दलित उत्पीड़न पर सियासी उबाल, विपक्ष ने सरकार पर बोला चौतरफा हमला
- आजमगढ़ के पलिया गांव में दलितों के घर तोड़फोड़ और बदसलूकी का मामला गरमाया
- ग्रामीणों संग धरने पर बैठी कांग्रेस, मायावती ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की उठायी मांग
4पीएम न्यूज नेटवर्क. आजमगढ़। रौनापार के पलिया गांव में अनुसूचित जाति के लोगों के घर में तोड़फोड़ व महिलाओं से बदसलूकी मामले में सियासत तेज हो गयी है। जहां कांग्रेस कार्यकर्ता इसके विरोध में ग्रामीणों संग घटनास्थल पर धरना दे रहे हैं वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने सरकार से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और पीड़ितों के नुकसान की भरपाई करने की मांग की है। दूसरी ओर सपा समेत अन्य दलों का कहना है कि प्रदेश सरकार दलित विरोधी मानसिकता से काम कर रही है। मामले ने तब तूल पकड़ा जब 29 जून को पलिया गांव में छेड़छाड़ की एक घटना की जांच करने दो पुलिस वाले गए। आरोप है कि उन्होंने प्रधान को थप्पड़ मार दिया। जवाब में प्रधान पक्ष से लोगों ने पुलिसकर्मियों से मारपीट की। इसके बाद रात में दबिश देने आई पुलिस ने जेसीबी से मुन्ना पासवान और पासी समाज के कुछ मकानों में को तहस-नहस कर दिया और उनके जेवर और कीमती सामान लूट ले गए। ग्रामीणों ने पुलिस पर महिलाओं के साथ अभद्रता करने का भी आरोप लगाया है। विरोध में महिलाएं धरने पर बैठ गईं। वहीं विपक्ष ने इस पूरे प्रकरण पर भाजपा सरकार को घेरा है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव मोहम्मद शमशाद के नेतृत्व में तमाम कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही बसपा का एक प्रतिनिधि मंडल गांव में भेजने की बात कही है।
पलिया गांव में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दलित परिवारों पर हमला करने की खबर आ रही है। वहां कई मकानों को तोड़ा गया, सैकड़ों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। यह सरकारी अमले की दलित विरोधी मानसिकता का परिचायक है। दोषियों पर तत्काल कार्रवाई हो और पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए।
प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव
आजमगढ़ पुलिस द्वारा पलिया गांव के पीड़ित दलितों को न्याय देने के बजाय उन पर ही अत्याचारियों के दबाव में आकर खुद भी जुल्म-ज्यादती करना व उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाना अति-शर्मनाक है। सरकार दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई व पीड़ितों की आर्थिक भरपाई करे।
मायावती, बसपा प्रमुख
भाजपा शुरू से ही दलित विरोधी रही है। आजमगढ़ का पलिया ही नहीं बलिया में भी दलितों का उत्पीड़न किया गया। दलितों, पिछड़ों व गरीबों का उत्पीड़न लगातार जारी है। ये घटनाएं शर्मनाक हैं। दलित व पिछड़े चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएंगे।
आशुतोष उपाध्याय, विधायक, सपा
भाजपा सरकार जब से सत्ता में आई है दलितों का उत्पीड़न किया जा रहा है। दलितों को कहीं न्याय नहीं मिल रहा है। यह सरकार के दलित विरोधी चेहरे को उजागर करती है। चुनाव में दलित इनको सबक सिखाएंगे।
रोहित श्रीवास्तव, प्रदेश उपाध्यक्ष, आप
जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से न तो दलित की बेटी सुरक्षित है और न दलितों की आवाज सुनी जा रही है। यह सरकार वोटों के नाम पर दलित राजनीति करती है। जब किसी दलित के साथ उत्पीड़न होता है तो उनके साथ सरकार खड़ी नहीं होती है।
रोहित अग्रवाल, प्रवक्ता, आरएलडी
पीएम मोदी के कैबिनेट विस्तार से पहले सरगर्मी तेज, कई नेता दिल्ली तलब
- कई मंत्रियों की हो सकती है छुट्टी, ज्योतिरादित्य और सर्वानंद समेत कई नेता हो सकते हैं शामिल
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट में बदलाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। मोदी कैबिनेट में अगले एक या दो दिनों में बदलाव हो सकता है। कई नेताओं को नई दिल्ली बुलाया गया है। संकेत साफ है कि इस बार कई मंत्रियों को बदला और कई को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को दो साल पूरे हो गए हैं, ऐसे में ये बदलाव अहम माना जा रहा है। इसके जरिए जातीय, क्षेत्रीय और दलीय समीकरण को भी साधा जाएगा। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधान सभा चुनाव हैं, ऐसे में यहां पर फोकस रहेगा। वहीं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, महाराष्ट्र में पार्टी के बड़े नेता नारायण राणे, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल समेत कई नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है।
कैबिनेट में शामिल हो सकती हैं अनुप्रिया पटेल
संभावित केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को भी जगह मिल सकती है। विधान सभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा अपनी रणनीति के तहत सहयोगी दलों को साधने में जुटी है। पिछले माह अनुप्रिया केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिल भी चुकी हैं।
कई राज्यों के राज्यपाल बदले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट विस्तार की संभावनाओं के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कई राज्यों के राज्यपालों को बदल दिया है। केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कर्नाटक, मध्यप्रदेश और हिमाचल समेत आठ राज्यों में नए राज्यपाल नियुक्त किए हैं। हरि बाबू कंभमपति को मिजोरम का राज्यपाल और मंगूभाई छगनभाई पटेल को मध्यप्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राजेंद्रन विश्वनाथ अर्लेकर को हिमाचल प्रदेश व मिजोरम के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई को गोवा का राज्यपाल बनाया गया है। हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को त्रिपुरा के गवर्नर बनाया। त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश बैस को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया है। इसके अलावा बंडारू दत्तात्रेय को हरियाणा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।