कांटा लगा फेम शेफाली जरीवाला की रहस्यमयी मौत!
पहले भी हो चुकीं हैं ऐसी मौतें, क्या मिलेगा न्याय, इंडस्ट्री स्तब्ध, ट्रैजडी डेथ, जहर का एंगल जांच का विषय

फॉरेंसिक टीम ने कुक मेड को लिया हिरासत में
पति पराग त्यागी ने पहुंचाया था अस्पताल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। कांटा लगा सांग से करोड़ों भारतीयों के दिलों पर राज करने वाली शेफाली जरीवाला अब हमारे बीच नहीं है। सिर्फ 42 वर्ष की अल्पआयु में बीती रात उनका निधन हो गया। प्रथम दृष्टता हार्ट अटैक से उनकी मौत बताई जा रही है।
लेकिन मुंबई पुलिस और फांरेंसिक लैब के लोगों द्वारा शैफाली के घर की तलाशी और कुक और मेड को पूछताछ के लिए देर रात अपने साथ ले जाना किसी बड़े संदेह को जन्म दे रहा है। अब शैफाली का पोस्टमॉर्टम होगा और उसके बाद ही पुख्ता तौर पर कहा जा सकता है कि उनको जहर देकर मारा गया या फिर उनकी नेचुरल डेथ है। शैफाली की तबियत खराब होने पर उनके पति पराग त्यागी उन्हें हास्पिटल ले गये थे जहां डाक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कुक/मेड से पूछताछ जारी
मुंबई पुलिस रात एक बजे शैफाली के घर पहुंची और वहां मौजूद परिवार के सदस्यों से पूछताछ की। पुलिस पता लागने की कोशिश कर रही है कि मौत से पहले क्या-क्या हुआ? कैसे उनकी हालत बिडग़ी इन सभी चीजों की जांच की जा रही है इसी के साथ रात में, शेफाली के घर काम करने वाली उनके कुक और मेड को पूछताछ के लिए अंबोली पुलिस स्टेशन ले जाया गया है। शैफाली की मौत के पीछे की वजह अभी भी स्पष्ट नहीं है। शैफाली के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए कूपर अस्पताल भेजा गया है।
दिव्या भारती से शैफाली तक
शेफाली की मौत ने एक बार फिर इंडस्ट्री में चमकते चेहरों के पीछे छुपे अंधेरे को उजागर कर दिया है। शैफाली पहली ऐसी महिला कलाकार नहीं है जिनकी रहस्मयी मौत से बालीवुड स्तब्ध है। इससे पहले दिव्या भारती, श्रीदेवी जैसे कलाकारों की भी रहस्मयी मौत हुई हैं। बड़ा सवाल यही है कि क्या यह एक दुखद दुर्घटना है या फिर इसके पीछे कोई गहरी साज़िश है? क्या पराग त्यागी और शेफाली के बीच घरेलू कलह इस त्रासदी की वजह बनी, या घर के ही किसी अन्य सदस्य ने विश्वासघात किया? इन तमाम सवालों के जवाब आने वाले कुछ दिनों में मिल सकते हैं। लेकिन तब तक शैफाली के चाहने वालों और इंडस्ट्री के लिए यह एक ऐसी अपूर्ण कहानी है, जो अधूरी रह गई।
कहीं आत्महत्या तो नहीं?
मनोरंजन जगत से जुड़े फिल्मी रिपोर्टस और उनके सोशल मीडिया एकाउंट पर उनकी फीड से अब यह भी सवाल उठ रहे है कि कहीं उन्होंने आत्महत्या तो नहीं कि। सोशल मीडिया पर शैफाली की कुछ पोस्ट्स में उन्होंने इमोशनल फैटीग और फीलिंग लॉस्ट जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। क्या यह कोई आत्महत्या थी या हत्या, पुलिस फिलहाल सभी एंगल्स की जांच कर रही है। पुलिस कमिशनर ने कहा है कि हम अभी इसे संदिग्ध मौत के रूप में देख रहे हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के बाद ही हम किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं।
इंडस्ट्री स्तब्ध शोक की लहर
शैफाली के निधन की खबर से उनके फैंस एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के सितारे आहत हैं। गायक मीका सिंह समेत अन्य सेलेब्स ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपना दुख व्यक्त किया। शैफाली अपने हिट गाने कांटा लगा और बिग बॉस 13 में अपनी उपस्थिति के लिए जानी जाती थीं। गायक मीका सिंह ने इंस्टाग्राम पर लिखा है कि मैं बहुत सदमे में हूं दुखी हूं और मेरा दिल भारी है। हमारी प्यारी दोस्त शेफाली हमें छोडक़र चली गई। अभी भी यकीन नहीं हो रहा है। शेफाली तुम्हारी शालीनता, मुस्कुराहट और जिंदादिली के लिए आपको हमेशा याद किया जाएगा। अभिनेता अली गोनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। अली ने लिखा शेफाली जरीवाला के अचानक निधन की खबर सुनकर स्तब्ध और दुखी हूं। जीवन अप्रत्याशित है। तहसीन पूनावाला ने भी सदमे में हैं। उन्होंने लिखा मेरी दोस्त शेफाली के निधन की खबर सुनकर मैं शॉक्ड हूं। वह मेरे साथ बिग बॉस 13 में थीं। विश्वास नहीं हो रहा कि सिद्धार्थ शुक्ला और अब वह इस दुनिया में नहीं हैं। उनके चाहने वालों को प्यार और सांत्वना। ओम शांति। अभिनेता पारस छाबड़ा ने इंस्टाग्राम पर शेफाली के साथ तस्वीर शेयर करते हुए लिखा किसी कि जिंदगी कितनी लिखी है कोई नहीं जानता किसकी कितनी सांस है कोई नहीं जानता।
रेप के आरोपी का टीएमसी से कोई संबंध नहीं: शशि
कोलकाता रेप मामले पर बोलीं मंत्री- पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। कोलकाता में कथित सामूहिक बलात्कार मामले पर पश्चिम बंगाल के मंत्री शशि पांजा ने कहा कि नाम और धर्म जानने के लिए तत्काल पोस्टमार्टम और शव विच्छेदन किया गया। आपको घटना की निंदा करनी चाहिए। अब आप तस्वीरें दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा छात्रों को बलात्कार करना नहीं सिखा रही है।
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और शिकायत के 12 घंटे के भीतर तीन लोगों को पकड़ लिया गया। वे हिरासत में हैं और जांच जारी है। उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं और पीड़िता का बयान दर्ज कर लिया गया है। उसने आरोपी का नाम बताया है। इसे गंभीरता से लिया गया है। मंत्री ने कहा कि उसका इलाज चल रहा है, यह बहुत गंभीर घटना है और जब ऐसी गंभीर घटनाएं होती हैं तो राज्य सरकार और पश्चिम बंगाल पुलिस चुप नहीं बैठती, बल्कि तेजी से कार्रवाई करती है। हम नहीं चाहते कि ऐसी कोई घटना हो। ऐसी घटनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका (आरोपी का) धर्म, जाति, नाम और पहचान कोई मायने नहीं रखती। अगर वे किसी संगठन से जुड़े हैं, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
मंत्री ने दावा किया कि भाजपा सोच भी नहीं सकती कि कोलकाता पुलिस ने जिस तरह से कार्रवाई की। उन्होंने बदनाम करना शुरू कर दिया, अगर वे बंगाल में एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में रहना चाहते हैं, तो उन्हें जिम्मेदारी से व्यवहार करना होगा। उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस के पास जब 12 घंटे के अंदर शिकायत पहुंची तो पुलिस ने तुरंत 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें पुलिस हिरासत में ले लिया। अभी जांच चल रही है। जैसा कि पीडि़ता ने बताया, तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पीडि़ता का बयान भी दर्ज कर लिया गया है।
तमिलनाडु में पटरी से उतरी पैसेंजर ट्रेन, बड़ा हादसा टला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। तमिलनाडु के रानीपेट जिले में एक ट्रेन पटरी से उतर गई, जिसके बाद थोड़ी देर के लिए अफरातफरी मच गई थी। जिले के चिट्टेरी रेलवे स्टेशन पर अराकोणम-कटपडी मेमू पैसेंजर ट्रेन (66057) पटरी से उतर गई थी।
हालांकि, इस घटना में किसी के घायल होने या हताहत होने की खबर नहीं है।बताया जा रहा है कि ट्रेन के चित्तेरी स्टेशन से रवाना होने के कुछ ही समय के बाद पटरी से उतरने की घटना हुई। प्रत्यक्षदर्शियों और शुरुआती जांच में पता चला है कि लोको पायलट द्वारा ट्रेन को तुरंत रोकने से पहले तेज आवाज सुनी गई थी। घटनास्थल से जो तस्वीरें सामने आई है, उसे देखकर पता चल रहा है कि ट्रेन के पटरी से उतरने के स्थान पर रेलवे ट्रैक का एक हिस्सा स्पष्ट रूप से टूटा हुआ दिखाई दे रहा है।
बिहार में चुपचाप एनआरसी लागू कर रहा चुनाव आयोग: ओवैसी
विधानसभा चुनाव से पहले ओवैसी का बड़ा आरोप
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हैदराबाद। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग पर आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में गुप्त रूप से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि नए नियमों के तहत लोगों को अपने और अपने माता-पिता के जन्म विवरण को दस्तावेजों के माध्यम से साबित करना होगा, जो कई गरीब नागरिकों, खासकर बाढ़ प्रभावित सीमांचल में, के पास नहीं है।अपने एक्स पोस्ट में ओवैसी ने कहा कि निर्वाचन आयोग बिहार में गुप्त तरीक़े से एनआरसी लागू कर रहा है। वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने के लिए अब हर नागरिक को दस्तावेज़ों के ज़रिए साबित करना होगा कि वह कब और कहाँ पैदा हुए थे, और साथ ही यह भी कि उनके माता-पिता कब और कहाँ पैदा हुए थे।
तमिलनाडु के लोगों को धर्म और जाति के नाम पर बांटने की कोशिश कर रहा केंद्र: स्टालिन
मुख्यमंत्री का बीजेपी और एआईडीएमके पर निशाना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने धर्म के नाम पर इस्तेमाल की जा रही नकली आध्यात्मिकता और राजनीतिक नौटंकी की तीखी आलोचना की है और चेतावनी दी है कि राज्य में इस तरह की रणनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उनकी टिप्पणी हिंदू मुन्नानी द्वारा हाल ही में आयोजित मुरुगन भक्तरगल मानदु (भगवान मुरुगन भक्त सम्मेलन) की पृष्ठभूमि में आई है, जिसे व्यापक रूप से भाजपा द्वारा राजनीतिक पहुंच बढ़ाने के कदम के रूप में देखा गया था।
स्टालिन ने आरोप लगाया कि भाजपा, एआईएडीएमके के साथ मिलकर तमिलनाडु की आबादी को धार्मिक और जातिगत आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र में बैठे लोग तमिलनाडु के लोगों को धर्म, जाति आदि के नाम पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं और वे ऐसा लगातार कर रहे हैं।
जब वे ऐसा नहीं कर पाए, तो उन्होंने यहां एआईएडीएमके पार्टी से हाथ मिला लिया। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि भाजपा दावा कर रही है कि तमिलनाडु में धर्म खतरे में है, लेकिन वास्तविकता यह है कि उनका गठबंधन खतरे में है। उन्होंने कहा कि नकली आध्यात्मिकता और राजनीतिक नाटक को राज्य में कोई जगह नहीं मिलेगी। सीएम ने कहा कि भाजपा ने शुरू में मिस्ड कॉल अभियानों के माध्यम से अपनी सदस्यता बढ़ाने की कोशिश की, और जब वह विफल हो गई, तो अब वह राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग कर रही है।
मुख्यमंत्री का यह बयान मुरुगन सम्मेलन में भाग लेने वाले एआईएडीएमके नेताओं की आलोचना के बाद आया है, जिसने इस कार्यक्रम में दिखाए गए वीडियो क्लिप के बाद विवाद को जन्म दिया था, जिसमें कथित तौर पर पेरियार और पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरई जैसे तर्कवादी प्रतीकों को नकारात्मक रूप में दिखाया गया था। हालाँकि एआईडीएमके ने आधिकारिक तौर पर खुद को कार्यक्रम से अलग कर लिया, लेकिन इसके कई पूर्व मंत्रियों की मौजूदगी ने राजनीतिक गर्मी पैदा कर दी।



