इस महीने जारी होगी तीसरी सूची स्विस बैंक में काला धन रखने वाले भारतीयों की

नई दिल्ली। स्विस बैंक में जमा भारतीयों के काले धन का एक बार फिर पता लगने जा रहा है क्योंकि स्विस बैंक इसी महीने भारत सरकार को भारतीय खातों की तीसरी सूची सौंपेगा। बताया जा रहा है कि 2020 तक स्विस बैंक में भारतीय खातों में 20 हजार 700 करोड़ से अधिक की राशि थी, लेकिन यह राशि वैध है या अवैध इसका खुलासा होना अभी बाकी है।
भारत सरकार ने स्विट्जरलैंड सरकार के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए स्विट्जरलैंड के साथ एक समझौता किया था, जिसके तहत भारत सरकार के साथ कोई भी वित्तीय विवरण साझा किया जा सकता है, इसे देखते हुए 2019 से स्विस बैंक लगातार बैंकों को प्रदान कर रहे हैं। अपने नागरिकों के सभी देशों के लिए। खातों की जानकारी उपलब्ध कराना। भारत में सितंबर 2019 में स्विस बैंक ने पहली सूची जारी की थी, जिसे फिलहाल गुप्त रखा गया है, हालांकि अब हर साल सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के तहत सूचनाएं उपलब्ध होंगी।
2019 में पता चला कि भारतीयों के पास स्विस बैंकों में 6,625 करोड़ जमा हैं, जो 2020 में बढक़र 20 हजार 700 करोड़ हो गए, जो कि पहले की तुलना में 200त्न अधिक था, इस बार 2021 में चल और अचल संपत्ति का खुलासा जानकारी के तहत राशि है रुपये से बढऩे की उम्मीद है। भारत समेत 86 से ज्यादा देशों को एईओआई समझौते के तहत जानकारी दी जा रही है, इसके पीछे कारण यह है कि स्विस बैंक भी अपनी छवि साफ करना चाहता है क्योंकि काले धन के सामने आते ही स्विस बैंक का उल्लेख किया गया है। किस स्विस बैंक की छवि पर छूट मिलती रही।
स्विस बैंक में जमा राशि के खुलासे से भारत में हमेशा से हडक़ंप मच गया है, क्योंकि इसमें फिल्म जगत के कई उद्योगपतियों, राजनीतिक नेताओं और संस्थाओं के नाम पाए गए हैं, लेकिन इस बार सूची जा रही है बहुत लंबा हो। ऐसा नहीं है कि स्विस बैंक में जमा किया गया सारा पैसा काला धन है, दरअसल, स्विस बैंकों में बिना जानकारी के और उस राशि पर बिना टैक्स चुकाए सीधे जमा की गई राशि को काला धन कहा जाता है। भारत को भी बहुत नुकसान हुआ है, इस राशि के स्रोत की जाँच भारत की एजेंसी द्वारा की जाती है, यदि इस पर टैक्स जमा किया जाता है, तो इसे काला धन नहीं माना जाता है।

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