लोकतंत्र के मंदिर में भाषा की मर्यादा तार-तार करते नजर आ रहे माननीय
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार बवाल होता रहता है। विपक्ष के इस हंगामे के चलते लगातार संसद की कार्यवाही स्थगित की जा रही है। लेकिन अब नेता जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है। बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने जहां राहुल गांधी और पूरे विपक्ष के लिए नशे में होने की बात कही, वहीं कांग्रेस सांसद गुरजीत औजला ने देशद्रोहियों की पार्टी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया।
पेगासस कथित जासूसी मामले, कृषि कानून और किसान आंदोलन जैसे मुद्दों पर विपक्ष लगातार विरोध करता रहा है और इस वजह से सदन की कार्यवाही लगातार स्थगित की जा रही है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव द्वारा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए इस्तेमाल किए गए शब्द निश्चित रूप से विवाद में थे। हरनाथ सिंह यादव ने अपने बयान में राहुल गांधी के साथ-साथ विपक्षी नेताओं के लिए भी यही शब्दों का इस्तेमाल किया।
हरनाथ यादव ने कहा, अभी तक चर्चा थी कि राहुल गांधी उच्च स्तर का नशा करते हैं और अब लगता है कि पूरा विपक्ष उस नशे का सेवन कर रहा है। इसलिए वे इस तरह की बातें करते हैं और संसद की कार्रवाई को रोकते हैं। भाजपा सांसद हरनाथ यादव ने कहा कि विपक्ष के नेता बार-बार जासूसी की बात कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि जासूसी करना देशद्रोहियों और आतंकवादियों के खिलाफ है, फिर ये लोग इससे इतना डरते क्यों हैं? वैसे भी सरकार का कहना है कि सरकार ने कोई जासूसी नहीं की, लेकिन ये लोग अब भी हंगामा कर रहे हैं।
हरनाथ यादव के आपत्तिजनक और विवादित शब्दों का जवाब देते हुए कांग्रेस सांसद गुरजीत ओजला ने कहा कि राहुल अपनी दादी की शहादत के नशे में हैं। वह देश की जनता के प्यार के नशे में धुत हैं। लेकिन गुरजीत ओजला यहीं नहीं रुके, इसके बाद उन्होंने जो शब्द इस्तेमाल किए वो भी आपत्तिजनक और विवादित कहे जाएंगे।
इसके बाद कांग्रेस सांसद गुरजीत ओजला ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए विवादित बयान देने वाले नेताओं के लिए गोबर जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया। साफ है कि राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप करते समय शब्दों की मर्यादा का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है और यह सब उसी संसद भवन परिसर में हो रहा है जिसे लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है।