पुलिस कमिश्नर का भूमाफिया पर चला हंटर : पहले लगाया गैंगस्टर, फिर बाफिला को जेल
- पहले बाफिला पर कार्रवाई के नाम पर लाखों रुपए वसूल लिया करते थे अफसर
- इस बार भी एलडीए के अफसर सेट कर लिये थे बाफिला ने पर पुलिस कमिश्नर नहीं आए काबू में
- बाफिला से जमीन और लाखों रुपए लेकर मालामाल हो गए अफसर
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के निर्देश पर भूमाफिया दिलीप सिंह बाफिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। बीते शनिवार को ही बाफिला और उसके भतीजे प्रवीण सिंह पर गैंगस्टर एक्ट लगा था। वहीं बीते 22 नंवबर को एलडीए के अर्जन विभाग की तरफ से भी मुकदमा दर्ज कराया था। आज सुबह दिलीप सिंह बाफिला को गोमतीनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सहायक पुलिस आयुक्त श्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि गोमतीनगर विस्तार के गोरखनाथ मंदिर रामआसरे का पुरवा निवासी प्रवीन सिंह बाफिला और इंदिरानगर शक्तिनगर निवासी दिलीप सिंह बाफिला पर कई मुकदमे दर्ज हैं। इसमें जमीन के नाम पर ठगी और अवैध कब्जे के मुकदमे शामिल हैं। जालसाजी के 2015 में दर्ज मुकदमे में पुलिस ने आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया है। ये दोनों गिरोह बनाकर राजधानी के कई इलाकों में जमीनों पर अवैध कब्जे कर चुके हैं। साथ ही एक ही जमीन को कई लोगों को बेचने का मामला भी सामने आया है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की है। बताया जाता है कि पहले बाफिला पर कार्रवाई के नाम पर अफसर लाखों रुपए वसूल कर लिया करते थे। मगर ईमानदार पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के आगे बाफिला की नहीं चली। जबकि बाफिला ने इस बार भी एलडीए के अफसर सेट कर लिये थे लेकिन डीके ठाकुर के सख्त एक्ïशन से वह काफी डरा हुआ था। इसलिए वह इतने दिनों से फरार था।
एलडीए ने भी दर्ज करा रखी है एफआईआर
भू माफिया दिलीप सिंह बाफिला पर बीते 22 नवंबर को एलडीए के अर्जन विभाग ने भी एफआईआर दर्ज कराई थी। बाफिला पर एलडीए की जमीन की फाइलें गायब कराने का आरोप हैं। जमीन की कीमत सौ करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। अर्जन विभाग के तहसीलदार मोहम्मद असलम ने दिलीप सिंह बाफिला पर जालसाजी समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कराया था। तहरीर में अनुभाग अधिकारी व कुछ कर्मियों की मिलीभगत से अनुचित लाभ देने की बात भी मुकदमे में दर्ज की गई थी।
छह थानों में बाफिला पर मुकदमे दर्ज
श्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि दिलीप सिंह बाफिला लखनऊ प्रशासन का घोषित भू-माफिया है, जिसने एलडीए से लेकर ग्राम समाज की जमीनों को कब्जा कर अपनी तिजोरी भर रखी है। दिलीप सिंह पर अकेले लखनऊ के 6 थानों गोमतीनगर, चिनहट, हजरतगंज, विभूति खंड, मडियांव और गोसाईगंज में दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। यह कई महीनों से फरार था। अपने रसूख के चलते यह इधर-उधर अपना घर बदल रहा था। अंतत: गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद आज सुबह इसे दबोच लिया।
शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने से अफसरों से परेशान युवक ने विधानसभा के सामने खुद को लगाई आग
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। विधानसभा पर पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बावजूद कन्नौज निवासी उमेश(38) ने आत्मदाह कर लिया। उमेश को जलता देख पुलिसकर्मियों के हाथ-पांव फूल गए। पुलिस ने युवक को सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर है। बताया जा रहा है कन्नौज के दबंगों द्वारा उसकी जमीन कब्जाने के मामले में पुलिस-प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न होने के चलते उसने लखनऊ आकर यह कदम उठाया। आत्मदाह के दौरान उमेश लगभग 30 फीसदी जल गया। फिलहाल वह सिविल अस्पताल में भर्ती है।
लखनऊ जनकल्याण महासमिति बोर्ड का कोई पदाधिकारी और सदस्य नहीं लड़ेगा कोई चुनाव
- ग्रीनवुड आईजे ब्लॉक के मामले में रेरा के आदेश को लेकर दर्ज कराएंगे मुकदमा
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। लखनऊ जनकल्याण महासमिति बोर्ड का कोई भी पदाधिकारी या सदस्य किसी भी प्रकार का चुनाव नहीं लड़ेगा। इसका निर्णय लखनऊ जनकल्याण महासमिति की बोर्ड की हुई बैठक में लिया गया। महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने बताया कि सभासद, मेयर, विधायक, सांसद आदि जैसे किसी भी पद का चुनाव महासमिति का कोई पदाधिकारी या सदस्य नहीं लड़ेगा। बैठक में लखनऊ की विभिन्न आरडब्ल्यूए के सदस्यों को महासमिति ने नि:शुल्क परामर्श की व्यवस्था की थी, जिसमे 2 दर्जन से अधिक आरडब्ल्यूए के सदस्यों ने पिछले दिनों गोमती नगर विस्तार के ग्रीनवुड आईजे ब्लॉक के मामले में रेरा के आदेश को लेकर रेरा में मुकदमा दर्ज कराएंगे। इस संबंध में बुकलेट में किए गए वादे पूरे कराने को लेकर लखनऊ जनकल्याण महासमिति की टीम ने रेरा के विशेषज्ञों के साथ बैठक आयोजित की। बैठक में महासमिति के कानूनी सलाहकार रेरा के अनुभवी अधिवक्ता एल.एन मिश्रा ने लगभग 2 दर्जन से अधिक आवंटियों को नि:शुल्क सलाह दी। सभी आवंटियों ने महासमिति के कानूनी सलाहकार से मिलकर अपने मामलों को रेरा में दर्ज कराने का आग्रह किया है। बहुत जल्द लखनऊ के सभी आरडब्ल्यूए एलडीए आवास विकास और निजी बिल्डरों के वायदा खिलाफी के खिलाफ रेरा न्यायालय में अपने न्याय की लड़ाई लड़ेंगे, जिसमें लखनऊ जनकल्याण महासमिति लखनऊ की जनता को नि:शुल्क परामर्श देगी।
यादव सिंह पर मेहरबानी करने वाले अफसरों पर हो कारवाई: नूतन
- यादव सिंह की अभियोजन स्वीकृति देने की मांग, कहा- विलंब पर हो कार्रवाई
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने पूर्व चीफ इंजीनियर नोएडा अथॉरिटी यादव सिंह तथा अन्य दोषी शासकीय कर्मियों के विरुद्ध अविलम्ब अभियोजन स्वीकृति प्रदान करने तथा अब तक जानबूझ कर अभियोजन स्वीकृति नहीं देने के संबंध में उत्तरदायित्व निर्धारित किए जाने की मांग है। सीएम योगी तथा सीबीआई निदेशक को भेजे पत्र में नूतन ने कहा कि उनके द्वारा दायर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यादव सिंह के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे, जिस पर सीबीआई ने 4 अगस्त 2015 को यादव सिंह पर 2 मुकदमे दर्ज किए। बाद में सीबीआई ने यादव सिंह के खिलाफ टेंडरों में अनियमिता बरतने विषयक अन्य केस भी दर्ज किए। इन सभी मामलों में सीबीआई ने चार्जशीट दायर किया जो सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद में विचाराधीन हैं। इन सभी मामलों में सीबीआई ने उत्तर प्रदेश शासन के संबंधित विभाग से अभियोजन स्वीकृति के बगैर ही चार्जशीट पेश कर दी। इस पर सीबीआई कोर्ट ने अभियोजन मंजूरी के बाद ही कोर्ट इन आरोप पत्रों पर संज्ञान लिए जाने के आदेश दिए। इसके बाद सीबीआई ने 12 मार्च 2020 को इन मामलों में अभियोजन स्वीकृति मांगी। तब से मामला औद्योगिक विकास विभाग में लंबित है। नूतन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक अगस्त 2018 को भ्रष्टाचार के प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति हेतु लंबित पत्रावलियों को 60 दिन में निपटाने और इसमें लापरवाही पाए जाने पर कार्यवाही किए जाने के आदेश दिए थे। इसके बाद भी औद्योगिक विकास विभाग द्वारा पिछले 10 माह में अभियोजन स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। अत: नूतन ने अविलंब अभियोजन स्वीकृति प्रदान करने तथा मामले को 10 माह तक लंबित रखने हेतु उत्तरदायी अफसरों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्यवाही किए जाने की मांग की है।