भाजपा के दंभ को चकनाचूर करेगी किसान एकता : अखिलेश यादव
- काले कृषि कानूनों के खिलाफ जारी है आंदोलन
- आम उपभोक्ता भी सरकार की गलत नीतियों से परेशान
- औने-पौने दाम पर बिचौलियों को फसल बेच रहे किसान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क. लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में प्रदेश में सबसे ज्यादा किसानों की हालत खराब हुई है। एक साल पहले काले कृषि कानूनों से भाजपा ने जो काली बुनियाद रखी उससे पूरी कृषि अर्थव्यवस्था ही चौपट हो गयी। इसके विरोध में किसानों का बड़ा आंदोलन जारी है। आज भी किसान का आक्रोश कम नहीं हुआ है। किसानों की एकता भाजपा के दंभ को चकनाचूर कर देगी। उन्होंने कहा कि दो गुनी आय का सपना दिखाकर किसानों का वोट हथियाने वाली भाजपा सरकार में किसानों की उनकी फसल का लाभकारी मूल्य नहीं मिला। किसानों को बहकाने के लिए एमएसपी का राग तो भाजपा सरकार ने खूब गाया लेकिन हकीकत में किसानों की फसल की खरीददारी कहीं एमएसपी पर नहीं हुई। गेहूं की एमएसपी 1975 रुपये प्रति कुंतल केवल विज्ञापनों में मिलती रही। हकीकत में तो औने-पौने दामों पर बिचौलियों के हाथ किसान को गेहूं बेचना पड़ा। इसके पूर्व धान की फसल में भी किसान की लूट हुई। उन्होंने कहा कि पेराई सीजन में भी किसान के गन्ने की खरीद नहीं हुई। चीनी मिलों पर किसानों का 20 हजार करोड़ से ज्यादा का आज भी बकाया है। बकाये पर ब्याज का प्रावधान भी है पर जब मूलधन ही नहीं मिल रहा है तो ब्याज कौन देगा? किसान की कहीं सुनवाई नहीं हैै। कहने को किसान समृद्धि योजना चालू है लेकिन यह किसान को धोखा देने की नयी भाजपाई साजिश है। खाद की बोरियों की तौल में कमी करके और उसके दाम बढ़ाकर किसान के साथ खेल किया जा रहा है। डीजल के दाम बढ़ाने से किसान तो प्रभावित होता ही है, परिवहन महंगा होने से खाद्य वस्तुएं भी महंगी होने लगती है। एक तीर से अन्नदाता और अन्य उपभोक्ता दोनों को शिकार बनाने का यह भाजपाई षड्यंत्र अब जनता से छुपेगा नहीं। किसान के उपयोग की सभी चीजें महंगी करने के बाद और उसको दिए गए आश्वासनों की पूर्ति न होने से भाजपा के विकास मॉडल की पोल खुल गई है।