अफगान की तालिबान सरकार को चीन मान्यता देने की तैयारी कर रहा है

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा कर लिया है, जिसके चलते वहां की सरकार ने आत्मसमर्पण कर दिया है। अब अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार होगी, जिसका नेतृत्व अली अहमद जलाली करेंगे। वहीं अब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता देने या न देने को लेकर दुनिया भर में सवाल खड़े हो गए हैं। जहां अमेरिका समेत कई देश इसके विरोध में खड़े हैं, वहीं चीन ने तालिबान सरकार के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने के संकेत दिए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है कि चीन ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित करने की बात कही है।
वहीं, अफगानिस्तान में संकट पर ब्रिटिश सरकार ने बुधवार को संसद की बैठक बुलाने का फैसला किया है। हाउस ऑफ कॉमन्स ने पुष्टि की है कि तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया है और राष्ट्रपति भवन में घुस गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सत्र की बैठक के लिए संसद सुबह 9.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक वेस्टमिंस्टर लौटेगी। अमेरिका, ब्रिटिश और नाटो सैनिकों की वापसी के बीच अफगानिस्तान में हालात तेजी से बदल रहे हैं। डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा कि प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा करने के लिए एक आपातकालीन कोबरा बैठक की।
राष्ट्रीय आपातकाल या बड़े व्यवधान के मामलों को संभालने के लिए बुलाई गई नागरिक आकस्मिक समिति की बैठक के बाद, जॉनसन ने संवाददाताओं से कहा कि अफगानिस्तान से बाहर निकलने के अमेरिकी फैसले ने चीजें तेज कर दी और कहा कि कोई भी नहीं चाहता कि अफगानिस्तान आतंक के लिए प्रजनन स्थल बने।

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