छात्रों को स्कॉलरशिप न मिलने पर योगी सरकार सख्त, 100 से ज़्यादा अधिकारी-कर्मचारी पर होगी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश में 6 लाख पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति (शुल्क भरपाई) न मिलने के मामले में योगी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सरकार ने इस लापरवाही के लिए 100 से ज़्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इनमें कई विश्वविद्यालयों के नोडल अधिकारी और आईटीआई के संयुक्त निदेशक भी शामिल हैं।
किन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई?
लापरवाही बरतने पर 14 जिलों के जिला समाज कल्याण अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। इनमें अयोध्या, बहराइच, रायबरेली और सीतापुर जैसे जिलों के अधिकारी शामिल हैं।
बरेली में सबसे ज्यादा गड़बड़ी पाई गई, जहाँ 40 शिक्षण संस्थानों के 1600 विद्यार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिल सका। इसी वजह से वहाँ के बाबू प्रमोद जोशी को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, बलिया के तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी दीपक श्रीवास्तव के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए विधिक राय ली जा रही है।
विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों पर भी गाज
सिर्फ सरकारी अधिकारी ही नहीं, बल्कि कई शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों पर भी कार्रवाई हुई है। लापरवाही बरतने के लिए 14 राज्य विश्वविद्यालयों और 19 निजी विश्वविद्यालयों को कड़ी चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा, आयुष विभाग के दो नोडल अधिकारियों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
गोरखपुर, आगरा, वाराणसी, लखनऊ समेत 8 मंडलों के आईटीआई के संयुक्त निदेशकों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। सरकार का यह कदम साफ संदेश देता है कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

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