जन विरोधी है केंद्र और राज्य सरकार का चरित्र : अखिलेश यादव

  • कृषि कानूनों के जरिए पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है भाजपा
  • राजनीति की नैतिकता को किया गया दूषित, किसानों को नहीं मिला एमएसपी

लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को डॉक्टर राममनोहर लोहिया सभागार में सैकड़ों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र को बचाने का अंतिम अवसर 2022 है। उत्तर प्रदेश में चुनाव की जनप्रतिक्रिया शुरू हो चुकी है। भाजपा ने राज्य की जनता का चार वर्ष से अधिक समय बर्बाद कर दिया है। भाजपा की चालों से सावधान रहना है। भाजपा राग-द्वेष से सरकार चला रही है। विधानसभा चुनाव आने तक भाजपा कई रंग दिखाएगी। उन्होंने कहा कि सपा कार्यकर्ता निष्ठा से सक्रिय रहे। यूपी में 350 सीट का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए रात-दिन काम करना पड़ेगा। केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार का चरित्र जन विरोधी है। किसान बिल के द्वारा भाजपा किसानों का भविष्य खराब कर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है। काले कृषि कानून से खेत का मालिकाना अधिकार किसानों के हाथ से निकल जाएगा। भाजपा सुविधा के नाम पर असुविधा की व्यवस्था करती है। सरकार ने मंडी व्यवस्था की उपेक्षा की है। अन्नदाता को उसकी फसल का एमएसपी नहीं मिला। किसानों की आय दूर-दूर तक दोगुनी होने की कोई सम्भावना नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा जनता को तात्कालिक लालच में फंसा कर लोकतंत्र की हत्या का इंतजाम कर रही है। आत्म निर्भर भारत की सरकार में भाजपा के कुछ पंूजीपतियों की दौलत कई गुना बढ़ गई। यह कौन सी अर्थव्यवस्था है, जो देश को खोखला कर रही है? भाजपा ने राजनीति की नैतिकता को बट्टा लगाया है। इससे जनता के विश्वास को ठेस पहुंचती है। सिद्धांतों से समझौता नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र के साथ छल होगा तो यह स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों का अपमान है। भाजपा ने राजनीति की नैतिकता को दूषित किया है।

लोकतंत्र को बचाने की उठानी होगी जिम्मेदारी

अखिलेश यादव ने कहा देश में बेकारी की समस्या बढ़ती जा रही है। सरकार की दोषपूर्ण नीतियों से करोड़ों लोगों का नुकसान हुआ है। भाजपा के पूंजीपति मुनाफे में कैसे पहुंचे? इसकी जांच होनी चाहिए। संवैधानिक मूल्यों का संकट गहराता जा रहा है। देश के लिए यह चिन्ताजनक है। ऐसे दौर में समाजवादियों की बड़ी जिम्मेदारी है जिससे लोकतंत्र को बचाने में सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया जा सके।

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