चीन के साथ सीमा पर हालाता है चुनौतीपूर्ण : विदेश सचिव

नई दिल्ली। भारत ने चीन से दो टूक कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी संबंध तभी संभव हो सकते हैं, जब सीमावर्ती इलाकों में शांति हो। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, हमने चीनी पक्ष को स्पष्ट कर दिया है कि हमारे संबंधों के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और धैर्य आवश्यक है। भारत और चीन के बीच संबंधों का विकास तीन आपसी संबंधों पर आधारित है, जिसमें आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित शामिल हैं। विदेश सचिव का बयान भारत और चीन के बीच तनाव के संदर्भ में आया है।
अफगानिस्तान की स्थिति पर उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोस, विशेषकर अफगानिस्तान और हमारी पूर्वी सीमाओं पर चीन की स्थिति हमें याद दिलाती है कि जहां नई वास्तविकताएं खुद को महसूस कर रही हैं, वहीं पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियां बनी हुई हैं।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि हमारे पड़ोस की स्थिति हमें नई वास्तविकताओं से अवगत करा रही है। हम चीन के साथ नई वास्तविकताओं को महसूस कर रहे हैं, विशेष रूप से अफगानिस्तान में और हमारी पूर्वी सीमाओं पर, जबकि पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियां बनी हुई हैं। हमने चीनी पक्ष को स्पष्ट कर दिया है कि हमारे संबंधों का विकास है, इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और धैर्य आवश्यक है। भारत-चीन संबंधों का विकास केवल ‘तीन आपसी’ – आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हितों पर आधारित हो सकता है। विदेश सचिव ने कहा कि हमने चीनी पक्ष को स्पष्ट कर दिया है कि हमारे संबंधों के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और धैर्य आवश्यक है।
भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए अमेरिकी राजधानी पहुंचे थे। श्रृंगला उन कुछ विदेशी अधिकारियों में से एक हैं जिन्होंने 20 साल पुराने युद्ध से अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद बिडेन प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी।

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