अर्थव्यवस्था का बदलता रूप व रोजगार के मौके

sanjay sharma

सवाल यह है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था की जरूरत क्यों पड़ी? क्या यह लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराने में कारगर साबित होगी? क्या डिजिटल प्रणाली छोटे दुकानदारों को समाप्त नहीं कर देगी? क्या भारत जैसे देश में यह प्रणाली सफल हो सकेगी? क्या साइबर क्राइम को रोके बिना डिजिटल लेन-देन सफल हो सकेगा?

कोरोना वायरस ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को चरमरा दिया है। संक्रमण के कारण भारत समेत तमाम देशों की आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। मंदी की आहट सुनाई दे रही है। ऐसे में डिजिटल अर्थव्यवस्था एक नए विकल्प के रूप में सामने आई है। लोग भी डिजिटल प्रणाली को पंसद करने लगे हैं। यही वजह है कि ई-कामर्स कंपनियों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी भागीदारी बढ़ा दी है। भारत में भी इसका असर दिख रहा है। केंद्र सरकार भी डिजिटल अर्थव्यवस्था पर फोकस कर रही है। सवाल यह है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था की जरूरत क्यों पड़ी? क्या यह लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराने में कारगर साबित होगी? क्या डिजिटल प्रणाली छोटे दुकानदारों को समाप्त नहीं कर देगी? क्या भारत जैसे देश में यह प्रणाली सफल हो सकेगी? क्या साइबर क्राइम को रोके बिना डिजिटल लेन-देन सफल हो सकेगा? क्या ई-कामर्स कंपनियां अर्थव्यवस्था को मजबूती दे सकेंगी?
कोरोना वायरस के कारण वैश्विक व्यापार बंद है। पर्यटन और होटल व्यवसाय तबाह होने की कगार पर हैं। बाजार में पहले जैसी आर्थिक गतिविधियां नहीं हो रही हैं। संक्रमण के कारण देशों के बीच आवाजाही और सामान्य वस्तुओं का आयात-निर्यात बंद है। इसके कारण अर्थव्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। ऐसे समय में डिजिटल अर्थव्यवस्था ने मोर्चा संभाल लिया है। तमाम ई-कामर्स कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में प्रवेश करने लगी हैं। वे स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि व खुदरा क्षेत्रों में निवेश कर रही हैं। लॉकडाउन के दौरान इन कंपनियों ने लोगों को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाई है। भारत में भी डिजिटल अर्थव्यवस्था तेजी से साकार होने लगी है। नोटबंदी के दौरान भी भारत में इतना डिजिटल लेन-देन नहीं हुआ जितना कोरोना काल में हो रहा है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि आने वाले दिनों में डिजिटल अर्थव्यवस्था का बोलबाला हो जाएगा। स्थानीय और वैश्विक स्तरों पर कौशल प्रशिक्षित युवाओं के लिए रोजगार के मौके बढ़ेंगे। हालांकि भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए अभी काफी कुछ करना है। डिजिटलीकरण के लिए सरकार को गांवों तक बिजली की अबाध आपूर्ति और इंटरनेट की सुविधा सुनिश्चित करनी होगी। ऑनलाइन धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं के कारण अधिकांश लोगों का डिजिटल लेन-देन पर विश्वास नहीं है। इसे रोकने के लिए सरकार को साइबर सुरक्षा को मजबूत करना होगा। साथ ही ई-कामर्स कंपनियों की मानटरिंग भी करनी होगी ताकि वस्तुओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा छोटे दुकानदारों और कारोबारियों के हितों का भी ध्यान में रखना होगा।

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