अब ब्लैक फंगस से हाहाकार

  • राजस्थान व तेलंगाना ने घोषित की महामारी
  • उत्तर प्रदेश में भी लगातार मिल रहे केस, कई लोगों की हो चुकी है मौत
  • महाराष्टï्र सबसे अधिक प्रभावित, कई राज्यों में बीमारी फैला रही पांव
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। कोरोना संकट के बीच अब ब्लैक फंगस दिल्ली, राजस्थान, यूपी और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में कहर बरपा रहा है। उत्तर प्रदेश में लगातार ब्लैक फंगस के केस बढ़ रहे हैं। इससे कई लोगों की मौत भी हो गई है। वहीं राजस्थान और तेलंगाना ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। देश के दर्जनभर राज्यों में ब्लैक फंगस कहर बरपा रहा है। महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के कारण 90 लोगों की मौत हो गई जबकि डेढ़ हजार से अधिक ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं। अकेले नासिक में 150 केस सामने आए हैं। वहीं यूपी के लखनऊ में ब्लैक फंगस के 70 से अधिक केस सामने आए हैं जबकि चार लोगों की मौत हो गई है। मेरठ में 42 केस आए हैं और तीन लोगों की मौत हो गई। अलीगढ़ में दो केस सामने आए हैं। दिल्ली में ब्लैक फंगस के कारण एक मरीज की मौत हुई है, जबकि मैक्स, एम्स और सरगंगाराम अस्पताल में दर्जनों केस दर्ज किए गए हैं। राजस्थान में भी इस बीमारी ने पांव पसार लिए हैं। यहां सरकार ने इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है। ब्लैक फंगस की बढ़ती संख्या को देखते हुए तेलंगाना सरकार ने भी इसे अपने राज्य में महामारी घोषित कर दिया है।
फिर बढ़े संक्रमित
देशभर में कोरोना महामारी का प्रकोप जारी है। भारत में एक दिन में कोरोना के 2,76,110 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, संक्रमण से 3,874 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 2,87,122 हो गई।
क्या है ब्लैक फंगस
म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस एक दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है। ये मोल्ड्स पूरे पर्यावरण में जीवित रहते हैं। ये साइनस या फेफड़ों को प्रभावित करता है। जिन मरीजों को डायबिटीज की बीमारी है और जो स्टेरॉयड या टोसीलिजुमाब दवाइयों का सेवन करते हैं, उन पर इसका खतरा है। कैंसर का इलाज करा रहे मरीज या किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित मरीजों में ब्लैक फंगस का अधिक रिस्क है। जो मरीज स्टेरॉयड को अधिक मात्रा में ले रहे हैं, उन्हें भी खतरा है। कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीज जो ऑक्सीजन मास्क या वेंटिलेटर के जरिये ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, ऐसे मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत है।
हवा से फैल सकता है कोरोना, नई गाइडलाइन जारी
कोरोना वायरस हवा से भी फैल सकता है। अब सरकार ने भी पूरी तरह से यह मान लिया है। सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के मुताबिक, एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स कोरोना वायरस के फैलने के प्रमुख कारण हैं। कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स हवा में दो मीटर तक जा सकते हैं जबकि एयरोसोल उन ड्रॉपलेट्स को 10 मीटर तक आगे बढ़ा सकता है इसलिए संक्रमण के इस चेन को तोड़ने के लिए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करना बहुत ही जरूरी है। मास्क पहनें, सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाएं और हाथ धोते रहें। बंद और गैर-हवादार इनडोर जगहों में ड्रॉपलेट्स और एयरोसोल कोरोना वायरस के फैलाव के जोखिम को बहुत बढ़ा देते हैं। उन सतहों की लगातार और नियमित रूप से सफाई करने को कहा गया है, जिनके संपर्क में लोग ज्यादा रहते हैं। इसमें दरवाजे का हैंडल, लाइट स्विच, टेबल, कुर्सी आदि शामिल हैं। इन्हें ब्लीच और फिनाइल आदि से साफ करने की सलाह दी गई है।

महंगाई को लेकर प्रियंका ने योगी सरकार को घेरा
  • सीएम को लिखा खत, कहा संक्रमण से जूझ रही जनता को दें राहत
  • निजी अस्पतालों में इलाज के लिए तय की जाएं कीमतें
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने महंगाई समेत विभिन्न मुद्दों पर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला है। प्रियंका ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमण से जूझ रही प्रदेश की जनता को राहत देने की मांग की है। प्रियंका गांधी ने कहा है कि सरकार जनता को बुरे हालात में छोड़ने के बजाय जन कल्याणकारी कदम उठाए। इलाज के लिए लोग कर्ज ले रहे हैं। निजी अस्पतालों में इलाज की जनहितैषी कीमतें तय हों, सरकार लोगों को मुआवजा दे। साथ ही उन्होंने मांग की है कि महंगाई पर रोक लगे और बिजली की दर न बढ़ें, जनता त्रस्त है। व्यापारियों और दुकानदारों को तत्काल राहत दी जाए। पूरे प्रदेश से निजी अस्पतालों द्वारा आम जनता से इलाज के लिए मोटी रकम वसूलने की शिकायतें भी आई हैं। अपने मरीजों के लिए परेशान लोग भारी-भरकम बिल चुकाने के लिए कर्ज ले रहे हैं और जैसे-तैसे करके पैसा जुटा रहे हैं। साथ ही महंगाई पर नियंत्रण के लिए और वस्तुओं का दाम तय करने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाए जाने चाहिए ताकि इस बंदी के समय लोगों को घर चलाने में दिक्कत न हो। प्रदेश की जनता को बिजली बिलों में राहत मिलनी चाहिए।
स्कूलों को आर्थिक पैकेज देने की मांग
प्रियंका गांधी ने अपने पत्र में लिखा कि अभिभावकों पर स्कूलों में हर महीने फीस जमा करने का दबाव है। स्कूलों के सामने भी शिक्षकों को वेतन देने आदि का संकट है। प्रदेश सरकार को एक खाका तैयार कर फीस में छूट देने और स्कूलों का आर्थिक मदद का पैकेज देने की व्यवस्था करनी चाहिए। बंदी की मार झेल रहे प्रदेश के व्यापारी दुकानदार साथियों को राहत देने के लिए एक खाका तैयार किया जाए, जिसके जरिए उन्हें करों और शुल्क में थोड़ी राहत दी जाए।

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