उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल के गठन पर सीएम योगी की मुहर
कोर्ट-मेट्रो-एयरपोर्ट की रहेगी सुरक्षा की जिम्मेदारी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) के गठन को मंजूरी दे दी है। अब कोर्ट, मेट्रो, एयरपोर्ट, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, प्रमुख धार्मक स्थलों और बैंकों की सुरक्षा यूपीएसएसएफ के जिम्मे होगी। सीआईंएसएफ की तर्ज पर उत्तर प्रदेश पुलिस की इस सुरक्षा इकाई का गठन किया जाएगा, जिसकी विशेष जिम्मेदारियां होंगी। प्रशिक्षण भी केंद्रीय सुरक्षा बलों की तरह खास होगा। पहल चरण में यूपीएसएसएफ की पांच बटालियन के गठन का निर्णय लिया गया है।
माना जा रहा है कि पीएसी के जवानों को खासतौर पर प्रशिक्षित कर यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में पहली बार यूपीएसएसएफ के गठन का निर्णय लिया। उन्होंने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी व डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को इस बल के गठन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। योगी ने कहा हैै कि वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए मेट्रो रेल, एयरपोर्ट, औद्योगिक संस्थानों, बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ-साथ जनपदीय न्यायालयों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षित बल की जरूरत है। इसके दृष्टिगत एक स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का गठन जल्द किया जाए,जो पूरी व्यवसायिक दक्षता के साथ सुरक्षा का दायित्व संभाले। उन्होंने कहा कि यूपीएसएसएफ का विशेष प्रशिक्षण कराया जाए और उन्हेंं अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली व सुरक्षा उपकरणों की जानकारी दी जाए।
राजधानी लखनऊ में बनेगा यूपीएसएसएफ का मुख्यालय
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बल उत्तर प्रदेश में मेट्रो रेल, एयरपोर्ट, औद्योगिक संस्थानों, बैंकों, वित्तीय संस्थानों, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, ऐतिहासिक, धाॢमक व तीर्थ स्थलों एवं अन्य संस्थानों, जनपदीय न्यायालयों की सुरक्षा में लगाया जाएगा। बैठक में बताया गया कि यूपीएसएसएफ का मुख्यालय लखनऊ में प्रस्तावित है। प्रथम चरण में इस बल की पांच बटालियन का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जल्द इसकी रूपरेखा तैयार कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री जय प्रसाद सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने जनवरी माह में अदालतों की सुरक्षा-व्यवस्था के लिए विशेष सुरक्षा बल के गठन का निर्देश दिया था, जिसके बाद से शासन स्तर पर इसकी कसरत चल रही थी। फरवरी माह में ही इस बल के गठन की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन कोरोना संक्रमण ने सबकुछ बदलकर रख दिया था।
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अब फुट पेट्रोलिंग .
लखनऊ। कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वह बाजार और चौराहों पर भीड़ न एकत्र होंने दें। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए फुट पेट्रोलिंग निरंतर करें। लोग मास्क पहनकर ही बाहर निकलें और शारीरिक दूरी के नियमों का सख्ती से पालन किया जाए। मुख्यमंत्री ने वज्रपात से हुई मौतों पर भी चिंता जताई। उन्होंने सोनभद्र में आकाशीय बिजली गिरने से हुई मौत पर शोक व्यक्त किया और दिवंगतों के परिवारीजनों को चार-चार लाख रुपये की राहत राशि तत्काल वितरित करने और घायलों का समुचित इलाज कराने के निर्देश दिए। साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में कोविड-19 हेल्प डेस्क जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिए। इस हेल्प डेस्क पर इंफ्रारेड थर्मामीटर, पल्स आक्सीमीटर आदि की व्यवस्था हो और लोगों को बचाव के उपाय भी बताए जाएं। मुख्यमंत्री योगी ने रैपिड एंटीजन टेस्ट को और बढ़ावा देने के आदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रम, महिला संरक्षण गृह व बालगृह में रैंडम चेकिंग कर संक्रमण को नियंत्रित किया जाए।
अब डॉक्टरों की डिग्री और प्रमाण-पत्रों की होगी जांच
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने केजीएमयू, लोहिया संस्थान, पीजीआई सहित प्रदेशभर के मेडिकल संस्थानों से मांगी जानकारी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। शिक्षिका अनामिका प्रकरण के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने भी सभी मेडिकल कॉलेज व संस्थानों से डॉक्टरों के प्रमाण-पत्रों का ब्यौरा तलब किया है। शासन के आदेश के बाद केजीएमयू प्रशासन ने जारी तय प्रोफार्मा में जानकारी भरकर भेजने को कहा था। उसके बाद अब फिर से केजीएमयू ने दूसरा प्रोफार्मा भेजा है, उसमें प्रमाण-पत्रों की पूरी जानकारी मांगी गई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव मार्कंडेय शाही ने 22 जून को सभी मेडिकल संस्थानों के संकाय सदस्यों के प्रमाणपत्रों की जांच कराने का फैसला किया है।
केजीएमयू, लोहिया संस्थान, पीजीआई सहित प्रदेश भर के संस्थानों से जानकारी तलब की। विभागों में कार्यरत डॉक्टरों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन करके उनकी रिपोर्ट भेजी जाए। 23 जून को केजीएमयू प्रशासन ने एक प्रोफार्मा जारी किया। इस प्रोफार्मा में संबंधित विभाग के डॉक्टरों की मार्कशीट, प्रमाणपत्र, मेडिकल व डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया में पंजीकरण का प्रमाण पत्र, अनुभव प्रमाण पत्र, नियुक्ति पत्र, कार्यभार ग्रहण करने का चार्ज सर्टिफिकेट देने का निर्देश किया। यह सभी पत्र संबंधित संकाय सदस्य को स्व हस्ताक्षरित करके जमा करना था। इससे केजीएमयू में हलचल बढ़ गई थी। अब कुलसचिव की तरफ से जारी किए गए प्रोफार्मा में सिर्फ डिग्री व एमसीआई का प्रमाण पत्र मांगा गया है।