विपक्ष की घेराबंदी से घबरायी भाजपा : खराब प्रदर्शन करने वाले विधायक होंगे दरकिनार, मचा हड़कंप
- कोरोना और कृषि कानूनों समेत कई मुद्दों पर विपक्ष के हमलावर तेवर से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व परेशान
- दिल्ली पहुंचे कई विधायकों के रिपार्ट कार्ड, मिशन 2022 के लिए नयी रणनीति बनाने की तैयारी
- पीएम मोदी से लेकर भाजपा अध्यक्ष नड्डा तक की है यूपी की सियासत पर नजर
- विपक्ष बोला, कुछ भी कर ले भाजपा, नाराज जनता चुनाव में सिखाएगी सबक
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। विधान सभा चुनाव की आहट के साथ कोरोना, कृषि कानूनों और महंगाई समेत विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के आक्रामक तेवर देखकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के राष्टï्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक यूपी के पल-पल बदल रहे सियासी दांव-पेंच पर नजर रखे हुए हैं। खुद नड्डा मिशन 2022 के लिए उत्तर प्रदेश की नब्ज देखने यहां पहुंचे और साफ तौर पर कह दिया है कि खराब प्रदर्शन करने वाले विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों का जगह दी जाएंगी। शीर्ष नेतृत्व के तेवर देखकर विधायकों में हड़कंप मच गया है। वहीं विपक्ष का कहना है कि भाजपा हर मोर्चे पर नाकाम रही है और अब वह कुछ भी कर ले जनता उसे खबक सिखाएगी। जैसे-जैसे विधान सभा चुनाव नजदीक आता जा रहा है उत्तर प्रदेश का सियासी तापमान गर्म हो रहा है। विपक्ष विभिन्न मुद्दों को लेकर सड़क पर उतर चुका है और सरकार से सवाल पूछ रहा है। दूसरी ओर भाजपा विपक्ष की काट खोजने में जुटी हुई है। खुद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा चुनावी रणनीति बनाने के लिए लखनऊ दौरे पर पहुंचे। खराब प्रदर्शन करने वाले कई विधायकों के रिपोर्ट कार्ड देखकर शीर्ष नेतृत्व की चिंता बढ़ गयी है। यही नहीं प्रदेश सरकार के कई विधायकों और मंत्रियों पर भ्रष्टïाचार के गंभीर आरोप भी लग चुके हैं। इसके अलावा कोरोना, महंगाई और किसानों के मुद्दे पर भी सरकार को विपक्ष ने घेर लिया है। भाजपा नेतृत्व को पता है कि अगर विपक्ष की काट नहीं खोजी गयी तो विधान सभा चुनाव में उनके लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी। यही वजह है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने खराब प्रदर्शन करने वालों को दरकिनार करने का खुला ऐलान कर दिया है। जाहिर है इससे दिग्गज भाजपा विधायकों के टिकट कट सकते हैं। इससे विधायकों और मंत्रियों में हड़कंप मच गया है।
पार्टी की अंदरूनी खींचतान से निपटना भी चुनौती
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश सरकार और संगठन में चल रही खींचतान से भी परेशान है। पिछले दिनों जिस तरह मामले को संभालने के लिए दिल्ली से लेकर लखनऊ तक ताबड़तोड़ बैठकें हुई थीं, उससे भी संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। भाजपा अध्यक्ष की नसीहत भी इसकी पुष्टिï करती है। पिछले दिनों उन्होंने साफ तौर पर हिदायत दी थी कि चुनाव से पहले सभी मतभेद दूर कर लें। जो रूठे हैं उन्हें मनाएं। जाहिर है पार्टी नेतृत्व को पता है कि अगर अंदरूनी लड़ाई सड़क पर आयी तो चुनाव में भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है।
खराब प्रदर्शन करने वाले विधायक अपने में सुधार लाएं वरना टिकट कट जाएगा। 2022 के विधान सभा चुनाव में नए चेहरों को मौका मिलेगा।
जेपी नड्डा, राष्टï्रीय अध्यक्ष, भाजपा
यदि भाजपा खराब प्रदर्शन पर विधायकों के टिकट काटेगी तो उसे सभी विधायकों के टिकट काटने होंगे क्योंकि किसी ने भी कोई काम नहीं किया है। वैसे भाजपा अब चाहे जो कुछ भी कर ले वह दोबारा सत्ता में नहीं आएगी। जनता उसको सबक सिखाएगी।
अब्दुल हफीज गांधी, प्रवक्ता, सपा
भाजपा राज में उनके विधायकों के ही काम नहीं किये गए जिससे वे अपने वोटर के बीच हमेशा अपमानित होते रहे । आज विधायकों को बदल के किसी बदलाव का संदेश देने की हास्यास्पद कोशिश हो रही है। भाजपा को अपने शीर्ष नेता और अपनी बदनीयत को बदलने की जरूरत है। लाशों पर से कफन नोंचने के दृश्य विधायक बदलने से नहीं भूले जाएंगे।
वैभव माहेश्वरी, प्रवक्ता, आप
भाजपा सरकार से जनता परेशान है। भाजपा, विधायकों के टिकट काटकर नए पर भी दांव लगा दें तो भी दोबारा सत्ता में नहीं आ पाएगी। कोरोना संकट में विधायकों और मंत्रियों ने जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया, उनकी मदद नहीं की। जनता को भ्रमित करने के लिए भाजपा इस तरह का बयान दे रही है।
अजय कुमार लल्लू, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
भाजपा सरकार ने सभी वर्गों को धोखा दिया है। उत्तर प्रदेश की जनता अब इनको पहचान चुकी है। अब चाहे वे विधायकों के टिकट काटें या कुछ और करें उनकी उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। अब वह सत्ता में नहीं आने वाली है।
अनिल दुबे, राष्टï्रीय सचिव, आरएलडी