डीए पर यूपी में 28 लाख कर्मचारियों-पेंशनरों की बढ़ी उम्मीद

  •  करीब 11 फीसदी डीए का होगा इजाफा

लखनऊ। केन्द्र सरकार की ओर से अपने कर्मचारियों को बढ़ी दर से महंगाई भत्ते (डीए) और पेंशनरों को महंगाई राहत (डीआर) देने पर लगी रोक हटाने का फैसला करने से उत्तर प्रदेश सरकार के 28 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए भी उम्मीद जगी है। पहली जुलाई से अपने कर्मचारियों को 28 फीसदी की दर से डीए का भुगतान करने के केन्द्र के निर्णय से राज्य सरकार के 16 लाख कर्मचारियों को भी अब 11 फीसदी अधिक डीए के साथ तनख्वाह बढ़ने की आस है। राज्य कर्मचारी 18 महीने से वेतन और पेंशनर अपनी पेंशन बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। कर्मचारियों को अभी 17 फीसदी की दर से डीए का भुगतान हो रहा है। कोरोना से जंग लड़ने की खातिर वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए राज्य सरकार ने केन्द्र की तर्ज पर पहली जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों को बढ़ी दर से महंगाई भत्ता (डीए) और पेंशनरों को महंगाई राहत (डीआर) के भुगतान पर पिछले साल 24 अप्रैल को शासनादेश जारी कर रोक लगा दी थी। सरकार के इस फैसले के क्रम में राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को दिये जाने वाले डीए और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्तों का भुगतान नहीं किया गया है। बुधवार को केंद्र सरकार ने बढ़ी दर से डीए-डीआर के भुगतान पर लगी रोक हटाने और कर्मचारियों को जुलाई से 28 फीसद की दर से डीए का भुगतान करने का फैसला किया है। डीए-डीआर के मामले में राज्य सरकार की केंद्र से समानता है। इसलिए राज्य सरकार केंद्र के निर्णय का अनुसरण करती रही है। इस आधार पर कर्मचारी संगठनों ने भी राज्य कर्मचारियों को जुलाई से 28 फीसद की दर से डीए भुगतान करने की मांग शुरू कर दी है। संभावना जतायी जा रही है कि चुनावी वर्ष में राज्य सरकार कर्मचारियों को बढ़ी दर से डीए का भुगतान करने में देर नहीं करेगी। डीए में 11 फीसद की वृद्धि से राज्य कर्मचारियों के वेतन में खासा इजाफा होगा। उदाहरण के तौर पर 50 हजार रुपये मूल वेतन पाने वाले कर्मचारी की तनख्वाह में 5500 रुपये और एक लाख मूल वेतन पाने वाले की पगार में 11 हजार रुपये का इजाफा होगा।

Related Articles

Back to top button