अनशन पर अन्नदाता, प्रशासन ने खोद दी सड़क
- गाजीपुर बॉर्डर समेत कई इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद, सुरक्षा कड़ी
- बागपत में पंचायत के बाद दिल्ली कूच का होगा ऐलान
- किसान नेता राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद आंदोलन में आई तेजी
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। किसान नेता राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद किसान आंदोलन फिर तेज हो गया है। आंदोलनकारी किसान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर आज उपवास रख रहे हैं। यह उपवास शाम पांच बजे तक रखा जाएगा। किसान 26 जनवरी की हिंसा को लेकर राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि को सद्भावना दिवस के रूप में मना रहे हैं। कल बागपत में किसान पंचायत के बाद दिल्ली कूच का ऐलान किया जाएगा। वहीं प्रदर्शनकारियों को दिल्ली बार्डर पर जाने से रोकने के लिए प्रशासन ने सड़क खोद दी। इसके अलावा गाजीपुर बॉर्डर समेत कई इलाके में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। ड्रोन कैमरों से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ डटे हैं। इस बीच राकेश टिकैत के भाई किसान नेता नरेश टिकैत ने दिल्ली कूच का ऐलान किया है। नरेश टिकैत ने कहा कि कल बागपत में पंचायत कर दिल्ली कूच का का फैसला लिया जाएगा। गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर जुटे किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा कि धरनास्थल के आसपास इंटरनेट बंद कर दिया गया है। किसानों को रोका नहीं जा सकता है। यूपी गेट पर ड्रोन से आंदोलन की निगरानी की जा रही है। किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने सिंघु बॉर्डर पर इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग की है। सोनीपत, पलवल, गुरुग्राम, टीकरी बॉर्डर पर इंटरनेट सेवा बंद करने को लेकर किसान क्रांतिकारी यूनियन ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि इन जगहों पर इंटरनेट सेवा बहाल की जाए। यूपी का गाजियाबाद भी किसान आंदोलन को लेकर अलर्ट मोड पर है। यहां सरकार के निर्देशानुसार गाजीपुर बॉर्डर के आसपास इलाकों में इंटरनेट सेवा अगली सूचना तक बंद कर दी गई है। पंजाब और हरियाणा से सिंघु बॉर्डर पर आ रहे किसानों को रोकने के लिए प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत दिल्ली की सीमा में प्रदर्शनकारियों के प्रवेश को रोकने के लिए राष्टï्रीय राजमार्ग एक पर भी सड़क खोदी जा रही है। इसके लिए जेसीबी की मदद ली गई है। अगले कुछ घंटों के दौरान सड़क पर गड्ढा कर दिया जाएगा, जिसके बाद प्रदर्शनकारी अपने वाहनों के जरिये यहां पर नहीं आ सकेंगे। वहीं, गांव वालों को प्रदर्शन स्थल की ओर जाने से रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर से दो किलोमीटर पहले भारी संख्या में सुरक्षा बलों के जवान मौजूद हैं। सरकार आंदोलन पर नजर बनाए हुए है।
कांग्रेस निकालेगी ट्रैक्टर रैली
किसानों के ट्रैक्टर मार्च के बाद झारखंड में किसानों के समर्थन में कांग्रेस टैक्टर रैली निकालने की तैयारी में है। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव और राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने 31 जनवरी को ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया है। यह रैली देवघर के शहीद चौक से कारगिल चौक के लिए निकलेगी।
सड़कें बंद
दिल्ली से सटे गाजीपुर बॉर्डर और गाजियाबाद को आने वाली एनएच-24 की सड़कें बंद कर दी गई हैं। किसानों के प्रदर्शन के दौरान किसी अनहोनी को टालने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किए गए हैं।
विवादित फैसला पड़ा भारी, सुप्रीम कोर्ट ने रोकी जज की कंफर्मेशन
- हाईकोर्ट की जज गनेडीवाला के निर्णय पर लगायी रोक
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। यौन उत्पीड़न से जुड़े दो मामलों पर अपने विवादास्पद फैसलों के चलते जस्टिस पुष्पा वी. गनेडीवाला को बॉम्बे हाईकोर्ट का स्थायी जज बनाने की अपनी सिफारिश को सुप्रीम कोर्ट ने कथित रूप से वापस ले लिया है। जस्टिस गनेडीवाला ने एक सत्र न्यायालय के आदेश को संशोधित किया था, जिसमें एक व्यक्ति को एक नाबालिग के यौन हमले का दोषी ठहराया गया था। उन्होंने फैसला दिया था कि किसी नाबालिग को निर्वस्त्र किए बिना उसके वक्षस्थल को छूना, यौन हमला नहीं कहा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने गनेडीवाला के इस फैसले पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाले सर्वोच्च न्यायालय के तीन सदस्यीय कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के स्थायी जज के रूप में जस्टिस गनेडीवाला की सिफारिश की थी, लेकिन बाद में इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया। सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट को मजबूरन अपनी सिफारिश वापस लेनी पड़ी। जस्टिस गनेडीवाला ने एक फैसले में कहा था कि पास्को एक्ट के तहत जब तक आरोपी पीड़िता से स्किन टच नहीं करता उसको यौन शोषण नहीं माना जाएगा। कपड़े के ऊपर से छूना अपराध नहीं होगा। इस फैसले को अटॉर्नी जेनरल के के वेणुगोपाल ने निजी तौर पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दूसरे फैसले में जस्टिस गनेडीवाला ने कहा कि किसी बच्ची का हाथ पकड़ कर आरोपी अपने पैंट का जिप खोलता है तो इससे यौन शोषण नहीं होगा। पुष्पा को 2019 में बॉम्बे हाईकोर्ट में अडिशनल जज का पदभार दिया गया था।
जैश-उल-हिंद ने ली दिल्ली धमाके की जिम्मेदारी
स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और एनआईए की जांच जारी
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में इजरायली दूतावास के बाहर धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए सुराग सामने आ रहे हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और एनआईए की टीम जांच कर रही है। इस बीच जैश-उल-हिंद नाम के संगठन का नाम सामने आया है। जैश-उल-हिंद ने दिल्ली में इजरायली दूतावास के पास धमाके जिम्मेदारी ली है। हालांकि ये किस तरह का संगठन है, इसके तार किसके साथ जुड़े हुए हैं, इसकी जानकारी फिलहाल जांच एजेंसियों के पास नहीं है। जांच एजेंसियों की जांच में दिल्ली में इजरायली दूतावास के बाहर धमाके का ईरानी कनेक्शन सामने आ रहा है। मौके से जांच एजेंसियों को एक लेटर मिला है, जिस पर लिखा है कि ये तो सिर्फ एक ट्रेलर था। इसी लेटर में ईरान के दो ईरानियों की हत्या का भी जिक्र है। लेटर में लिखा है कि वो सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेंगे। लेटर में परमाणु वैज्ञानिक आर्देशिर की हत्या का भी जिक्र है। ईरान के बड़े परमाणु वैज्ञानिक आर्देशिर की ड्रोन-गन से हत्या की गई थी। ईरान इसके लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराता है। 30 नवम्बर 2020 को ईरान के परमाणु वैज्ञानिक की ड्रोन अटैक में हत्या हुई थी। उसके लिए ईरान के राष्ट्रपति ने सीधे तौर से इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था।