यूपी की सत्ता में भाजपा की वापसी को लेकर मंथन

  • धर्मेंद्र प्रधान करेंगे मुख्यमंत्री व पदाधिकारियों संग बैठक
  • आज से तीन दिन तक चुनावी तैयारियों पर चर्चा
  • चुनाव प्रभारी बताएंगे मिशन 2022 को लेकर क्या रणनीति अपनाए भाजपा

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। मिशन 2022 के लिए भारतीय जनता पार्टी हाईकमान द्वारा बनाई विधानसभा चुनाव प्रभारी, सहप्रभारी और क्षेत्र प्रभारियों की टीम अपने पहले दौरे पर लखनऊ थोड़ी देर में पहुंचने वाली है। शाम छह बजे बाद भाजपा मुख्यालय में चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और उनकी टीम यहां लगातार मैराथन बैठकें करेगी। तीन दिन तक चलने वाले बैठक में धर्मेंद्र प्रधान पदाधिकारियों संग मंथन करेंगे कि सत्ता में भाजपा की वापसी कैसे हो और जनता में भाजपा के प्रति उपजी नाराजगी को कैसे दूर किया जाए। चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे केन्द्रीय मंत्री तीन दिन तक मैराथन बैठक कर सियासी नब्ज की थाह लेंगे और कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को 2022 की जीत का मंत्र देंगे। विधानसभा चुनाव की रणनीति के लिए होने जा रही इस अहम बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कैबिनेट के साथ रहेंगे। कई केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी इनमें शामिल होंगे। पिछले दिनों ही भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने कुशल रणनीतिकार माने जाने वाले केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को यूपी चुनाव प्रभारी बनाया है। उनके साथ केंद्रीय सूचना प्रसारण, खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर, संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल, कृषि एवं कृषक कल्याण राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे, शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी, सांसद सरोज पांडेय और विवेक ठाकुर को सहप्रभारी की जिम्मेदारी दी है। छह क्षेत्रों के संगठन प्रभारी भी बनाए गए हैं। चुनावी रणनीति में माहिर और जमीनी नेताओं की यह टीम जिम्मेदारी मिलने के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश आ रही है। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा सहित सभी कैबिनेट मंत्री, प्रदेश के कई केंद्रीय मंत्री, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे।

केंद्रीय नेतृत्व का यूपी की सत्ता पर विशेष फोकस

उत्तर प्रदेश में इस बार का विधानसभा चुनाव काफी रोचक एवं चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है। सपा से लेकर बसपा और कांग्रेस ही नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी से लेकर तमाम क्षेत्रीय पार्टियां चुनावी किस्मत आजमा रही है। ऐसे में बीजेपी लिए 2017 जैसे चुनावी नतीजे दोहराने की चुनौती है, क्योंकि साढ़े चार साल पहले बीजेपी 15 साल के वनवास के बाद सत्ता में लौटी थी। यही वजह है कि बीजेपी अब यूपी को अपने हाथों से नहीं जाने देना चाहती है, जिसके लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है।

लखनऊ से पहले दिल्ली में हुई थी मैराथन बैठक

भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और संगठन प्रभारी राधा मोहन सिंह ने लखनऊ आने से पहले 19 और 20 सितंबर को दिल्ली में बैठक की। दोनों के बीच विपक्षी दलों की स्थिति, संगठनात्मक स्थिति, सरकार के कामकाज और संभावित चुनावी रणनीति पर बात हुई।

गोरखपुर का फीडबैक लेने खुद जाएंगे धर्मेंद्र प्रधान

पार्टी सूत्रों ने बताया कि धर्मेंद्र प्रधान तीन दिवसीय दौरे पर हैं। वह आज देर रात तक बैठकों के बाद कल सुबह गोरखपुर जाएंगे। शाम तक लखनऊ लौट आएंगे और फिर बैठकों का सिलसिला शुरू होगा। बताया गया है कि वह शुक्रवार को वापस दिल्ली जा सकते हैं। जबकि अन्य सह प्रभारी और क्षेत्रीय संगठन प्रभारी कुछ जिलों का दौरा भी कर सकते हैं।

कांग्रेस बोलीं- योगी राज में हो चुकी 21 साधु-संतों की हत्या

  • प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बीजेपी सरकार को लिया निशाने पर

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद विपक्षी दल यूपी पुलिस की भूमिका पर हमलावर हैं। लखनऊ पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने इस घटना को लेकर गंभीर सवाल उठाते हुए योगी सरकार को घेरा है। साथ ही इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट या फिर हाईकोर्ट की डीविजनल बेंच की निगरानी में सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की है और ये भी कहा कि एसआईटी जांच में लापरवाही हो सकती है। ऐसे में सीबीआई जांच जरूरी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा अगर महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या ही की थी, तो उनके शव को पुलिस के आने से पहले क्यों और किसने उतारा? आगे कहा कि जब महंत कुछ लिख नहीं सकते थे तो आखिर इतना लंबा सुसाइड नोट उन्होंने कैसे लिखा? इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा योगी सरकार में साधु-संतों की हत्या का ये कोई पहला या दूसरा मामला नहीं है। अब तक यूपी के अंदर योगी सरकार में 21 साधु-संतों की हत्या हो चुकी है। बसपा प्रमुख मायावती ने भी कहा जिस परिस्थिति में उनकी मौत हुई है वह अति चिंतनीय है। सरकार संतोषजनक कार्रवाई करे।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नरेंद्र गिरि की दम घुटने से मौत की पुष्टिï

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के शव का पोस्टमार्टम पांच डॉक्टरों की टीम ने दो घंटे तक किया। शुरूआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटने से मौत होने की पुष्टि हुई है। इसके बाद यहां से शव को संगम में स्नान के बाद मठ ले जाया गया। इससे पहले बाघंबरी मठ से संगम के लिए निकली अंतिम यात्रा में संतों और भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। वहीं देश के विभिन्न महामंडलेश्वर और 13 अखाड़ों के साधु संत प्रयागराज पहुंचे हैं। कुछ ही देर में महंत नरेंद्र गिरि को भू-समाधि दी जाएगी।

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