ योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। आइए हम आपको ऐसे ही कुछ तरीकों के बारे में बताते हैं।
यदि आप वेतनभोगी हैं और आयकर का भुगतान करते हैं, तो आप इसे कुछ निवेशों के माध्यम से बचा सकते हैं। अगर आपके वेतन का भुगतान कंपनी द्वारा वाहन शुल्क, खाद्य कूपन या किसी विशेष भत्ते के लिए नहीं किया जाता है, तो आप इसे शुरू कर सकते हैं। इसके साथ ही एनपीएस जैसी योजनाओं में निवेश करने से भी बचत में मदद मिलेगी।
टैक्स बचाने के लिए आपको अपनी कंपनी से कुछ भत्ता शुरू करना होगा। आप इसके लिए खर्चों पर प्रतिपूर्ति ले सकते हैं। फोन, अखबार और गैजेट आदि का खर्च इसमें शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा एनपीएस में निवेश को सेक्शन 80सीसीडी (2) के तहत टैक्स छूट मिलती है। इन फैसलों से आपको 60 हजार तक की टैक्स छूट मिल सकती है।
अगर आप किराए के मकान में रहते हैं और एचआरए आपकी सैलरी का कंपोनेंट नहीं है तो फिर आप टैक्स छूट का दावा नहीं कर पाएंगे। यहां घटक प्रतिपूर्ति का मतलब है । लेकिन अगर आप अपनी कंपनी द्वारा एचआरए प्रतिपूर्ति प्राप्त करते हैं, तो आप किराये के आधार पर 5,000 रुपये के कर का दावा कर सकते हैं। इससे आपकी टैक्स देनदारी 12,500 रुपये तक कम हो जाएगी।
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदने पर आपको टैक्स छूट मिलती है। अगर पॉलिसी का प्रीमियम 25,000 रुपये है तो आपको 1,500 रुपये तक टैक्स छूट मिल सकती है। अगर आपका प्रीमियम इससे कम है तो फिर आप इसे बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर सकते हैं ताकि आपको टैक्स छूट का ज्यादा फायदा मिल सके।
अगर आपको स्पेशल एलाउंस के तौर पर ज्यादा पैसा मिलता है तो फिर आप कंपनी से बात करके इसे कम करवा सकते हैं। इसके बदले आप अपनी कंपनी से 12 हजार रुपये टेलीफोन भत्ता और 12 हजार रुपये अखबार का भत्ता प्राप्त कर सकते हैं। ये टैक्स अपने खर्च का बिल जमा करने पर टैक्स फ्री खर्च के दायरे में आएंगे। इसके अलावा, आप अपनी मूल सैलरी का 10 प्रतिशत राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में जमा कर सकते हैं। एनपीएस में निवेश पर भी टैक्स छूट मिलती है।

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