महुआ मोइत्रा-निशिकांत दुबे विवाद पर चढ़ रहा है राजनीति का पारा

नई दिल्ली। आईटी मंत्रालय की संसदीय समिति की बैठक के दौरान टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बीच हुई बहस को लेकर सियासत गरमा गई है। इससे पहले महुआ मोइत्रा और निशिकांत ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक तीखे बयान दिए थे, अब अलग-अलग राजनीतिक दल भी इस मुद्दे पर किसी न किसी के समर्थन में खड़े हो गए हैं। मसलन कांग्रेस अब इस मामले में महुआ मोइत्रा के साथ नजर आ रही है तो वहीं बीजेपी नेता महुआ मोइत्रा के बयान को बिहार की जनता का अपमान बता रहे हैं।
28 जुलाई को आईटी मंत्रालय की संसदीय समिति की बैठक संसद भवन परिसर में होनी थी। बैठक के अध्यक्ष शशि थरूर थे, लेकिन भाजपा सांसदों ने शशि थरूर की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक का विरोध किया। भाजपा सांसदों ने इस बैठक का बहिष्कार करते हुए वहां मौजूद उपस्थिति पंजी में उपस्थित होने से इनकार कर दिया और इस कारण कोरम पूरा नहीं होने के कारण बैठक नहीं हो सकी।
लेकिन विवाद यहीं नहीं रुका। बैठक में पहुंची टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बीच जमकर बहस हुई। निशिकांत दुबे का आरोप है कि महुआ मोइत्रा ने उन्हें बिहारी गुंडा कहा था जबकि महुआ मोइत्रा का कहना है कि जब रिकॉर्ड के मुताबिक निशिकांत नहीं थे तो निशिकांत के लिए वह ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कैसे कर सकती थीं।
निशिकांत और महुआ मोइत्रा के बीच चल रहे विवाद में बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शामिल किया। सुशील मोदी ने कहा कि महुआ मोइत्रा का यह बयान बिहार के लोगों के साथ-साथ पूरे उत्तर भारत के लोगों का अपमान है। इसलिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपने सांसद के बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। उधर, भाजपा सांसद अनिल जैन ने कहा कि महुआ मोइत्रा के जरिए इस्तेमाल किए गए शब्द असंसदीय हैं और ऐसे शब्दों का इस्तेमाल बेहद आपत्तिजनक है।
वहीं कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने कहा कि महुआ मोइत्रा जो कह रही हैं वह बिल्कुल सही है क्योंकि रिकॉर्ड के मुताबिक जब निशिकांत दुबे बैठक में नहीं थे तो क्या महुआ मोइत्रा ने भूत के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था! कांग्रेस सांसद ने कहा कि पहले निशिकांत को यह साबित करना होगा कि वह इस बैठक में मौजूद थे और ऐसा नहीं होने तक निशिकांत दुबे की बातों को सही नहीं माना जा सकता।

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