भाजपा की अब ईसाई और बौद्ध समाज की जमीन पर नजर: उद्धव
बीजेपी पर शिवसेना- यूबीटी का जोरदार हमला, बोले- प्रभू राम का नाम लेने के लायक नहीं बीजेपी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि वक्फ कानून लागू करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब अपने दोस्तों के लिए ईसाइयों, जैनियों, बौद्धों और यहां तक कि हिंदू मंदिरों की जमीन पर नजर गड़ाए हुए है। एनसीपी (सपा) नेता जितेंद्र आव्हाड ने भी राष्टï्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में छपे एक लेख का हवाला देते हुए इसी तरह का आरोप लगाया।
ठाकरे ने अपने पूर्व सहयोगी भाजपा को सलाह दी कि वह भगवान राम की तरह व्यवहार करे। उन्होंने कहा कि वक्फ कानून के बाद अगला कदम ईसाइयों, जैनियों, बौद्धों और यहां तक कि हिंदू मंदिरों की जमीन पर नजर गड़ाए हुए होगा। वे अपने दोस्तों को प्रमुख जमीन देंगे। उन्हें किसी भी समुदाय से कोई प्यार नहीं है। राष्टï्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसे इस सप्ताह की शुरुआत में संसद ने पारित किया था। सरकार का कहना है कि यह कानून देश में मुस्लिम धार्मिक बंदोबस्त से संबंधित सुधारों की शुरुआत करेगा। ठाकरे ने ऑर्गनाइजर के लेख का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने इसे सार्वजनिक कर दिया है और सभी को अपनी आँखें खोल लेनी चाहिए। ऐसा लगता है कि यह लेख तब से अप्रकाशित है। ठाकरे शिव संचार सेना के शुभारंभ के दौरान बोल रहे थे, जो पार्टी की आईटी और संचार शाखा होगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या सेना (यूबीटी) अन्य विपक्षी दलों की तरह वक्फ विधेयक को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाएगी, तो उन्होंने नकारात्मक जवाब दिया।
देशभर में ईसाइयों के गिरजाघरों पर हमले कर रहा संघ परिवार : सतीशन
कोच्चि। केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने आरोप लगाया कि संघ परिवार के समर्थन से देशभर में ईसाई समुदाय के लोगों और उनके गिरजाघरों (चर्च) पर हमले हो रहे हैं। मध्यप्रदेश के जबलपुर में ईसाई पादरियों पर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा कथित हमले के पीड़ितों में से एक पादरी डेविस जॉर्ज के घर का दौरा करने के बाद सतीशन ने संवाददाताओं से कहा कि पादरी जॉर्ज और अन्य लोगों को इन हमलों के तहत निशाना बनाया गया। उन्होंने जॉर्ज के परिवार के साथ एकजुटता व्यक्त की। सतीशन ने ओडिशा में हुई एक ऐसी ही घटना का हवाला दिया, जहां पुलिस ने कथित तौर पर एक गिरजाघर में प्रवेश किया और एक पादरी और उसके साथी पर हमला किया। उन्होंने बताया कि पादरी का साथी गंभीर रूप से घायल हो गया है और फिलहाल अस्पताल में भर्ती है। सतीशन ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखपत्र ‘ऑर्गनाइजर’ में वक्फ (संशोधन) विधेयक के बाद ईसाइयों के स्वामित्व वाली सात करोड़ हेक्टेयर भूमि को पुन: प्राप्त करने का आह्वान किया गया था तथा केंद्र सरकार से कार्रवाई करने का आग्रह किया गया था। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि इस तरह के हमले कई राज्यों में हो रहे हैं, जिनमें कई पादरी जेल में बंद हैं। उन्होंने दावा किया कि जब ईसाइयों के खिलाफ शिकायत दर्ज की जाती है तो उन्हें धर्मांतरण विरोधी कानूनों के तहत जेल भेजा जाता है।
वक्फ की सारी जमीन भाजपा के उद्योगपति मित्रों के पास चली जाएगी : संजय राउत
ठाकरे की पार्टी के सहयोगी संजय राउत ने कहा कि भविष्य में वक्फ की सारी जमीन भाजपा के उद्योगपति मित्रों के पास चली जाएगी। राउत ने कहा कि भाजपा को गरीबी पर बात नहीं करनी चाहिए और दावा किया कि पिछले साल विधानसभा चुनावों से पहले उसके द्वारा खर्च किया गया पैसा महाराष्ट्र के बजट के बराबर है। इस बीच, एनसीपी (सपा) नेता जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया कि मुसलमानों को निशाना बनाने के बाद अब देश में ईसाइयों की बारी है। थाने के कलवा-मुंब्रा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि आरएसएस के मुखपत्र ने दावा किया है कि वक्फ बोर्ड नहीं बल्कि कैथोलिक चर्च ऑफ इंडिया देश का सबसे बड़ा भूमिधारक है।
प्राथमिकी के खिलाफ कोर्ट पहुंचे कुणाल कामरा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। ‘स्टैंड-अप कॉमेडियन’ कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर शहर पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द किए जाने का अनुरोध करते हुए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
कामरा के वकील नवरोज सीरवई ने सोमवार को न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल और न्यायमूर्ति एस एम मोदक की पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख करते हुए तत्काल सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया। सीरवई ने पीठ से कहा कि कामरा को मद्रास उच्च न्यायालय से सोमवार तक अंतरिम राहत मिली है लेकिन इसके बावजूद मुंबई पुलिस उन्हें पेश होने के लिए समन जारी कर रही है। पीठ ने कहा कि वह मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करेगी। कामरा ने पांच अप्रैल को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। कामरा की याचिका में दावा किया गया है कि उनके खिलाफ दर्ज शिकायतें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, कोई भी पेशा अपनाने एवं व्यवसाय करने का अधिकार और भारत के संविधान के तहत प्रदत्त जीवन एवं स्वतंत्रता के अधिकार समेत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती हैं। कामरा को उनके खिलाफ दर्ज मामले में मद्रास उच्च न्यायालय से सात अप्रैल तक अंतरिम अग्रिम जमानत पिछले महीने मिल गई थी। वह तमिलनाडु के स्थायी निवासी हैं।
मद्रास उच्च न्यायालय में इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है। कामरा को तीन बार समन भेजे जाने के बावजूद वह पूछताछ के लिए मुंबई पुलिस के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान शिंदे का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष करते हुए फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के एक हिंदी गाने का परिवर्तित संस्करण इस्तेमाल किया था जिसमें उन्होंने शिंदे को कथित तौर पर ‘‘गद्दार’’ कहा था। मुंबई में खार पुलिस ने शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत पर कामरा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। नासिक ग्रामीण, जलगांव और नासिक (नंदगांव) में ‘कॉमेडियन’ के खिलाफ दर्ज तीन प्राथमिकियां भी खार पुलिस को सौंप दी गई हैं।
पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के ठिकानों पर छापे
गोरखपुर, लखनऊ, मुंबई सहित दस जगहों पर ईडी ने की कार्रवाई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा नेता और चिल्लूपार सीट से पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के गोरखपुर, लखनऊ, नोएडा और मुंबई के ठिकानों सहित देश में करीब दस जगहों पर ईडी ने एक साथ रेड डाली है। सोमवार की सुबह हुई इस कार्रवाई को एक साथ अंजाम दिया गया।
सूत्रों के अनुसार ईडी ने उनके खिलाफ चार्जशीट तैयार कर ली थी। जल्द ही उसे कोर्ट में पेश किया जाना है। ईडी की जांच में सामने आया था कि मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने प्रमोटरों, निदेशकों, गारंटरों के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाओं का लाभ लिया था। बाद में इस रकम को उन्होंने अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दिया और बैंकों की रकम को वापस नहीं किया। इससे बैंकों के कंसोर्टियम को करीब 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं का तत्काल सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दी दलील
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपनी याचिका में कहा है कि यह कानून ‘‘देश के संविधान पर सीधा हमला है। संविधान अपने नागरिकों को न केवल समान अधिकार प्रदान करता है बल्कि उन्हें पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता भी देता है।’’उच्चतम न्यायालय ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सूचीबद्ध करने को लेकर विचार करने पर सोमवार को सहमति व्यक्त की।
भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की इन दलीलों पर गौर किया कि याचिकाओं को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने की जरूरत है।सिब्बल ने कहा कि कई अन्य याचिकाएं पहले ही दायर की जा चुकी हैं। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं दोपहर में उल्लेख पत्र देखूंगा और फैसला करूंगा।
हम इसे सूचीबद्ध करेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को शनिवार को अपनी मंजूरी दे दी जिसे पहले संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया था। न्यायालय में इस कानून की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं दायर की गई हैं जिनमें से एक याचिका ‘समस्त केरल जमीयतुल उलेमा’ की भी है।
जब तक मैं जिंदा हूं, किसी की जॉब नहीं जाएगी: ममता बनर्जी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टीचर्स से बोलीं बंगाल की मुख्यमंत्री
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक वह जिंदा हैं, कोई भी योग्य शिक्षक अपनी नौकरी नहीं खोएगा। यह बयान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों में कई शिक्षकों को नौकरी से हटाए जाने के बाद दिया।
ममता बनर्जी ने इस बात का दर्द जताते हुए कहा, मेरा दिल बहुत दुखी है मुझे डर है कि मैं अगर इस बारे में बोलूंगी, तो मुझे जेल हो सकती है, लेकिन मैं फिर भी बोल रही हूं. अगर कोई मुझे चुनौती देगा, तो मुझे उसका जवाब देना आता है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह उनका संकल्प है कि वह योग्य शिक्षकों की नौकरी की सुरक्षा करेंगी और किसी को भी उनकी नौकरी छीनने नहीं देंगी ममता का यह बयान राज्य में शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी कई विवादों के बीच आया है। मुख्यमंत्री का यह बयान राज्य के शिक्षकों के बीच एक मजबूत संदेश देता है कि ममता उनके साथ खड़ी हैं और उनकी नौकरी को बचाने के लिए वह पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
ममता बनर्जी निश्चित रूप से जेल जाएंगी : सुवेंदु
पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसएससी शिक्षकों की नौकरी जाने के बाद वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी को जेल जाना चाहिए। वह मुख्य लाभार्थी हैं। उनके भतीजे ने 700 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उन 26000 लोगों के लिए जिम्मेदार हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपनी नौकरी खो दी है। उनके भतीजे (अभिषेक बनर्जी) की इसमें बड़ी भूमिका है। इससे पहले शुभेंदु अधिकारी ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के कारण नौकरी गंवाने वाले कुछ शिक्षकों से शनिवार को मुलाकात की और उन्हें कानूनी सहायता देने का वादा किया। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि 2016 की भर्ती परीक्षा के इन ‘बेदाग’ योग्य उम्मीदवारों के सामने आई स्थिति के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं।