छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ भाजपा ने खोला मोर्चा इस मसले पर
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर राजनीति तेज होती जा रही है। भाजपा एसटी मोर्चा की कार्यकारिणी की बैठक में धर्मांतरण का मसला पूरी तरह से छाया रहा। भाजपा के नेताओं ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर जनजाति को नुकसान पहुंचाने के गंभीर आरोप लगाए। दरअसल, वर्ष 2018 में सत्ता परिवर्तन के बाद से छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा गर्म है। हाल ही में सरगुजा में रोहिंग्याओं को बसाने के लिए लाए गए प्रस्ताव पर जबर्दस्त हंगामे के बाद अब भाजपा इसे भुनाने की कोशिश कर रही है। भाजपा प्रदेश भर में प्रचार कर धर्मांतरण के मुद्दे पर सरकार का विरोध कर रही है।
भाजपा मोर्चा प्रकोष्ठ कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने रायपुर पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने धर्मांतरण के मुद्दे से किसी को अछूता नहीं बताया। मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ में ऐसी स्थिति हुई है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा कोई वर्ग नहीं है जो यहां पर अछूता हो और जो धर्मांतरण की जद में नहीं आया है।
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी धर्मांतरण पर सरकार पर हमलावर के दिखे। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में रमन सिंह ने कहा कि यहां छल-कपट और अन्य तरीकों से धर्मांतरण किया जा रहा है। धर्मांतरण के जरिए यहां डेमोग्राफी बदलने की बड़ी साजिश की जा रही है।
इसके साथ ही एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने कहा कि राज्य सरकार ने जानबूझकर विश्प के पुजारियों को आदिवासी आयोग में रखा है, जिससे साबित होता है कि सरकार जानबूझकर जनजातियों को नुकसान पहुंचा रही है।
धर्मांतरण के मुद्दे पर तीखे रुख अपनाते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में यह इतना गंभीर है कि मैंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखकर इसका संज्ञान लेकर कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय आदिवासी आयोग को भी अलग-अलग माध्यमों से अन्य वर्गों द्वारा आदिवासी जमीन की खरीद के संबंध में पत्र लिखा है।