अब बीएसएफ के अधिकारों पर रार, विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरा

  • बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र बढ़ाने को संघवाद पर बताया हमला
  • फैसला राज्यों के अधिकारों में दखल, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अकाली दल ने उठाए सवाल
  • पंजाब के सीएम चन्नी और बंगाल की तृणमूल सरकार ने फैसले को वापस लेने की उठायी मांग

4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। अब बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के केंद्र की मोदी सरकार के फैसले से सियासी भूचाल आ गया है। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने इस फैसले को संघीय ढांचे पर हमला बताते हुए इसे राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल बताया है। वहीं भाजपा ने इसे देश की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा बताते हुए विपक्षी दलों से इस मामले में राजनीति नहीं करने को कहा है। सीमावर्ती राज्यों पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ )का अधिकार क्षेत्र बढ़ा दिया है। इसके तहत अब सीमावर्ती राज्यों में बीएसएफ को राज्य पुलिस को बिना सूचित किए या उनका इंतजार किए बिना कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इन तीनों राज्यों में बीएसएफ का क्षेत्र अब अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर अंदर तक होगा। पहले यह क्षेत्र केवल 15 किलोमीटर था यानी अब बीएसएफ के अधिकारी राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 50 किमी अंदर आकर तलाशी ले सकेंगे और आरोपी को गिरफ्तार भी कर सकेंगे। पहले 15 किमी के क्षेत्र के बाहर ये अधिकार राज्य की पुलिस के पास थे। केंद्र के इस फैसले को लेकर विपक्ष मोदी सरकार को घेर रहा है। विपक्ष इसे संघवाद पर सीधा हमला बताते हुए फैसले को वापस लेने की मांग कर रहा है। वहीं, भाजपा ने केंद्र के इस फैसले का बचाव किया है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा सीमा सुरक्षा बलों के क्षेत्र में परिवर्तन करने के मुद्दे पर भाजपा के वरिष्ठï नेता डॉ. सुभाष शर्मा ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ जुड़ा हुआ मुद्दा है जिस पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन दलों को राष्ट्रीय सुरक्षा से ज्यादा अपने दलों की सुरक्षा की चिंता है।

ये राज्यों की संवैधानिक व्यवस्था का अतिक्रमण करता है। इस फैसले के बाद आधा पंजाब बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में होगा।

मनीष तिवारी, सांसद कांग्रेस

केंद्र देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रहा है। राज्य की कानून व्यवस्था वहां की सरकार का विषय है लेकिन केंद्र विभिन्न एजेंसियों के जरिए इसमें दखल देने की कोशिश में लगा है।

फिरहाद हकीम, यातायात मंत्री, पश्चिम बंगाल

केंद्र सरकार का ये फैसला संघीय ढांचे पर सीधा हमला है। बीएसएफ को 50 किमी तक कार्रवाई का अधिकार देने का फैसला तर्कहीन है। केंद्र इस फैसले को वापस लें।

चरणजीत सिंह चन्नी, सीएम, पंजाब

संवैधानिक प्रावधानों का दुरुपयोग कर संघीय सिद्धांत पर हमला हुआ है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीएसएफ को राज्य पुलिस की सामान्य ड्यूटी छीनकर व्यापक शक्तियां दी गई हैं। संविधान के अनुसार केवल राज्य सरकार ही बीएसएफ को राज्य प्रशासन की सहायता के लिए बुला सकती है।

दलजीत सिंह चीमा, वरिष्ठï नेता, अकाली दल

लखीमपुर हिंसा के खुलेंगे राज, आरोपियों के सामने सीन रीक्रिएट करेगी एसआईटी

  • मुख्य आरोपी मंत्री पुत्र आशीष का कराया गया अन्य आरोपियों से आमना-सामना

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। लखीमपुर हिंसा के राज अब खुलेंगे। एसआईटी की टीम आरोपियों को लेकर मौके पर पहुंची। इनके सामने ही घटना को रीक्रिएट किया जाएगा। इसके पहले एसआईटी ने हिंसा के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृहराज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू और अन्य आरोपियों का आज आमना-सामना कराया। इसके बाद टीम चारों आरोपियों को लेकर मौके पर पहुंची। हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हुई थी। हिंसा के मुख्य आरोपी केन्द्रीय मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू को तीन दिन की रिमांड पर लेने वाली एसआईटी एक्शन में आ गयी है। इस केस के मुख्य आरोपी आशीष सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एसआईटी की टीम ने आज सुबह मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा मोनू का अन्य तीन आरोपियों से सामना कराया। इसके बाद एसआईटी मुख्य आरोपी आशीष, अंकित दास, अंकित के ड्राइवर शेखर भारती और गनर लतीफ उर्फ काले को लेकर वारदात स्थल पर पहुंची।

इस पर है जांच एजेंसी का फोकस

एसआईटी का जांच में फोकस अब इस बात पर है कि वारदात के दिन कैसे क्या हुआ। शुरुआत कहां से हुई और वारदात खात्म कहां पर हुई। पूरा घटनाक्रम पता करने के लिए एसआईटी के मुखिया डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल, बाराबंकी पीएसी के सेनानायक आईपीएस सुनील कुमार सिंह सीओ संजय नाथ तिवारी, अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह समेत पुलिस भारी लाव लश्कर के साथ घटनास्थल की ओर करीब दोपहर एक बजे लखनऊ से रवाना हुई। एसआइटी टीम इन सब लेकर बनवीर पुर गांव में दंगल वाले उस जगह पर भी जाएगी, जहां पर इस घटना का मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा अपने आपको आखिर तक मौजूद बताता रहा है। इस दौरान चारों आरोपियों से एक साथ व अलग-अलग घटना से जुड़े सभी सवाल पूछे जाएंगे।

सुरक्षा की गई कड़ी

तिकुनिया में उस घटना स्थल की व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई। सभी आरोपियों को मौके पर लाया गया है। तिकुनिया के घटनास्थल पर पीएसी व पुलिस के जवानों को मुस्तैद कर दिया गया है। किसी भी बाहरी व्यक्ति के घटनास्थल पर प्रवेश से रोक लगा दी गई है ताकि एसआईटी के काम में कोई भी बाधा न खड़ी हो। इलाके को सील कर दिया गया है।

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