स्वास्थ्य केंद्रों पर बनेगा कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर: डीएम
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने स्वास्थ्य अधिकारियों संग बैठक की
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। शहर में कोरोना बेकाबू है। ऐसे में अर्बन सीएचसी समेत अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनेगा। इसको लेकर डीएम अभिषेक प्रकाश ने स्वास्थ्य अधिकारियों संग बैठक की। इस दौरान सर्विलांस टीमों के जरिए सात दिवसीय कोरोना मरीजों के ट्रेसिंग अभियान चलाने का निर्देश दिया।
इसमें आइएलआइ, सारी के मरीजों को चिन्हित किया जाएगा। इन्हें जांच कर होम क्वारंटीन में किया जाएगा। इसके अलावा सभी अर्बन सीएचसी (बीएमसी) व स्वास्थ केंद्रों पर कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया जाएगा। इसे जनपद के इंटीग्रेटेड कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जोड़ जाएगा। ऐसे में कोविड कंट्रोल एक्टिविटी में तेजी लाई जा सकेगी। इसके अलावा होम आइसोलेशन के मरीजों को घर पर दवा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उधर, ड्रग इंस्पेक्टर बृजेश कुमार, माधुरी सिंह, ने टेबलेट आइवर मेक्टिन की उपलब्धता को लेकर महानगर, आशियाना के डिस्ट्रीब्यूटर्स व थोक दुकानों पर छापामारी की। इस दौरान दवा की आपूर्ति व विक्रय, स्टॉक भी जांचा।
भाजपा नेता का बेटा है 35 करोड़ की एनसीईआरटी की डुप्लीकेट किताबें छापने का मास्टरमाइंड
मेरठ से डुप्लीकेट किताबों की देशभर में हो रही थी सप्लाई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मेरठ में एनसीईआरटी की डुप्लीकेट किताबें छापने का पर्दाफाश हुआ है। यूपी एसटीएफ और मेरठ पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में 35 करोड़ की डुप्लीकेट किताबें पकड़ी गई हैं। छह प्रिंटिंग मशीनें मिली हैं। दर्जनभर लोगों को हिरासत में लिया गया है। एनसीईआरटी की डुप्लीकेट किताबें छापने का मास्टरमाइंड सचिन गुप्ता है। वह भाजपा नेता संजीव गुप्ता का बेटा है। सचिन और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ परतापुर थाने में एसटीएफ सब इंस्पेक्टर ने मुकदमा दर्ज कराया है।
एसटीएफ डीएसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि परतापुर के अछरौंडा में गोदाम और मोहकमपुर की प्रिंटिंग प्रेस का मालिक सचिन गुप्ता है। फिलहाल वह फरार है। उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। छापेमारी के तुरंत बाद सचिन से पुलिस अधिकारियों की फोन पर बातचीत हुई। उसने कहा कि वह किताबों के कागजात लेकर आ रहा है, लेकिन बाद में नहीं आया और मोबाइल भी बंद कर लिया। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि सचिन गुप्ता पूर्व में यूपी बोर्ड की डुप्लीकेट किताबें छाप चुका है। हालांकि उस मामले में कार्रवाई हुई थी अथवा नहीं, यह पता नहीं चल पाया है। इस संबंध में थाने से पुराना रिकॉर्ड निकलवाया जा रहा है।